सप्तमी श्राद्ध: पूर्वजों का स्मरण और उनका आशीर्वाद- 🌸 सप्तमी श्राद्ध पर कविता

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2025, 02:44:13 PM

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Atul Kaviraje

सप्तमी श्राद्ध-

सप्तमी श्राद्ध: पूर्वजों का स्मरण और उनका आशीर्वाद-

🌸 सप्तमी श्राद्ध पर कविता 🌸-

1. पितृ पक्ष की ये है बेला,
सप्तमी तिथि का है मेला।
पूर्वजों की यादों का सफर,
अँधेरे में जैसे हो सहर।
(अर्थ: यह पितृ पक्ष का समय है, और सप्तमी तिथि का एक विशेष अवसर है। यह हमारे पूर्वजों को याद करने का सफर है, जो जीवन के अंधकार में एक नई सुबह जैसा है।)

2. जल की अंजुली, तिल का दान,
पितरों को देते हैं सम्मान।
सूक्ष्म रूप में आते हैं वे,
हमारे तर्पण को स्वीकारते हैं वे।
(अर्थ: हम पानी की अंजुली और तिल दान करके अपने पूर्वजों को सम्मान देते हैं। माना जाता है कि वे सूक्ष्म रूप में आकर हमारे द्वारा अर्पित की गई चीजों को स्वीकार करते हैं।)

3. घर-आँगन में शांति छाए,
पितरों का आशीर्वाद आए।
वंशज उनके गुणगान गाएँ,
सुख-समृद्धि जीवन में पाएँ।
(अर्थ: श्राद्ध करने से घर में शांति आती है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। जब वंशज उनका गुणगान करते हैं, तो वे उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।)

4. ब्राह्मण भोजन, दान-दक्षिणा,
ये है हमारी सच्ची प्रार्थना।
कौए, गाय, कुत्ते को खिलाकर,
पितरों को हम तृप्त करें।
(अर्थ: ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान-दक्षिणा देना हमारी सच्ची प्रार्थना है। कौए, गाय और कुत्तों को भोजन कराकर हम अपने पितरों को तृप्त करते हैं।)

5. बीते पल की यादें गहरी,
अतीत की है ये एक फेरी।
हमें अपनी जड़ों से जोड़े,
भूलने का कोई रास्ता न छोड़े।
(अर्थ: यह दिन हमें बीते हुए पलों और हमारे गहरे अतीत की याद दिलाता है। यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है ताकि हम उन्हें कभी न भूलें।)

6. पितृ दोष का हो निवारण,
शांति मिले, मिले मोक्ष का कारण।
जीवन की हर बाधा दूर हो,
हर मुश्किल से हम पार हों।
(अर्थ: यह श्राद्ध पितृ दोष को दूर करता है, जिससे पितरों को शांति और मोक्ष मिलता है। इससे हमारे जीवन की हर बाधा दूर होती है और हम हर मुश्किल को पार कर पाते हैं।)

7. आज करें संकल्प ये,
पूर्वजों का सम्मान करें।
जीवन को सार्थक बनाएँ,
खुशियों से हर पल जिएँ।
(अर्थ: आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हमेशा अपने पूर्वजों का सम्मान करेंगे और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे और हर पल खुशियों से जिएंगे।)

--अतुल परब
--दिनांक-13.09.2025-शनिवार.
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