मैराळस्वामी पुण्यतिथी पर हिंदी कविता-🙏🏼❤️✨🕊️

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Atul Kaviraje

मैराळस्वामी पुण्यतिथी-डफळापूर, तालुका-जत-

मैराळस्वामी पुण्यतिथी पर हिंदी कविता-

१. पहला चरण
आई पुण्यतिथि आज,
मैराळस्वामी का है सम्मान।
डफळापूर की धरती पर,
बिखरा है भक्ति का ज्ञान।
अर्थ: आज मैराळस्वामी की पुण्यतिथी है, उनके सम्मान का दिन है। डफळापूर की धरती पर उनकी भक्ति का ज्ञान बिखरा हुआ है।

२. दूसरा चरण
सादा जीवन, उच्च विचार,
दिया उन्होंने यह उपदेश।
हर दिल में उनकी भक्ति,
प्यार और सेवा का संदेश।
अर्थ: उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार का उपदेश दिया। उनके हर भक्त के दिल में प्यार और सेवा का संदेश है।

३. तीसरा चरण
जहाँ समाधि उनकी बनी,
वो जगह है पावन।
हर वर्ष आते हैं भक्त,
करते हैं मन का समर्पण।
अर्थ: जिस जगह उनकी समाधि बनी, वह स्थान पवित्र है। हर साल भक्त यहाँ आकर अपने मन का समर्पण करते हैं।

४. चौथा चरण
अंधविश्वास को दूर भगाया,
ज्ञान की मशाल जलाई।
हर प्राणी में देखा भगवान,
यह सीख उन्होंने सिखाई।
अर्थ: उन्होंने अंधविश्वासों को दूर किया और ज्ञान की ज्योति जलाई। उन्होंने हर प्राणी में भगवान को देखा, यही सीख उन्होंने दी।

५. पाँचवाँ चरण
चमत्कारों से भरी कहानी,
उनकी महिमा है महान।
सबके दुख-दर्द को दूर किया,
दिया उन्होंने जीवनदान।
अर्थ: उनकी कहानी चमत्कारों से भरी है, उनकी महिमा महान है। उन्होंने सभी के दुख-दर्द दूर किए और उन्हें नया जीवन दिया।

६. छठा चरण
भजन-कीर्तन की गूँज,
है भक्तों की भीड़।
सच्ची श्रद्धा का यह प्रतीक,
है प्रेम की एक लंबी लकीर।
अर्थ: भजन-कीर्तन की गूंज और भक्तों की भीड़, उनकी सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है।

७. सातवाँ चरण
आज के दिन यह संकल्प लें,
उनके मार्ग पर चलेंगे।
उनकी शिक्षाओं को अपनाकर,
हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे।
अर्थ: आज के दिन हम यह संकल्प लें कि हम उनके बताए रास्ते पर चलेंगे। उनकी शिक्षाओं को अपनाकर हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे।

इमोजी सारांश: 🙏🏼❤️✨🕊�

--अतुल परब
--दिनांक-12.09.2025-शुक्रवार.
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