षष्ठी श्राद्ध पर हिंदी कविता-🙏🏼💧🍚❤️🕊️✨

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Atul Kaviraje

षष्ठी श्राद्ध-

षष्ठी श्राद्ध पर हिंदी कविता-

१. पहला चरण
आई षष्ठी की पावन तिथि,
पितृों का तर्पण है आज।
श्रद्धा सुमन अर्पित कर,
करो उनका सम्मान काज।
अर्थ: षष्ठी की पवित्र तिथि आई है, आज पितरों का तर्पण करने का दिन है। श्रद्धा के फूल अर्पित करके उनका सम्मान करें।

२. दूसरा चरण
हाथों में लेकर जल-कुश,
मन में है पितृों का वास।
उनके लिए करो प्रार्थना,
हो उनकी आत्मा को शांति और विश्वास।
अर्थ: हाथ में जल और कुश लेकर मन में पितरों का वास है। उनकी आत्मा की शांति और विश्वास के लिए प्रार्थना करें।

३. तीसरा चरण
जो हमसे बिछड़ गए दूर,
उनको दें हम श्रद्धा से भोजन।
तिल-जौ से करें तर्पण,
मिले उन्हें मोक्ष का साधन।
अर्थ: जो हमसे दूर चले गए हैं, उन्हें हम श्रद्धा से भोजन दें। तिल और जौ से तर्पण करके उन्हें मोक्ष का साधन मिले।

४. चौथा चरण
कौए को भोजन है देना,
गाय को घास भी खिलाना।
कुत्ते को भी रोटी देना,
पितृों को है प्रसन्न कराना।
अर्थ: श्राद्ध में कौवे, गाय और कुत्ते को भोजन देना शुभ माना जाता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।

५. पाँचवाँ चरण
न हो कोई दिखावा, न हो कोई अहंकार,
बस मन में हो भक्ति और प्यार।
यही सच्ची श्रद्धांजलि है,
जो ले जाए पितरों को भवपार।
अर्थ: श्राद्ध में दिखावा या अहंकार नहीं होना चाहिए। मन में सिर्फ सच्ची भक्ति और प्यार हो। यही सच्ची श्रद्धांजलि है, जो पितरों को मोक्ष दिलाती है।

६. छठा चरण
परिवार में आए सुख-शांति,
जब हो पितरों का आशीर्वाद।
दूर हो जाएँ सब दुख-कष्ट,
आए घर में खुशियों का स्वाद।
अर्थ: जब पितरों का आशीर्वाद मिलता है, तो परिवार में सुख और शांति आती है। सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में खुशियां आती हैं।

७. सातवाँ चरण
यह परंपरा है हमारी,
जो पीढ़ियों से चली है।
इसे निभाना है हमारा धर्म,
क्योंकि यही हमें मुक्ति दिलाती है।
अर्थ: श्राद्ध की यह परंपरा हमारी संस्कृति का हिस्सा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। इसे निभाना हमारा धर्म है, क्योंकि यह हमें मुक्ति दिलाती है।

इमोजी सारांश: 🙏🏼💧🍚❤️🕊�✨

--अतुल परब
--दिनांक-12.09.2025-शुक्रवार.
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