भव्य गणेश उत्सव की सांस्कृतिक पहचान- हिंदी कविता - गणेश उत्सव-

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2025, 07:28:32 PM

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Atul Kaviraje

भव्य गणेश उत्सव की सांस्कृतिक पहचान-

हिंदी कविता - गणेश उत्सव-

१. चरण
गणपति बप्पा मोरया, हर तरफ यही नारा,
आया है उत्सव, गणेश का प्यारा।
बुद्धि के देवता, ज्ञान के सागर,
आए हैं हमारे घर, खुशियां लेकर।

अर्थ: हर जगह 'गणपति बप्पा मोरया' का नारा गूंज रहा है, क्योंकि गणेश जी का प्यारा उत्सव आ गया है। बुद्धि और ज्ञान के सागर, भगवान गणेश हमारे घर खुशियां लेकर आए हैं।
चित्र/प्रतीक: हाथी 🐘, बुद्धि 💡, घर 🏡

२. चरण
तिलक जी ने किया, इसका आगाज,
एकता का जगाया, हर दिल में विश्वास।
जात-पात का बंधन टूटा, सब एक साथ आए,
गणपति के रंग में, सब रंग गए।

अर्थ: लोकमान्य तिलक ने इस उत्सव की शुरुआत की थी, जिससे हर दिल में एकता का विश्वास जगा। जाति और धर्म का बंधन टूटा और सब एक साथ आए, और गणेश उत्सव के रंगों में रंग गए।
चित्र/प्रतीक: हाथ मिलाना 🤝, दिल ❤️, रंग 🌈

३. चरण
मंडप सजे हैं, हर गली और चौराहे,
कला का प्रदर्शन, सब को लुभाए।
मोदक का प्रसाद, सब को भाता है,
गणपति का दर्शन, हर मन को शांति दिलाता है।

अर्थ: हर गली और चौराहे पर पंडाल सजे हुए हैं, जहाँ कला का अद्भुत प्रदर्शन सभी को आकर्षित करता है। मोदक का प्रसाद सबको पसंद आता है और गणेश जी का दर्शन हर मन को शांति प्रदान करता है।
चित्र/प्रतीक: पंडाल ⛺, मोदक 🥟, शांति 🧘

४. चरण
दस दिन का ये पर्व, भक्ति में सब डूबे,
आरती और भजन, हर घर में गूंजे।
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सब हैं उत्साहित,
गणपति की महिमा, सबसे प्रचलित।

अर्थ: यह दस दिन का पर्व है, जिसमें सब भक्ति में डूबे रहते हैं। हर घर में आरती और भजन गूंजते हैं। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब उत्साहित होते हैं और गणेश जी की महिमा सबसे प्रचलित है।
चित्र/प्रतीक: भक्ति ✨, भजन 🎶, उत्साह 😊

५. चरण
जागरूकता का संदेश, ये पंडाल देते हैं,
पर्यावरण की रक्षा, हमें ये सिखाते हैं।
पानी बचाओ, पेड़ लगाओ,
गणेश जी की पूजा, नए ढंग से मनाओ।

अर्थ: पंडाल हमें जागरूकता का संदेश देते हैं और पर्यावरण की रक्षा करना सिखाते हैं। वे हमें पानी बचाने, पेड़ लगाने और गणेश जी की पूजा नए तरीके से मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
चित्र/प्रतीक: जागरूकता 🗣�, पेड़ 🌳, पानी 💧

६. चरण
आज है विसर्जन, विदाई का है पल,
आंखों में नमी है, मन है चंचल।
अगले बरस तू जल्दी आना, बप्पा,
ये ही पुकारते हैं, सब के मुख से।

अर्थ: आज विसर्जन का दिन है, जो विदाई का एक भावुक क्षण है। भक्तों की आँखों में नमी है और मन बेचैन है। हर कोई यही पुकार रहा है, "हे बप्पा, अगले साल आप जल्दी आना।"
चित्र/प्रतीक: विदाई 👋, आँख 😢, जल्दी आना 🏃

७. चरण
गणेश उत्सव, हमारी पहचान है,
संस्कृति और एकता का, ये मान है।
हर साल ये उत्सव, हमें सिखाता है,
मिलकर रहने से, जीवन सफल होता है।

अर्थ: गणेश उत्सव हमारी पहचान है और यह हमारी संस्कृति और एकता का सम्मान है। हर साल यह उत्सव हमें सिखाता है कि मिलकर रहने से ही हमारा जीवन सफल होता है।
चित्र/प्रतीक: पहचान 🆔, संस्कृति 🎨, एकता 🤝

EMOJI सारांश:

कविता: 📜

गणेश जी: 🐘🙏

एकता: 🤝

भक्ति: ❤️

खुशी: 😊

संस्कृति: 🎨

संदेश: 💡

विसर्जन: 🌊

--अतुल परब
--दिनांक-23.09.2025-मंगळवार.
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