त्र्यंबोली यात्रा - महालक्ष्मी और उनकी सखी का भक्तिमय मिलन-"सखी-मिलन की यात्रा"-

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2025, 06:25:53 PM

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Atul Kaviraje

त्र्यंबोली यात्रा-कोल्हापूर-

त्र्यंबोली यात्रा - महालक्ष्मी और उनकी सखी का भक्तिमय मिलन-

हिंदी कविता: "सखी-मिलन की यात्रा"-

चरण (Stanza)   हिंदी कविता (Hindi Poem)   प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ (Short Meaning)

१   आज सताइस सितंबर की घड़ी है,   आज २७ सितंबर का शुभ समय है,
कोल्हापूर की पालकी खड़ी है।   जब कोल्हापूर में देवी की पालकी सजकर तैयार है।
ललिता पंचमी का पावन दिन,   यह ललिता पंचमी का पवित्र दिवस है,
महालक्ष्मी चलीं सखी से मिलन।   जब माता महालक्ष्मी अपनी सखी से मिलने जा रही हैं।

२   अंबाबाई का राजसी शृंगार,   माता अंबाबाई का भव्य और शाही शृंगार हुआ है,
चला पालकी, भक्त करें जयकार।   पालकी चल पड़ी है और भक्त उनका जयघोष कर रहे हैं।
ढोल-ताशे और शंख की ध्वनि,   पारंपरिक ढोल, ताशे और शंख की मधुर ध्वनि गूँज रही है,
भक्ति की धारा मन में है सनी।   जिससे हर मन में भक्ति का रस भर गया है।

३   त्र्यंबोली पहाड़ी, रूप विशाल,   त्र्यंबोली देवी की पहाड़ी पर उनका रूप अत्यंत विशाल है,
वहाँ हुआ था कामाक्ष का काल।   जहाँ उन्होंने कामाक्ष नामक राक्षस का वध किया था।
विजय का प्रतीक है कोहळा भेदन,   यह कोहळा भेदन (कद्दू काटने) की रस्म विजय का प्रतीक है,
मिटे आसुरी शक्ति का छेदन।   जो आसुरी शक्तियों के नाश को दर्शाती है।

४   सखी-सखी से मिलने आई,   एक सखी (महालक्ष्मी) अपनी दूसरी सखी (त्र्यंबोली) से मिलने आई है,
स्नेह की गाथा जग को सुनाई।   और उन्होंने अपने अटूट स्नेह की कहानी पूरी दुनिया को बताई।
दो देवियों का यह प्रेम महान,   इन दो देवियों का यह आपसी प्रेम बहुत महान है,
भक्ति, शक्ति का यह वरदान।   जो भक्ति और शक्ति का दिव्य आशीर्वाद है।

५   रांगोलियाँ सजी हैं राहों में,   देवी के स्वागत में रास्ते भर सुंदर रांगोलियाँ बिछी हैं,
फूलों की महक है हवाओं में।   और फूलों की मनमोहक खुशबू हवा में घुली हुई है।
नए जल से चरण पखारें,   भक्त नदी के नए जल से देवी के चरण धोते हैं,
जीवन के सब कष्ट निखारें।   और अपने जीवन के सारे कष्टों को दूर करते हैं।

६   हर भक्त माँगे वरदान एक,   हर भक्त देवी से एक ही वरदान माँगता है,
परिवार रहे सुख से नेक।   कि उनका परिवार हमेशा सुख-शांति से भरा रहे।
नारी शक्ति का मान बढ़ाओ,   हम सभी को नारी शक्ति का सम्मान बढ़ाना चाहिए,
प्रेम-एकता का दीप जलाओ।   और प्रेम तथा एकता का दीपक जलाना चाहिए।

७   जय जय अंबाबाई, जय त्र्यंबोली,   जय जय अंबाबाई, जय त्र्यंबोली देवी,
भर दो जीवन में मीठी बोली।   हमारे जीवन में मधुरता और प्रेम के शब्द भर दो।
कृपा की वर्षा हो हर क्षण,   आपकी कृपा की वर्षा हम पर हर पल होती रहे,
दूर हो जाए हर कु-चिह्न।   और जीवन से हर बुराई का निशान मिट जाए।

--अतुल परब
--दिनांक-27.09.2025-शनिवार.
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