📍दुर्गादेवी नवरात्र उत्सव - गुहागर (वरचा पाट)-

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:04:30 PM

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Atul Kaviraje

दुर्गादेवी नवरात्र उत्सव-गुहागर (वरचा पाट)-

📍दुर्गादेवी नवरात्र उत्सव - गुहागर (वरचा पाट)-

📍दुर्गादेवी नवरात्र पर हिंदी कविता-

1. चरण
नवरात्री का पर्व है आया,
माँ दुर्गा ने डेरा जमाया।
गुहागर की पावन धरती,
भक्ति की धारा है बहती।

अर्थ: यह कविता बताती है कि नवरात्र का पर्व आ गया है और माँ दुर्गा ने गुहागर की पवित्र भूमि पर अपना वास किया है, जहाँ भक्ति की धारा बह रही है।

2. चरण
वरचा पाट का है ये धाम,
लेते सब दुर्गा का नाम।
सजी हुई मंदिर की काया,
हर मन को इसने भरमाया।

अर्थ: यहाँ गुहागर के वरचा पाट में स्थित मंदिर का वर्णन है, जहाँ सभी भक्त माँ दुर्गा का नाम जपते हैं। मंदिर की सुंदरता ने हर किसी के मन को मोहित कर लिया है।

3. चरण
नौ रातों का ये उत्सव है,
शक्ति का ये महान पर्व है।
शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,
तेरी महिमा है दर्शानी।

अर्थ: यह नवरात्र के नौ दिनों के उत्सव और माँ दुर्गा की शक्ति का वर्णन करता है। इसमें माँ के पहले दो रूपों - शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी का उल्लेख है, जिनकी महिमा का बखान किया गया है।

4. चरण
आरती और भजनों का स्वर,
गूंज रहा है हर एक घर।
कन्या पूजन की है बारी,
मैया की सब जय-जयकारी।

अर्थ: इस चरण में नवरात्र के दौरान होने वाली आरती और भजनों का जिक्र है, जिनकी गूंज हर घर में सुनाई देती है। कन्या पूजन का भी वर्णन है, जहाँ सभी भक्त माँ की जय-जयकार करते हैं।

5. चरण
गरबा और डांडिया की ताल,
खुशियों का है यहाँ धमाल।
रंग-बिरंगे कपड़ों की बहार,
छाई है हर ओर प्यार।

अर्थ: यह चरण गरबा और डांडिया नृत्य के आनंद और उत्सव के माहौल को दर्शाता है, जहाँ रंगीन कपड़ों की बहार है और हर जगह खुशियाँ और प्यार ही प्यार है।

6. चरण
दसवें दिन है विसर्जन,
नम आँखों से करते वंदन।
माँ चली अपने धाम को,
भर के सबकी झोलियों को।

अर्थ: यह कविता बताती है कि दसवें दिन माँ की मूर्ति का विसर्जन होता है। भक्त नम आँखों से माँ को प्रणाम करते हैं, क्योंकि वे अपनी झोलियाँ भरकर वापस अपने धाम जा रही हैं।

7. चरण
माँ की कृपा है सब पर,
हर कदम पर है तेरे पर।
गुहागर का यह पर्व है,
हमारी आस्था का गर्व है।

अर्थ: अंतिम चरण में माँ दुर्गा की कृपा का उल्लेख है और यह बताया गया है कि गुहागर का यह उत्सव केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यहाँ के लोगों की आस्था और गर्व का प्रतीक है।

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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