श्री तुळजा भवानी नवरात्र उत्सव-उमरा, तालुका-कळंब-

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:06:43 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

श्री तुळजा भवानी नवरात्र उत्सव-उमरा, तालुका-कळंब-

हिंदी कविता - माँ तुळजा भवानी-

१. चरण
जब आती हैं तुम, नौ रातों का वरदान लिए,
भक्ति की ज्योत जगाती, हर मन को निर्मल किए।
दुख-दर्द को हरती, तुम जीवन में शांति लिए,
अंधकार में राह दिखाती, उम्मीद की किरण लिए।

अर्थ: हे मां, जब आप नौ रातों के लिए आती हैं, तो आप सभी के मन में भक्ति की ज्योति जलाकर उसे शुद्ध कर देती हैं। आप सभी दुखों को हरकर शांति लाती हैं और निराशा के अंधकार में आशा की किरण बनकर रास्ता दिखाती हैं।
चित्र/प्रतीक: दीपक 🕯�, हाथ जोड़े हुए 🙏

२. चरण
तुम शैलपुत्री, हिमालय की बेटी, शक्ति का रूप हो,
सती भवानी, तपस्या की अग्नि, प्रेम का अनूप हो।
सिंह पर सवार, दुष्टों का नाश करती, न्याय का रूप हो,
हर मुश्किल में सहारा बनती, हमारा स्वरूप हो।

अर्थ: हे मां, आप हिमालय की पुत्री शैलपुत्री और शक्ति का रूप हैं। आप सती भवानी हैं, जो प्रेम और त्याग की मिसाल हैं। आप शेर पर सवार होकर दुष्टों का नाश करती हैं और हमें हर संकट से बचाती हैं।
चित्र/प्रतीक: पर्वत ⛰️, शेर 🦁, त्रिशूल 🔱

३. चरण
लाल चुनरी में लिपटी, फूलों की माला पहने,
कमल पर बैठी, ज्ञान का सागर अपने में समेटे।
तेरी महिमा अपार, हर कण में तू ही समाई,
भक्तों की पुकार सुनती, बनके तू ही माँ भवानी।

अर्थ: हे मां, आप लाल चुनरी ओढ़े, फूलों की माला पहने और कमल पर बैठी हुई हैं। आपकी महिमा अनंत है और आप हर जगह मौजूद हैं। आप हर भक्त की पुकार सुनकर उनकी रक्षा करती हैं।
चित्र/प्रतीक: लाल चुनरी 🔴, फूल 🌺, कमल 🌸

४. चरण
गरबा और डांडिया, तेरी भक्ति का ही रूप,
हर कदम में नाचती, हर धुन में तेरी गूंज।
ढोल की थाप पर, मन में श्रद्धा की आग,
तू ही है माँ, भक्तों के जीवन का आधार।

अर्थ: गरबा और डांडिया नृत्य भी आपकी भक्ति का ही रूप हैं। ढोल की थाप पर भक्तों के मन में आपकी श्रद्धा की भावना बढ़ती है। हे मां, आप ही हमारे जीवन का सहारा हैं।
चित्र/प्रतीक: डांडिया 👯�♀️, ढोल 🥁, संगीत 🎶

५. चरण
अष्टमी और नवमी, कन्याओं का पूजन करती,
माँ के स्वरूप में, उन्हें हम प्रणाम करती।
लड्डू-हलवा खिलाकर, उनका आशीष पाती,
तुम ही तो हो माँ, जो हर घर में जगमगाती।

अर्थ: अष्टमी और नवमी के दिन हम कुंवारी कन्याओं को आपका रूप मानकर उनकी पूजा करते हैं। उन्हें भोजन कराकर हम उनका आशीर्वाद लेते हैं। हे मां, आप ही हर घर में खुशियों का उजाला लाती हैं।
चित्र/प्रतीक: बच्ची 👧, प्रसाद 🍮, हाथ जोड़ना 🙏

६. चरण
दसरा आता, विजय का जश्न मनाता,
बुराई पर अच्छाई की, ये जीत दिखाता।
सीमोल्लंघन करती, तू ही माँ भवानी,
हमेशा विजयी हो, ये है तेरी कहानी।

अर्थ: दसरे के दिन हम विजय का जश्न मनाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। मां, आप ही बुराई का अंत करके हमेशा जीत का मार्ग दिखाती हैं।
चित्र/प्रतीक: तीर-कमान 🏹, जीत का प्रतीक 🎉

७. चरण
हे तुळजा भवानी, हम सबका कल्याण करो,
सुख-शांति, समृद्धि से, जीवन ये भरपूर करो।
भक्ति का ये सागर, हमेशा बहता रहे,
तेरी कृपा से, हर पल जगमग रहे।

अर्थ: हे तुळजा भवानी, आप हम सभी का कल्याण करें। हमारे जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें। हम हमेशा आपकी भक्ति में लीन रहें और आपकी कृपा से हमारा जीवन हमेशा रोशन रहे।
चित्र/प्रतीक: आशीर्वाद का हाथ 🙌, शांति का चिह्न 🕊�, दिल ❤️

EMOJI सारांश:

कविता: 📜

प्रेम: ❤️

शक्ति: 💪

ज्ञान: 💡

शांति: 🕊�

विजय: 🏆

कृपा: ✨

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
===========================================