संत बहिणाबाई पाठक पुण्यतिथी-शिऊर, तालुका-वैजापूर, जिल्हा-छत्रपती संभाजी नगर-2-

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2025, 03:03:50 PM

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Atul Kaviraje

संत बहिणाबाई पाठक पुण्यतिथी-शिऊर, तालुका-वैजापूर, जिल्हा-छत्रपती संभाजी नगर-

६. भक्ति और कर्म का संदेश
संत बहिणाबाई ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि भक्ति और कर्म एक-दूसरे से अलग नहीं हैं।

कर्म और भक्ति का संतुलन: उन्होंने अपने पारिवारिक कर्तव्यों को निभाते हुए भी अपनी भक्ति को जारी रखा।

कर्म ही पूजा है: उनका मानना था कि ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया गया हर कर्म भगवान की पूजा के समान है। 🤝

७. सामाजिक प्रभाव और विचार
संत बहिणाबाई ने अपने विचारों से समाज में कई सकारात्मक बदलाव लाए।

जातिवाद का खंडन: उन्होंने अपनी रचनाओं में जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का खंडन किया।

महिलाओं का उत्थान: उन्होंने अपनी भक्ति और ज्ञान से यह साबित किया कि महिलाएं भी अध्यात्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त कर सकती हैं, जिससे समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ा। 🌸

८. पुण्यतिथि का आयोजन
संत बहिणाबाई की पुण्यतिथि पर शिऊर में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

भजन, कीर्तन और प्रवचन: इस दिन संतवाणी का पाठ, भजन, कीर्तन और संतों के विचारों पर प्रवचन आयोजित किए जाते हैं। 🎶

महाप्रसाद: भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी लोग एक साथ भोजन ग्रहण करते हैं। 🍲

९. विरासत और प्रेरणा
आज भी, संत बहिणाबाई का जीवन और उनके विचार लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

सशक्तिकरण का प्रतीक: वे महिला सशक्तिकरण का एक प्रतीक हैं, जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी आस्था को कायम रखा।

मानवता का संदेश: उनके विचार हमें प्रेम, दया, समानता और मानवता का संदेश देते हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। ❤️

१०. निष्कर्ष: भक्ति की अमर गाथा
संत बहिणाबाई पाठक का जीवन एक भक्ति की अमर गाथा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्ची भक्ति किसी भी सामाजिक बंधन से परे होती है। उनकी पुण्यतिथि हमें याद दिलाती है कि आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर हम न केवल स्वयं को, बल्कि पूरे समाज को भी बेहतर बना सकते हैं। शिऊर में मनाया जाने वाला यह आयोजन उनके महान व्यक्तित्व और विरासत को सच्ची श्रद्धांजलि है। 🙏✨🕊�

EMOJI सारांश:

संत: 🙏

ज्ञान: 💡

भक्ति: ❤️

पुण्यतिथि: 🕊�

शिऊर: 🏡

त्याग: 🚶�♀️

कविता: 📜

महिलाओं का उत्थान: 🌸

समानता: 🤝

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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