कट्टरवाद (Radicalism)- कविता: कट्टरता की आग 🔥-💥✊🗣️💡

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2025, 10:18:31 PM

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Atul Kaviraje

कट्टरवाद (Radicalism)-

कविता: कट्टरता की आग 🔥-

चरण 1:
कट्टरता की आग, जब मन में जगे,
मौजूदा व्यवस्था, से मन जब थके।
सुधारों का रास्ता, लगता है धीमा,
जड़ से उखाड़ो, यही है सीमा।

अर्थ: यह कविता बताती है कि जब लोग मौजूदा व्यवस्था से निराश हो जाते हैं और सुधारों को धीमा पाते हैं, तो उनके मन में कट्टरपंथी विचार जन्म लेते हैं, जो व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की मांग करते हैं।

चरण 2:
राजनीति में, जब ये विचार आए,
समाज की संरचना, को ये हिलाए।
साम्यवाद या अराजकता, नाम हो कोई,
बदलाव की चाहत, ये मन में बोए।

अर्थ: यह राजनीतिक कट्टरवाद का वर्णन करती है, जहाँ कम्युनिज्म जैसे विचार समाज की संरचनाओं को बदलने की कोशिश करते हैं।

चरण 3:
धर्म की राह, में जब ये चले,
सिद्धांतों को पकड़ें, अतिवाद में ढले।
हिंसा का रास्ता, कभी-कभी अपनाए,
दूसरों के विश्वास, को ये मिटाए।

अर्थ: यह धार्मिक कट्टरवाद को दर्शाती है, जहाँ लोग अपने सिद्धांतों को बहुत सख्ती से मानते हैं और कभी-कभी हिंसा का सहारा लेते हैं।

चरण 4:
अन्याय और गरीबी, का जब हो बोलबाला,
कट्टरता का बीज, तभी है डाला।
सरकारी दमन, जब हद से बढ़ जाए,
विरोध की ज्वाला, फिर उग्र हो जाए।

अर्थ: यह कट्टरवाद के कारणों का उल्लेख करती है, जैसे सामाजिक अन्याय, गरीबी और सरकारी दमन।

चरण 5:
नागरिक अधिकार का, था ये ही आंदोलन,
जिसने समाज को, दिया एक नया जीवन।
नस्लीय भेदभाव, को जिसने मिटाया,
कट्टरपंथी सोच, ने ये सब लाया।

अर्थ: यह कट्टरवाद के सकारात्मक पहलू का उदाहरण देती है, जैसे अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन, जिसने समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाए।

चरण 6:
ऑनलाइन की दुनिया, में ये है फैला,
हर जगह ये, ज़हरीला पौधा है उगा।
नए अनुयायी, ये रोज़ पाए,
भ्रम और नफरत, ये ही है फैलाए।

अर्थ: यह इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरवाद के प्रसार का वर्णन करती है, जो विचारों को तेजी से फैलाता है।

चरण 7:
समझ और ज्ञान से, इसका हो निवारण,
बातचीत और प्रेम, हो इसका कारण।
ना कि हिंसा, ना कि बदले की आग,
एक बेहतर समाज, का हो ये राग।

अर्थ: यह कविता का निष्कर्ष है कि कट्टरवाद का मुकाबला ज्ञान, समझ, बातचीत और प्रेम से किया जा सकता है, न कि हिंसा या प्रतिशोध से।

ईमोजी सारांश: 💥✊🗣�💡

💥: परिवर्तन

✊: प्रतिरोध

🗣�: संवाद

💡: ज्ञान

--अतुल परब
--दिनांक-27.09.2025-शनिवार.
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