सर्वपित्री दर्श अमावस्या: पितरों की मुक्ति का पावन पर्व 🕊️-🕊️🙏🕯️🍚❤️

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2025, 07:55:41 PM

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Atul Kaviraje

सर्वपित्री दर्श अमावस्या-

सर्वपित्री दर्श अमावस्या: पितरों की मुक्ति का पावन पर्व 🕊�-

सर्वपित्री अमावस्या: एक कविता-

आज का दिन पावन है,
पितरों का आह्वान है।
अमावस्या की यह रात,
पितरों को मोक्ष का वरदान है।

तर्पण से जल अर्पण,
पिंडों का होता दान।
पितरों को तृप्त करते,
आत्मा को मिले सम्मान।

गरुड़ पुराण में कहा है,
श्राद्ध का है बड़ा महत्व।
आशीर्वाद मिले पितरों का,
जीवन में हो सुख-समृद्धि तत्व।

जब तक जीवित हम रहें,
यह रीत हम निभाएँगे।
अपने पितरों का सम्मान,
हर साल हम करेंगे।

जीवन में जो भी मिला,
उनकी ही कृपा का फल है।
उनके बिना हमारा जीवन,
एक अधूरा कल है।

आइए मिलकर करें प्रणाम,
उनकी आत्मा को शांति मिले।
वे जहाँ भी हों, खुश रहें,
जीवन में खुशहाली खिले।

अमावस्या के इस अवसर पर,
पुण्य का हो संचार।
पवित्रता और भक्ति से,
हम करें सबका उद्धार।

अर्थ:

पहला चरण: आज का दिन बहुत पवित्र है, क्योंकि यह पितरों को बुलाने का दिन है। अमावस्या की यह रात पितरों को मोक्ष का वरदान देती है।

दूसरा चरण: श्राद्ध में जल से तर्पण किया जाता है और पिंड दान होता है। यह पितरों को तृप्त करने और उनकी आत्मा को सम्मान देने का प्रतीक है।

तीसरा चरण: गरुड़ पुराण में श्राद्ध का बड़ा महत्व बताया गया है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

चौथा चरण: जब तक हम जीवित रहेंगे, हम इस परंपरा को निभाते रहेंगे और हर साल अपने पूर्वजों का सम्मान करेंगे।

पांचवां चरण: जीवन में जो कुछ भी हमें मिला है, वह हमारे पूर्वजों की कृपा का फल है। उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

छठा चरण: आइए हम सब मिलकर उन्हें प्रणाम करें, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और वे जहाँ भी हों, खुश रहें।

सातवाँ चरण: अमावस्या के इस अवसर पर पुण्य का संचार हो। पवित्रता और भक्ति से हम सबका कल्याण करें।

इमोजी सारांश: 🕊�🙏🕯�🍚❤️

--अतुल परब
--दिनांक-21.09.2025-रविवार.
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