हिंदी कविता - गजगौरी व्रत-💖 (प्रेम) ✨ (तपस्या) 💍 (विवाह) 🙏 (पूजा) 🐘 (गज) 👑

Started by Atul Kaviraje, September 28, 2025, 08:27:58 PM

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Atul Kaviraje

गजगौरी व्रत-

हिंदी कविता - गजगौरी व्रत-

१. प्रथम चरण
भाद्रपद की आई तृतीया, पवन में गौरी की बात,
हाथी की सवारी शोभे, भरती सुहाग से झोली,
शिव को पाने को रखा था उपवास, हो गए सात,
प्रेम की शक्ति से बनी थी दुनिया गोल-मटोली.

अर्थ: भादों के महीने में तृतीया आई है, हवा में देवी गौरी के गुणों की चर्चा है। हाथी की सवारी शोभा दे रही है और यह व्रत स्त्रियों की सुहाग की झोली भरता है। देवी ने शिव को पाने के लिए सात जन्मों तक उपवास किया था।

२. द्वितीय चरण
जंगल में बैठकर तप किया था, छोड़ा जल और अन्न,
पत्ती खाकर रहती थी गौरी, धरा पर रहती मग्न,
नारद मुनि ने साथ दिया था, दी थी शिव की राह,
उनकी प्रेम गाथा सुनकर, भरते सब मन में चाह.

अर्थ: पार्वती ने वन में कठोर तपस्या की, पानी और भोजन त्याग दिया. वे पत्ते खाकर जमीन पर ईश्वर की भक्ति में लीन रहती थीं. देवर्षि नारद ने उन्हें शिव तक पहुँचने का मार्ग बताया.

३. तृतीय चरण
मिट्टी के शिव बनाए गौरी ने, प्रेम से करती पूजा,
कष्टों को सहकर भी हंसी, व्रत में न कोई दूजा,
वरदान दिया था महादेव ने, कहा "तुम मेरी शक्ति हो रानी",
तपस्या का फल पाया गौरी ने, सुंदर पवित्र कहानी.

अर्थ: देवी ने मिट्टी के शिवलिंग बनाकर श्रद्धा से पूजा की. कठिनाइयों को सहते हुए भी वह खुश थीं. भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें अपनी शक्ति के रूप में स्वीकार किया.

४. चतुर्थ चरण
श्रृंगार चढ़ता आज गौरी को, मेहंदी और चूड़ी सजाओ,
अखंड सुहाग की कामना कर, शिव-गौरी के गुण गाओ,
गज की पूजा से आती है समृद्धि, दूर होते सब क्लेश,
धूप, दीप, अक्षत अर्पित करो, सजता नारी का वेश.

अर्थ: इस दिन देवी को सोलह श्रृंगार चढ़ाए जाते हैं, महिलाएं मेहंदी और चूड़ियां पहनती हैं. सुहाग की रक्षा के लिए शिव और गौरी की स्तुति की जाती है.

५. पंचम चरण
हरतालिका नाम पड़ा था कैसे, सहेली लेकर गई दूर,
पिता के विरोध में गौरी ने, किया था निज प्रेम को मंजूर,
वचन की पक्की थी गौरी, व्रत में न डगमग हुई चाल,
ऐसे ही हमें भी देना शक्ति, होकर रहे खुशहाल.

अर्थ: कथा के अनुसार, सहेली गौरी को पिता की इच्छा के विरुद्ध जंगल ले गई थीं (हरित आलिका अर्थ अपहरण करने वाली सहेली), उन्होंने अपने प्रेम को सिद्ध किया.

६. षष्ठ चरण
आओ सब मिलकर प्रार्थना करें, हो जीवन में सुख-शांति का वास,
नारी शक्ति की यह पूजा है, बनाए रखे विश्वास की आस,
हर क्षण हो पति का साथ, सदा बनी रहे सौभाग्य की डोर,
कष्टों से मुक्त हो जीवन, न हो दुःख का कहीं शोर.

अर्थ: सब मिलकर प्रार्थना करते हैं कि जीवन में शांति बनी रहे. यह पर्व नारी की शक्ति का प्रतीक है और हमेशा विश्वास बनाए रखता है.

७. सप्तम चरण
मंगल हो सबके जीवन में, गौरी मां करें कल्याण,
हाथी जैसे शक्तिशाली हो, हमारा हर एक अरमान,
शुभ और लाभ घर आए, हो प्रेम की सुंदर झांकी,
भक्ति भाव से करो पूजा, चमके जीवन की बाँकी.

अर्थ: कामना है कि सबका कल्याण हो और गौरी मां कृपा बनाए रखें. हाथी की तरह शक्ति मिले ताकि हमारे सभी इरादे पूरे हों.

Kavita Emoji Saransh (कविता इमोजी सारांश)
💖 (प्रेम) ✨ (तपस्या) 💍 (विवाह) 🙏 (पूजा) 🐘 (गज) 👑 (रानी गौरी) 🏡 (खुशहाल घर) 🎶 (गुनगान)

--अतुल परब
--दिनांक-28.09.2025-रविवार.
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