श्री अंबिका माता नवरात्र उत्सव, शिरवा, तालुका-खंडाळा, जिल्हा-सातारा-2-

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2025, 02:57:46 PM

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Atul Kaviraje

श्री अंबिका माता नवरात्र उत्सव प्रIरंभ-शिरवा, तालुका-खंडाळ, जिल्हा-सातारा-

श्री अंबिका माता नवरात्र उत्सव, शिरवा, तालुका-खंडाळा, जिल्हा-सातारा-

६. नारी शक्ति का सम्मान
नवरात्र उत्सव नारी शक्ति को समर्पित है, इसलिए इस दौरान कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं का विशेष सम्मान किया जाता है।

कुमारी पूजन: अष्टमी और नवमी के दिन, कुंवारी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है। यह देवी के प्रति सम्मान का प्रतीक है। 👧🌸

हल्दी-कुमकुम समारोह: सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी-कुमकुम लगाती हैं और देवी से अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। 👩�❤️�👩

७. उत्सव में उमंग और उत्साह
इस उत्सव के दौरान पूरा शिरवा गांव एक अलग ही ऊर्जा और उमंग से भर जाता है।

सामुदायिक एकजुटता: यह उत्सव गांव के सभी लोगों को एक साथ लाता है, जिससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं और एक-दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ता है। 🤗

बाजार और दुकानें: मंदिर के आसपास छोटी-छोटी दुकानें लगती हैं, जहां भक्त पूजा सामग्री, प्रसाद और खिलौने खरीदते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है। 🛍�

८. दसरा और विसर्जन
नवरात्र के नौ दिन की समाप्ति दसरे के दिन होती है, जिसे विजयदशमी भी कहते हैं।

भव्य शोभायात्रा: नौ दिनों की पूजा के बाद, देवी की प्रतिमा को गांव में एक भव्य शोभायात्रा के साथ घुमाया जाता है। यह विदाई का एक भावुक क्षण होता है। 💧

विजय का प्रतीक: विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन रावण दहन कर, यह संदेश दिया जाता है कि अंत में सत्य की ही जीत होती है। 🏹

९. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
यह उत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी गहरा है।

पीढ़ियों का जुड़ाव: पारंपरिक अनुष्ठान और लोककलाओं का प्रदर्शन नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़े रखता है।

सहिष्णुता और भाईचारा: यह उत्सव समाज में सहिष्णुता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है, क्योंकि सभी लोग मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं।

१०. निष्कर्ष: भक्ति और विश्वास का संगम
शिरवा का श्री अंबिका माता नवरात्र उत्सव केवल एक पूजा नहीं, बल्कि यह भक्ति, विश्वास और सामुदायिक भावना का एक अद्भुत संगम है। यह नौ दिनों की एक आध्यात्मिक यात्रा है जो मन को शांत और आत्मा को शुद्ध करती है। यह हमें याद दिलाती है कि भक्ति और विश्वास से ही जीवन में सुख और शांति आती है। 🙏✨❤️

EMOJI सारांश:

मंदिर: 🕌

देवी: 🙏

भक्ति: ❤️

घटस्थापना: 🌱

पालखी: 🚶�♀️

संगीत: 🎶

प्रसाद: 🍲

कन्या पूजन: 👧

विजयदशमी: 🏹

शांति: 🕊�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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