बुद्ध और 'शरणागति'- हिंदी कविता: बुद्ध और शरण का मार्ग-🧘‍♂️💎🌿

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2025, 04:45:50 PM

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Atul Kaviraje

बुद्ध और 'शरणागति'-

हिंदी कविता: बुद्ध और शरण का मार्ग-

1.
बुद्ध की शरण में, मन है जाता,
ज्ञान का दीप, भीतर है जलता।
दुखों से मुक्ति का, मार्ग है मिलता,
शांति की राह पर, मन है खिलता।

अर्थ: मन बुद्ध की शरण में जाता है, जिससे ज्ञान का दीपक भीतर जलता है। दुखों से मुक्ति का मार्ग मिलता है और शांति की राह पर मन खिल उठता है।

2.
धम्म की शिक्षा, दिल में समाई,
दया और करुणा, सबने अपनाई।
सत्य की राह पर, अब है चलना,
जीवन को अपने, है अब बदलना।

अर्थ: धर्म की शिक्षा दिल में समा गई है। दया और करुणा सबने अपनाई है। अब सत्य के मार्ग पर चलना है और अपने जीवन को बदलना है।

3.
संघ की शक्ति, है सबने जानी,
एकता और प्रेम की, यह कहानी।
मिलकर अब हम, हैं आगे बढ़ते,
ज्ञान की राह पर, सब हैं चलते।

अर्थ: सभी ने संघ की शक्ति को जाना है। यह एकता और प्रेम की कहानी है। अब हम सब मिलकर आगे बढ़ते हैं और ज्ञान के मार्ग पर चलते हैं।

4.
यह शरणागति, कोई भक्ति नहीं,
यह तो है बस, एक सच्ची शक्ति।
अपने आप को ही, है अब जानना,
सत्य की राह पर, है बस चलना।

अर्थ: यह शरणागति कोई भक्ति नहीं है, बल्कि एक सच्ची शक्ति है। अब हमें खुद को जानना है और सत्य के मार्ग पर चलना है।

5.
ध्यान से मन को, है अब शांत किया,
हर एक पल को, है अब जाना।
भीतर की गहराई में, है अब जाना,
जीवन का असली, है अब पाना।

अर्थ: ध्यान से मन को शांत किया है। हर एक पल को अब जाना है। भीतर की गहराई में जाना है और जीवन का असली अर्थ पाना है।

6.
युवा पीढ़ी को, यह मार्ग है दिखाता,
आत्मा का सार, है अब बताता।
बाहर नहीं, भीतर है ईश्वर,
यही है बौद्ध धर्म का, सार।

अर्थ: यह मार्ग युवा पीढ़ी को सही राह दिखाता है। आत्मा का सार बताता है। ईश्वर बाहर नहीं, बल्कि भीतर है, यही बौद्ध धर्म का सार है।

7.
बुद्ध, धम्म, संघ, ये तीन हैं रत्न,
मिलकर करेंगे, हम सारे यत्न।
जीवन को अपने, है अब संवारना,
अंधेरे को दूर, ज्ञान से भगाना।

अर्थ: बुद्ध, धम्म और संघ ये तीन रत्न हैं। हम सब मिलकर इन पर प्रयास करेंगे। अपने जीवन को संवारना है और ज्ञान से अंधेरे को दूर भगाना है।

कविता का सारांश
प्रतीक: 🧘�♂️💎🌿

भाव: बौद्ध धर्म के प्रति श्रद्धा और समर्पण।

मुख्य विषय: बुद्ध, धम्म और संघ की शरण।

निष्कर्ष: 'शरण' एक आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिक यात्रा है।

--अतुल परब
--दिनांक-17.09.2025-बुधवार..
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