उत्तरजीविता: कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना- उत्तरजीविता की कविता-

Started by Atul Kaviraje, September 29, 2025, 09:54:41 PM

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Atul Kaviraje

उत्तरजीविता: कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना-

उत्तरजीविता की कविता (A Poem on Survival)-

पहला चरण:
💪 जीवन की राह है, कठिन और अनजान, 💪
💪 पर मन में है एक ही, जीवित रहने का अरमान। 💪
💪 अँधेरी रात हो, या तूफ़ानी सवेरा, 💪
💪 हिम्मत ना हारो, बनो तुम सवेरा। 💪

अर्थ: यह कविता बताती है कि जीवन की राह कठिन होती है, लेकिन जीवित रहने की इच्छा ही सबसे बड़ा सहारा है।

दूसरा चरण:
🌳 जंगल हो या रेगिस्तान, ना डरो किसी से, 🌳
🌳 आश्रय, पानी, भोजन, खोजो तुम बुद्धि से। 🌳
🌳 प्रकृति देती है संकेत, उन्हें पहचानो, 🌳
🌳 हर एक चुनौती को, एक अवसर मानो। 🌳

अर्थ: यह चरण बताता है कि प्राकृतिक वातावरण में भी, बुद्धि और ज्ञान का उपयोग करके जीवित रहा जा सकता है।

तीसरा चरण:
🧠 शरीर थकेगा कभी, मन हो ना निराश, 🧠
🧠 सकारात्मक सोच ही है, जीत की एक आस। 🧠
🧠 शांत दिमाग से लो, हर एक फैसला, 🧠
🧠 यही है असली, उत्तरजीविता का हौसला। 🧠

अर्थ: यह बताता है कि शारीरिक शक्ति के साथ-साथ, मानसिक शक्ति और सकारात्मक सोच भी जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

चौथा चरण:
🪖 चाहे हो युद्ध का मैदान, या कोई महामारी, 🪖
🪖 इंसान ने हमेशा, जीत है हासिल की सारी। 🪖
🪖 इतिहास ने हमें, यही पाठ सिखाया, 🪖
🪖 हर एक संकट से, इंसान ने खुद को बचाया। 🪖

अर्थ: यह चरण मानव इतिहास के उदाहरणों से बताता है कि इंसान ने हर बड़े संकट का सामना किया है और उनसे उबरना सीखा है।

पांचवां चरण:
🤝 अकेले नहीं हो तुम, एक साथ बढ़ो, 🤝
🤝 एक-दूसरे का हाथ पकड़, आगे तुम चलो। 🤝
🤝 मिलकर काम करो, तो सब आसान हो, 🤝
🤝 टीम वर्क से तो, हर मुश्किल पार हो। 🤝

अर्थ: यह बताता है कि समूह में काम करने से उत्तरजीविता की संभावना बढ़ जाती है।

छठा चरण:
🌱 शहर में भी है, उत्तरजीविता का खेल, 🌱
🌱 आर्थिक संकट से, ना हो तुम फेल। 🌱
🌱 स्वस्थ रहो, ज्ञान बढ़ाओ, नेटवर्क बनाओ, 🌱
🌱 आधुनिक युग के, योद्धा तुम बन जाओ। 🌱

अर्थ: यह बताता है कि आधुनिक शहरी जीवन में भी उत्तरजीविता के अपने नियम हैं।

सातवां चरण:
💡 यही है जीवन का, सबसे बड़ा सबक, 💡
💡 जब तक है साँस, तब तक है डटकर। 💡
💡 हार नहीं मानना, यही है हमारी पहचान, 💡
💡 उत्तरजीविता ही तो है, हमारा स्वाभिमान। 💡

अर्थ: यह कविता का सार है कि हार न मानना और लगातार प्रयास करते रहना ही उत्तरजीविता का मूल मंत्र है।

--अतुल परब
--दिनांक-29.09.2025-सोमवार. 
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