अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस: जनता की शक्ति का उत्सव-

Started by Atul Kaviraje, September 16, 2025, 04:04:36 PM

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Atul Kaviraje

जIगतिक लोकशाही दिन-
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस-कारण-जागरूकता, संघीय-

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस: जनता की शक्ति का उत्सव-

लोकतंत्र दिवस पर कविता-

(1)
पंद्रह सितंबर का दिन है आज,
लोकतंत्र का है यह खास ताज।
जनता की शक्ति का पर्व है,
यह हमें बताता है हर राज।
अर्थ: 15 सितंबर का दिन खास है, क्योंकि आज लोकतंत्र का ताज है। यह जनता की शक्ति का पर्व है और हमें हर राज बताता है।

(2)
जनता का शासन, जनता का राज,
यही है लोकतंत्र का सच्चा आज।
हर व्यक्ति का है अधिकार,
अपनी सरकार चुनने का।
अर्थ: जनता का शासन और जनता का राज ही लोकतंत्र का सच्चा अर्थ है। हर व्यक्ति को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है।

(3)
समानता और स्वतंत्रता,
यही है इसकी पहचान।
बिना किसी भेद-भाव के,
बढ़ता है सबका मान।
अर्थ: समानता और स्वतंत्रता ही लोकतंत्र की पहचान है। यह बिना किसी भेदभाव के सभी का सम्मान बढ़ाता है।

(4)
जवाबदेह है सरकार यहाँ,
जनता का है हर काम।
मिलकर सब काम करें,
सदा हो सबका नाम।
अर्थ: यहाँ सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और हर काम जनता के लिए होता है। सभी को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि सबका नाम हो।

(5)
पितृ-सत्ता का भेद मिटाया,
सबको मानवता सिखाई।
प्रेम और सद्भाव का दीप,
घर-घर में उन्होंने जलाई।
अर्थ: उन्होंने जाति-पात का भेद मिटाया और सभी को मानवता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने हर घर में प्रेम और सद्भाव की ज्योति जलाई।

(6)
वोट डालकर हम निभाएँ,
अपना सच्चा अधिकार।
देश को आगे बढ़ाएँ,
करें हम सब मिलकर काम।
अर्थ: हमें मतदान करके अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए और देश को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

(7)
लोकतंत्र को मजबूत करें,
यह हमारा है संकल्प।
सच्चा और न्यायपूर्ण,
बनाएँ यह हम सब मिलकर।
अर्थ: लोकतंत्र को मजबूत करना हमारा संकल्प है। हम सभी को मिलकर इसे सच्चा और न्यायपूर्ण बनाना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-15.09.2025-सोमवार.
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