विश्व पर्यटन दिवस - विशेष रुचि पर्यटन: "रुचि की राह, नई यात्रा"-

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2025, 06:26:55 PM

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Atul Kaviraje

विश्व पर्यटन दिवस-विशेष रुचि-कार्यक्रम-

हिंदी लेख: विश्व पर्यटन दिवस - विशेष रुचि पर्यटन: अनुभवों की नई उड़ान-

हिंदी कविता: "रुचि की राह, नई यात्रा"-

चरण (Stanza)   हिंदी कविता (Hindi Poem)   प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ (Short Meaning)

१   सत्ताइस सितंबर का दिन आया,   २७ सितंबर का शुभ दिवस आ गया है,
विश्व पर्यटन दिवस मन भाया।   विश्व पर्यटन दिवस मनाना मन को बहुत अच्छा लगता है।
घूमना नहीं, सीखना अब चाहो,   अब केवल घूमना नहीं, बल्कि कुछ नया सीखने की इच्छा रखो,
रुचि की राह पर आगे ही जाओ।   और अपनी विशेष रुचि के मार्ग पर आगे बढ़ते रहो।

२   साहस भरा है हर कदम पर,   तुम्हारी यात्रा के हर कदम पर साहस भरा हुआ है,
नदी की लहर, या पर्वत शिखर।   चाहे वह नदी की तेज धारा हो या ऊँचे पहाड़ की चोटी।
रिवर राफ्टिंग में नाव चलाओ,   नदी में नाव चलाकर रिवर राफ्टिंग का रोमांच उठाओ,
डर को अपने दूर भगाओ।   और अपने मन के डर को पूरी तरह दूर कर दो।

३   वन्यजीवों का घर है सच्चा,   जंगल ही वन्यजीवों का वास्तविक घर है,
प्रकृति से जुड़ना है कितना अच्छा।   प्रकृति के साथ खुद को जोड़ना कितना सुखद होता है।
इको-टूरिज्म का लो संकल्प,   पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन (इको-टूरिज्म) का संकल्प लो,
जंगल बचाओ, यही विकल्प।   जंगलों को बचाना ही एकमात्र सही विकल्प है।

४   संस्कृति को जानो, इतिहास पढ़ो,   अलग-अलग संस्कृतियों को पहचानो, इतिहास का अध्ययन करो,
पुराने हुनर को वापस गढ़ो।   और सदियों पुरानी कलाओं व हुनर को फिर से स्थापित करो।
लोक कला में डूबो गहरे,   स्थानीय लोक कलाओं के ज्ञान में गहराई से उतर जाओ,
जीवन के नए अर्थ उभरे।   जिससे जीवन के नए और गहरे अर्थ प्रकट हों।

५   योगा, ध्यान है मन का आराम,   योग और ध्यान मन को सच्ची शांति देते हैं,
स्वास्थ्य ही है सबसे उत्तम काम।   क्योंकि स्वास्थ्य ही जीवन में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
वेलनेस टूरिज्म का लो मज़ा,   स्वास्थ्य पर्यटन (वेलनेस टूरिज्म) का आनंद लो,
तन और मन को दो नई रज़ा।   और अपने शरीर तथा मन को नई संतुष्टि प्रदान करो।

६   स्थानीय को सम्मान अब दो,   अब स्थानीय लोगों और संस्कृति को सम्मान दो,
धन को उनके घर तक पहुँचने दो।   ताकि पर्यटन से होने वाला लाभ सीधे उनके घरों तक पहुँचे।
जिम्मेदार यात्री अब बनो,   अब एक जिम्मेदार और जागरूक यात्री बनो,
दुनिया को सुंदर, सच्चा चुनो।   और दुनिया को और सुंदर, तथा सच्चा बनाने का चुनाव करो।

७   ज्ञान की यात्रा, रुचि का साथ,   यह ज्ञान की यात्रा है, जिसे अपनी रुचि का साथ मिला है,
हाथ में हो प्रकृति का हाथ।   जिसमें प्रकृति का संरक्षण हमारे हाथ में है।
आगे बढ़ो और अनुभव पाओ,   आगे बढ़ते जाओ और नए अनुभव प्राप्त करो,
हर पर्यटन दिवस, नया पर्व मनाओ।   और हर विश्व पर्यटन दिवस को एक नए उत्सव के रूप में मनाओ।

--अतुल परब
--दिनांक-27.09.2025-शनिवार.
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