ब्रह्मानंद स्वामी पुण्यतिथी: त्याग, तपस्या और भक्ति का महापर्व 🙏🕊️-🙏🕊️🕯️✨🎶

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2025, 07:57:14 PM

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Atul Kaviraje

ब्रह्मानंद स्वामी पुण्यतिथी-कागवाड-

ब्रह्मानंद स्वामी पुण्यतिथी: त्याग, तपस्या और भक्ति का महापर्व 🙏🕊�-

ब्रह्मानंद स्वामी: एक कविता-

कागवाड की धरती आज,
पावन हो रही है।
ब्रह्मानंद स्वामी की याद,
मन में बस रही है।

त्याग और वैराग्य की मूरत,
आप थे प्रभु के दास।
आपकी भक्ति और ज्ञान,
हमेशा रहेगा हमारे पास।

जीवन की हर राह पर,
आपने प्रकाश फैलाया।
भक्ति का सच्चा अर्थ,
हम सबको समझाया।

आपकी वाणी में अमृत,
हर शब्द में संगीत।
आपने भगवान की लीलाएँ,
हर जन को सिखाईं।

आठ कवियों में आप,
थे एक महान कवि।
आपकी कविताएँ हैं,
जैसे एक सुंदर रवि।

हमें भी शक्ति दो,
आपकी तरह बनने की।
भगवान की सेवा में,
जीवन समर्पित करने की।

ब्रह्मानंद स्वामी अमर हैं,
उनकी ज्योति अमर है।
उनकी पुण्यतिथी पर,
नमन हमारा सादर है।

अर्थ:

पहला चरण: कागवाड की धरती आज पवित्र हो रही है, क्योंकि हम ब्रह्मानंद स्वामी को याद कर रहे हैं।

दूसरा चरण: आप त्याग और वैराग्य की मूर्ति थे और भगवान के सच्चे सेवक थे। आपकी भक्ति और ज्ञान हमेशा हमारे साथ रहेगा।

तीसरा चरण: आपने अपने जीवन के हर कदम पर प्रकाश फैलाया और हमें भक्ति का सच्चा अर्थ समझाया।

चौथा चरण: आपकी वाणी में अमृत था और हर शब्द में संगीत था। आपने भगवान की लीलाएँ सभी को सिखाईं।

पांचवां चरण: आप आठ महान कवि संतों में से एक थे। आपकी कविताएँ सूरज की तरह सुंदर और तेजस्वी हैं।

छठा चरण: हमें भी ऐसी शक्ति दो कि हम आपकी तरह बन सकें और अपना जीवन भगवान की सेवा में समर्पित कर सकें।

सातवाँ चरण: ब्रह्मानंद स्वामी और उनकी ज्योति अमर है। उनकी पुण्यतिथी पर हम उन्हें सादर प्रणाम करते हैं।

इमोजी सारांश: 🙏🕊�🕯�✨🎶❤️

--अतुल परब
--दिनांक-21.09.2025-रविवार.
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