ओएसिस (Oasis)- शीर्षक: 'रेत में जीवन'-🏝️🙏🐫🥵

Started by Atul Kaviraje, September 17, 2025, 10:10:01 PM

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Atul Kaviraje

ओएसिस (Oasis)-

शीर्षक: 'रेत में जीवन'-

1. पहला चरण:
धूप से तपती हुई रेत है,
हवा में उड़ती हुई धूल है।
दूर-दूर तक पानी नहीं,
बस सन्नाटे का वसूल है।
अर्थ: रेगिस्तान में चारों ओर तेज धूप और उड़ती हुई धूल है। बहुत दूर तक पानी का कोई निशान नहीं है, बस चारों ओर शांति और सन्नाटा है। ☀️🏜�

2. दूसरा चरण:
थक गया है मुसाफिर,
थक गया है उसका ऊँट।
आँखों में है प्यास,
ज़मीन है सूखी और क्रूर।
अर्थ: यात्री और उसका ऊँट, दोनों थक चुके हैं। उनकी आँखों में पानी की प्यास है और जमीन बहुत सूखी और कठोर है। 🐫🥵

3. तीसरा चरण:
अचानक दूर से दिखी,
एक हरी-भरी सी जगह।
खजूर के पेड़ थे खड़े,
झील में पानी बह रहा।
अर्थ: अचानक दूर से एक हरी-भरी जगह दिखाई दी। वहाँ खजूर के पेड़ खड़े थे और एक छोटी झील में पानी बह रहा था। 🌴🌊

4. चौथा चरण:
यह तो है एक नखलिस्तान,
जीवन का है यह संदेश।
रेगिस्तान की कहानी में,
एक सुंदर और नया उपदेश।
अर्थ: यह एक ओएसिस है, जो जीवन का संदेश देता है। यह रेगिस्तान की कठिन कहानी में एक सुंदर और नया सबक है। ✨📖

5. पांचवां चरण:
जहाँ पानी है, वहाँ है जीवन,
वहाँ है हरियाली और शांति।
मुसाफिर को मिली राहत,
उसे मिली फिर से ताकत।
अर्थ: जहाँ पानी है, वहाँ जीवन है, हरियाली है और शांति है। यात्री को वहाँ पहुँचकर राहत मिली और उसे फिर से ताकत मिली। 💪🙏

6. छठा चरण:
यह सिर्फ एक जगह नहीं,
यह तो है एक आशा की किरण।
निराशा के सागर में,
खुशी का है यह किरण।
अर्थ: यह सिर्फ एक जगह नहीं है, बल्कि यह निराशा के सागर में आशा की एक किरण है। यह हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद बाकी रहती है। 💡💖

7. सातवां चरण:
चलो हम सब मिलकर,
इन जगहों को बचाएँ।
धरती पर हर जगह,
एक नया ओएसिस बनाएँ।
अर्थ: हमें मिलकर इन प्राकृतिक ओएसिस को बचाना चाहिए। साथ ही, हमें अपनी धरती को भी हर जगह हरा-भरा बनाकर एक नया ओएसिस बनाना चाहिए। 🌍✅

कविता का सारांश:
यह कविता ओएसिस के महत्व को बताती है, जो रेगिस्तान में जीवन और आशा का प्रतीक है। यह हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, उम्मीद हमेशा बनी रहती है। 🏝�🙏

--अतुल परब
--दिनांक-17.09.2025-बुधवार.
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