श्री साईं बाबा के शिष्यों में आध्यात्मिक जागृति- साईं बाबा: जागृति की कविता-📜

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2025, 05:29:36 PM

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Atul Kaviraje

श्री साईं बाबा के शिष्यों में आध्यात्मिक जागृति-

साईं बाबा: जागृति की कविता-

(१)
साईं की धुन जब मन में समाए,
आत्मा के तार तब बजते जाएं।
अज्ञान का अँधेरा हो जाए दूर,
जीवन में नई सुबह आ जाए।

अर्थ: यह चरण बताता है कि जब हम साईं बाबा की भक्ति में लीन होते हैं, तो हमारी आत्मा जागृत हो जाती है और अज्ञान का अंधेरा दूर होकर जीवन में एक नई सुबह आती है।

(२)
'श्रद्धा और सबुरी' का पाठ पढ़ाया,
तूने हर शिष्य को राह दिखाया।
कठिन राह भी सरल हो जाए,
जब तेरे नाम का सहारा पाया।

अर्थ: इस चरण में साईं बाबा के 'श्रद्धा और सबुरी' के उपदेश का महत्व बताया गया है, जिससे कठिन रास्ते भी आसान हो जाते हैं।

(३)
उदी तेरी है अमृत समान,
जिसने दिया हर रोगी को प्राण।
विश्वास की ज्योति जब जलती है,
हर दिल में तब हो ज्ञान।

अर्थ: यह चरण बताता है कि साईं बाबा की उदी अमृत के समान है, जो न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक उपचार भी देती है, जिससे ज्ञान की ज्योति जलती है।

(४)
'सबका मालिक एक' का मंत्र सुनाया,
तूने भेदभाव को दूर भगाया।
जाति-धर्म का बंधन ना रहे,
हर दिल में प्रेम जगाया।

अर्थ: इस चरण में साईं बाबा के 'सबका मालिक एक' के संदेश का उल्लेख है, जिसने लोगों को धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर एक-दूसरे से प्रेम करना सिखाया।

(५)
जब अहंकार का बोझ हटे,
तभी तो भक्ति का फूल खिले।
ये तेरी ही है कृपा बाबा,
जब ये ज्ञान हमारे मन को मिले।

अर्थ: यह चरण बताता है कि आध्यात्मिक जागृति तभी होती है जब अहंकार दूर हो जाता है, और यह केवल साईं बाबा की कृपा से ही संभव है।

(६)
जीवन की हर मुश्किल में,
तेरा ही रूप नजर आए।
ये जागृति का ही है कमाल,
जो हर पल तुझसे मिलाए।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि आध्यात्मिक जागृति के बाद, भक्त को जीवन की हर मुश्किल में बाबा की उपस्थिति महसूस होती है।

(७)
साईं का नाम ही है सच्चा सार,
जो दे जीवन को नया आकार।
जागृति का ये ही है परिणाम,
न रहे कोई और संसार।

अर्थ: यह अंतिम चरण बताता है कि साईं बाबा का नाम ही जीवन का सच्चा सार है, जो जीवन को एक नया रूप देता है। यह जागृति का परिणाम है कि भक्त के लिए फिर कोई और संसार नहीं रह जाता।

इमोजी सारांश
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--अतुल परब
--दिनांक-18.09.2025-गुरुवार.
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