हIदगा (भोंडला): प्रकृति और नारी शक्ति का पावन उत्सव 🙏🐘-📅✨🐘💖🍚🌸🙏🕉️

Started by Atul Kaviraje, September 28, 2025, 08:28:54 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

हIदगा (भोंडला)-

हIदगा (भोंडला): प्रकृति और नारी शक्ति का पावन उत्सव 🙏🐘-

दीर्घ हिंदी कविता - हादगा (भोंडला) 📜-

चरण 01: सगुन आगमन
नवरात्रि का आगमन हुआ है, हस्त नक्षत्र आया है।
अंगना में देखो आज, भोंडला देखो आया है।
पाट बिछा, हस्ती सजा, कुँवरियों का मन हर्षाया है।
सौभाग्य और समृद्धि का, यह पावन पर्व छाया है।

हिंदी अर्थ: नवरात्रि शुरू होने पर और हस्त नक्षत्र के आगमन के साथ, आँगन में भोंडला (हादगा) उत्सव आया है। एक चौकी पर हाथी का चित्र सजाया गया है, जिससे कुँवारी कन्याओं का मन प्रसन्न है। यह सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला पवित्र त्योहार है।
प्रतीक/इमोजी: 📅✨🐘💖

चरण 02: हस्ती का पूजन
चावल, हल्दी, खड़िया संग, गजराज की आकृति बनी।
हार, फूल, चंदन से, भक्ति भाव की ज्योति जली।
वर्षा के देवता का मान, कृषि का वरदान है।
भूलाबाई, पार्वती माँ, शक्ति का आह्वान है।

हिंदी अर्थ: चावल, हल्दी, और खड़िया (चॉक) का उपयोग कर हाथी का चित्र बनाया गया है। हार, फूल और चंदन से पूजा की जाती है, जिससे भक्ति की भावना जागृत होती है। यह वर्षा के देवता और कृषि के वरदान का सम्मान है। भूलाबाई (पार्वती) माँ के रूप में शक्ति का आह्वान किया जाता है।
प्रतीक/इमोजी: 🍚🌸🙏🕉�

चरण 03: फेर और गान
छम-छम पाँव बजते हैं, मधुर कंठ से गान निकलें।
घेरा बनाकर हाथ थामें, खुशियों के हर प्राण निकलें।
'ऐलमा पैलमा' की धुन में, बचपन सारा झूल गया।
गृहस्थी की बातें सीखें, हर दुख-दर्द भूल गया।

हिंदी अर्थ: कन्याओं के पैरों की पायल छम-छम बजती है और उनके मीठे स्वरों में गीत निकलते हैं। वे घेरा बनाकर एक-दूसरे का हाथ थामती हैं, जिससे हर आत्मा खुशियों से भर जाती है। 'ऐलमा पैलमा' जैसे पारंपरिक गीतों की धुन में, उनका सारा बचपन झूम उठता है। वे गीतों से गृहस्थ जीवन की बातें सीखती हैं और सारे दुख भूल जाती हैं।
प्रतीक/इमोजी: 💃🎶🤝😊

चरण 04: गीतों में जीवन
सास-ससुर, ननद-भाभी के, किस्से इसमें गाए जाएँ।
मायके की मीठी बातें, परदेस में याद आएँ।
संस्कारों की सीख मिलें, रीत-रिवाज समझाएँ।
एक-एक कर दिन बढ़े, खिरापत के भेद बताए जाएँ।

हिंदी अर्थ: इन गीतों में सास-ससुर, ननद-भाभी के रिश्ते और किस्से गाए जाते हैं। परदेस (ससुराल) में मायके की प्यारी बातें याद आती हैं। इन गीतों से अच्छे संस्कारों की शिक्षा मिलती है और रीति-रिवाज समझाए जाते हैं। जैसे-जैसे दिन बढ़ते हैं, खिरापत के नाम का अनुमान लगाने का खेल होता है।
प्रतीक/इमोजी: 🏡💖👵👧

चरण 05: खिरापत का रहस्य
पकवानों की खुशबू फैली, भाँति-भाँति के व्यंजन हैं।
ढक कर रखे हैं थाली में, ये मीठे, नमकीन सजन हैं।
नाम बताएँगी जो बालाएँ, वही जीत का हकदार बनें।
यह स्वाद का खेल अनोखा, परंपरा का श्रृंगार बनें।

हिंदी अर्थ: तरह-तरह के व्यंजनों की खुशबू चारों ओर फैल गई है। थाली में ढककर रखे हुए ये मीठे और नमकीन पकवान बहुत सुंदर हैं। जो लड़की सही नाम बताएगी, वही जीत की हकदार होगी। स्वाद का यह अनोखा खेल इस परंपरा की शोभा बढ़ाता है।
प्रतीक/इमोजी: 🥣😋❓🏆

चरण 06: कामना और आशीर्वाद
शुभ हो जीवन हर कन्या का, मिले उत्तम वरदान उसे।
धन-धान्य से घर भर जाए, मिले मान और सम्मान उसे।
हर कदम पर सफलता हो, दूर हो हर संकट-बाधा।
कृषि समृद्ध हो, खुशहाल हो, यह है हमारी आराधा।

हिंदी अर्थ: हर लड़की का जीवन शुभ हो, उसे उत्तम आशीर्वाद मिले। उसका घर धन-धान्य से भरा रहे और उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त हो। हर कदम पर उसे सफलता मिले और सारे संकट दूर हों। हमारी यही प्रार्थना है कि कृषि समृद्ध हो और सब खुशहाल रहें।
प्रतीक/इमोजी: 🙏🌟💰🌻

चरण 07: उत्सव का समापन
दशहरे या पूर्णिमा तक, यह मंगल-गान गूँजेगा।
अगले वर्ष फिर से आने का, वचन यह मन से पूँजेगा।
विदा भूलाबाई, विदा हस्ती, विदा लो ये सारी बालाएँ।
संस्कृति की यह डोर अटूट है, खुश रहें सभी की बालाएँ।

हिंदी अर्थ: यह शुभ और पवित्र गीत दशहरे या कोजागिरी पूर्णिमा तक गूंजता रहेगा। यह उत्सव मन ही मन अगले साल फिर से आने का वादा लेता है। भूलाबाई, हाथी और सारी कन्याएँ अब विदा लेती हैं। संस्कृति की यह डोर कभी न टूटने वाली है और सभी बेटियाँ हमेशा खुश रहें।
प्रतीक/इमोजी: 👋💖🇮🇳👧

--अतुल परब
--दिनांक-28.09.2025-रविवार.
===========================================