🙏 श्री राष्ट्रसंत सद्गुरू जनार्दन स्वामी जयंती (शुक्रवार, 26 सितंबर) 🕉️-2-🧘‍♂

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2025, 10:53:38 AM

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Atul Kaviraje

श्री राष्ट्रसंत सद्गुरू जनार्दन स्वामी जयंती-

🙏 श्री राष्ट्रसंत सद्गुरू जनार्दन स्वामी जयंती (शुक्रवार, 26 सितंबर) 🕉�-

6. 💖 लोक कल्याणकारी अनुष्ठान (Rituals for Public Welfare)
6.1. नित्य नियम विधि: स्वामीजी ने एक विशेष 'नित्य नियम विधि' (Daily Ritual) का आविष्कार किया, जिसे लाखों भक्त आज भी करते हैं, जिससे उन्हें सुख और मंगलमय जीवन प्राप्त होता है।

6.2. जप अनुष्ठान: वे अक्षय तृतीया, नागपंचमी और गुरु पूर्णिमा जैसे त्योहारों पर सवा लाख जप के अनुष्ठान आयोजित करते थे।

6.3. अन्नदान: उनके आश्रमों में त्योहारों के दौरान अन्नदान (Annadan) किया जाता था, जो उनकी समाज सेवा का एक प्रमुख हिस्सा था।

सिंबल: 📿 (जप) 🍚 (अन्नदान) 🤲 (सेवा)

7. 🕊� विश्व शांति और समाज सुधार (World Peace and Social Reform)
7.1. समाज सुधारक: स्वामीजी एक आदर्श समाज सुधारक थे, जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए।

7.2. निःशुल्क योग शिक्षा: उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि योग विद्या बेची नहीं जानी चाहिए और इसे सभी को निःशुल्क सिखाया जाना चाहिए।

7.3. 'बहुजन हिताय' का संदेश: उनका ध्येय था "बहुजन हिताय बहुजन सुखाय" (अधिकतर लोगों के कल्याण और सुख के लिए)।

सिंबल: 🕊� (शांति) 🧘 (योग शिक्षा) 🤝 (बंधुत्व)

8. 📜 अलौकिक शक्ति और चमत्कार (Miraculous Powers)
8.1. दैवीय शक्तियाँ: स्वामीजी ने अपने जीवन में कई बार अलौकिक और दैवीय शक्तियाँ (Divine Powers) प्रदर्शित कीं, जिससे भक्तों को उनकी महत्ता का बोध हुआ।

8.2. भस्म द्वारा कष्ट निवारण: वे अपने पास आने वाले दुखी लोगों को भस्म (Bhasma) देकर उनकी समस्याओं का निवारण करते थे।

8.3. भक्तों का विश्वास: उनके चमत्कारी कार्यों और निस्वार्थ प्रेम के कारण लाखों लोग उनके शिष्य बने और उनकी भक्ति में लीन हो गए।

सिंबल: ✨ (चमत्कार) ❤️ (भक्तों का प्रेम)

9. 💫 महापरिनिर्वाण और अमरता (Maha Nirvana and Immortality)
9.1. महापरिनिर्वाण: स्वामीजी ने 10 दिसंबर 1989 को नासिक आश्रम में अपनी नश्वर देह का त्याग किया।

9.2. समाधि मंदिर: उनकी इच्छा के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को कोपरगाँव बेट आश्रम में समाधि दी गई, जहाँ आज एक भव्य समाधि मंदिर (Samadhi Mandir) है।

9.3. अमरता: अपने त्याग, कर्म और चमत्कारी कृत्यों के कारण वे आज भी अपने भक्तों के हृदय में अमर (Immortal) हैं।

सिंबल: 🚪 (देह त्याग) 🪦 (समाधि) ♾️ (अमरता)

10. 🖼� प्रेरक व्यक्तित्व का चित्रण (Portrayal of Inspiring Personality)
10.1. सादगी: स्वामीजी ने स्वयं के लिए धन, पद और प्रसिद्धि को त्याग कर सादगी (Simplicity) का जीवन जिया।

10.2. गुरु की परंपरा: वे भगवान श्री राम के गुरु वशिष्ठ और भगवान श्री कृष्ण के संदिपनी ऋषि की गुरुकुल परंपरा को आगे बढ़ाने वाले थे।

10.3. निष्काम कर्मयोगी: उनका जीवन 'निष्काम कर्मयोगी' (Nishkam Karmayogi) का सर्वोत्तम उदाहरण है, जहाँ कर्म ही पूजा और लोक-कल्याण ही धर्म था।

सिंबल: 🚶�♂️ (सादगी) 💪 (निष्काम कर्म) 🥇 (उत्तम उदाहरण)

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-26.09.2025-शुक्रवार.
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