कन्या संक्रांती- हिंदी कविता: सूर्य की महिमा-🙏☀️🎁🛠️

Started by Atul Kaviraje, September 17, 2025, 04:56:35 PM

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Atul Kaviraje

कन्या संक्रांती-

हिंदी कविता: सूर्य की महिमा-

1.
कन्या संक्रांति का शुभ दिन आया,
सूर्य ने अपनी राशि बदलाया।
सिंह से अब वो कन्या में आए,
जीवन में हमारे, नई राह लाए।

अर्थ: कन्या संक्रांति का शुभ दिन आया है। सूर्य ने अपनी राशि बदली है। वे अब सिंह राशि से कन्या राशि में आ गए हैं, और हमारे जीवन में एक नई राह लेकर आए हैं।

2.
सूर्य देव को आज अर्घ्य है देना,
पाप को मन से है, अब तो धोना।
जल से उनका है, अभिषेक करना,
जीवन में सुख, समृद्धि है भरना।

अर्थ: आज सूर्य देव को अर्घ्य देना है। मन से पापों को धोना है। जल से उनका अभिषेक करना है, ताकि जीवन में सुख और समृद्धि भर जाए।

3.
दान का है अवसर, दान है देना,
अन्न और वस्त्र, गरीबों को देना।
सेवा से मन में, शांति है लाना,
प्रभु का आशीर्वाद, आज है पाना।

अर्थ: आज दान का अवसर है। गरीबों को अन्न और वस्त्र दान देना है। सेवा से मन में शांति लानी है और प्रभु का आशीर्वाद पाना है।

4.
विश्वकर्मा पूजा, आज है मनाना,
श्रम का है महत्व, सबको बताना।
औजारों की है, आज पूजा करना,
जीवन में कला, ज्ञान है भरना।

अर्थ: आज विश्वकर्मा पूजा मनानी है। श्रम के महत्व को सबको बताना है। आज औजारों की पूजा करनी है, ताकि जीवन में कला और ज्ञान भर जाए।

5.
पितृ पक्ष का भी, यह ही समय है,
पितरों का तर्पण, यही धर्म है।
उनका आशीर्वाद, सदा साथ रहे,
सुख और शांति से, जीवन बहे।

अर्थ: यह पितृ पक्ष का भी समय है। पितरों का तर्पण करना ही हमारा धर्म है। उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहे, ताकि जीवन सुख और शांति से बहे।

6.
हर एक कण में, उनकी याद है,
ये पर्व नहीं, उनका प्रसाद है।
भूलें नहीं हम, ये सच्ची डगर,
सुख-शांति से हो, हर एक सफर।

अर्थ: हर कण में उनकी याद है। यह पर्व नहीं, उनका प्रसाद है। हमें यह सच्चा रास्ता नहीं भूलना चाहिए, ताकि जीवन का हर सफर सुख और शांति से भरा हो।

7.
आज का दिन है, बहुत ही खास,
सूर्य देव हैं हमारे, बहुत ही पास।
दिल से करो ये सारा काम,
जीवन में मिले, सच्चा आराम।

अर्थ: आज का दिन बहुत खास है। सूर्य देव हमारे बहुत पास हैं। इस पूरे काम को दिल से करना चाहिए, ताकि जीवन में सच्चा आराम मिले।

कविता का सारांश
प्रतीक: 🙏☀️🎁🛠�

भाव: सूर्य देव और परंपराओं के प्रति श्रद्धा।

मुख्य विषय: सूर्य पूजा, दान, विश्वकर्मा पूजा, पितृ तर्पण।

निष्कर्ष: कन्या संक्रांति एक बहुआयामी पर्व है।

--अतुल परब
--दिनांक-16.09.2025-मंगळवार.
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