अम्बाबाई का 'शरणागत व्रत' और भक्तों को प्राप्त पवित्रता-🙏🌸🌟💖🧘‍♀️🤝🚫😇🕊️🌈

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2025, 05:43:09 PM

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Atul Kaviraje

अम्बाबाई का 'शरणागत व्रत' और भक्तों को प्राप्त पवित्रता-

अंबाबाई पर एक सुंदर कविता-

चरण 1:
अंबाबाई माँ, तुम हो महालक्ष्मी,
तुम्हारी कृपा से, जीवन में आए सुख।
तुम्हारा 'शरणागत व्रत', है एक अद्भुत मार्ग,
जिससे मिलता है, जीवन में सच्चा प्यार।

अर्थ: हे अंबाबाई माँ, आप महालक्ष्मी हैं। आपकी कृपा से जीवन में सुख आता है। आपका 'शरणागत व्रत' एक अद्भुत मार्ग है, जिससे जीवन में सच्चा प्यार मिलता है। 🙏🌸

चरण 2:
कोल्हापुर की देवी, तुम्हारा धाम है महान,
हर भक्त का होता, वहाँ पर सम्मान।
तुम देती हो धन, और देती हो ऐश्वर्य,
पर सबसे बड़ा है, तुम्हारा आध्यात्मिक ऐश्वर्य।

अर्थ: कोल्हापुर की देवी, आपका धाम बहुत महान है। हर भक्त का वहाँ पर सम्मान होता है। आप धन और ऐश्वर्य देती हैं, लेकिन सबसे बड़ा आपका आध्यात्मिक ऐश्वर्य है। 🌟💎

चरण 3:
'शरणागत व्रत' में, हम तुम्हें करते हैं समर्पण,
मन से, वचन से, और अपने कर्म से।
हम छोड़ते हैं अपना, हर झूठा अभिमान,
तुम्हारी शरण में मिलता है, सच्चा मान।

अर्थ: 'शरणागत व्रत' में हम आपको मन, वचन और कर्म से समर्पण करते हैं। हम अपना हर झूठा अभिमान छोड़ देते हैं, और आपकी शरण में हमें सच्चा सम्मान मिलता है। 🧘�♀️🤝

चरण 4:
उपवास नहीं ये, है मन की शुद्धि,
दूर होती है इससे, हर बुरी बुद्धि।
नकारात्मक विचार, हो जाते हैं शांत,
मिलती है हमें, एक नई सी शुरुआत।

अर्थ: यह सिर्फ उपवास नहीं है, यह मन की शुद्धि है। इससे हर बुरी बुद्धि दूर होती है। नकारात्मक विचार शांत हो जाते हैं और हमें एक नई शुरुआत मिलती है। 🚫😇

चरण 5:
तुम देती हो हमें, आंतरिक पवित्रता,
जो धन से कहीं, बढ़कर है ये पवित्रता।
यह पवित्रता है, शांति और संतोष,
जिससे दूर हो जाता है, हर दुःख और दोष।

अर्थ: आप हमें आंतरिक पवित्रता देती हैं, जो धन से कहीं बढ़कर है। यह पवित्रता शांति और संतोष है, जिससे हर दुःख और दोष दूर हो जाता है। 🕊�💖

चरण 6:
तुम्हारी शरण में, जब कोई भक्त आता है,
अपने सारे दुःख, वह तुम्हें सुनाता है।
तुम उसकी हर बात, सुनती हो ध्यान से,
और उसे आशीर्वाद देती हो, प्यार से।

अर्थ: जब कोई भक्त आपकी शरण में आता है, तो वह अपने सारे दुःख आपको सुनाता है। आप उसकी हर बात ध्यान से सुनती हैं और उसे प्यार से आशीर्वाद देती हैं। 👂💖

चरण 7:
हे माँ अंबाबाई, ये वंदन स्वीकार करो,
सबके जीवन में, तुम सदा निवास करो।
तुम्हारी कृपा से, जीवन हो भरपूर,
सच्चे सुख और शांति, हमसे न हों दूर।

अर्थ: हे माँ अंबाबाई, हमारा यह वंदन स्वीकार करें। आप सबके जीवन में हमेशा निवास करें। आपकी कृपा से जीवन भरपूर हो और सच्चा सुख और शांति हमसे दूर न हो। 🙏🌈

कविता सार: 🙏🌸🌟💖🧘�♀️🤝🚫😇🕊�🌈

--अतुल परब
--दिनांक-19.09.2025-शुक्रवार.
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