उद्यमिता: नया व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया- उद्यमिता की कविता-

Started by Atul Kaviraje, September 29, 2025, 09:56:07 PM

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Atul Kaviraje

उद्यमिता: नया व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया-

उद्यमिता की कविता (A Poem on Entrepreneurship)-

पहला चरण:
💡 मन में एक विचार, नया-सा है जगा, 💡
💡 दुनिया की समस्याओं को, समाधान में रखा। 💡
💡 ये कोई सपना नहीं, हकीकत की है राह, 💡
💡 उद्यमिता का सफर, है हिम्मत की आह। 💡

अर्थ: यह कविता बताती है कि उद्यमिता की शुरुआत एक नए विचार से होती है जो समस्याओं का समाधान करने का साहस रखती है।

दूसरा चरण:
📝 कागज़ पर लिखी, एक नई कहानी, 📝
📝 योजना बनाई, जैसे हो जिंदगानी। 📝
📝 कितना लगेगा पैसा, कहाँ से आएगा, 📝
📝 हर एक सवाल का, जवाब ये पाएगा। 📝

अर्थ: इस चरण में व्यवसाय योजना बनाने और वित्तीय योजना की तैयारी का वर्णन है, जो एक उद्यमी के लिए महत्वपूर्ण है।

तीसरा चरण:
🎢 जोखिम उठाना है, नहीं है ये कोई डर, 🎢
🎢 गिरकर भी उठना है, बनो तुम निडर। 🎢
🎢 लोग कहेंगे पागल, रास्ता है ये अनजान, 🎢
🎢 पर दिल में है विश्वास, मिलेगा तुम्हें सम्मान। 🎢

अर्थ: यह बताता है कि उद्यमी को जोखिम लेने के लिए तैयार रहना चाहिए और चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए।

चौथा चरण:
🤝 अकेले नहीं हो तुम, टीम है तुम्हारे साथ, 🤝
🤝 एक-एक ईंट से, तुम बनाते हो प्रासाद। 🤝
🤝 सबका है साथ, तो काम होता आसान, 🤝
🤝 टीम वर्क से तो, मिलता है महान मुकाम। 🤝

अर्थ: यह बताता है कि एक सफल व्यवसाय के लिए टीम वर्क बहुत महत्वपूर्ण है।

पांचवां चरण:
🚀 पहला कदम रखा, दुनिया हुई हैरान, 🚀
🚀 नया उत्पाद आया, सबको हुआ ज्ञान। 🚀
🚀 बाज़ार में उतरा, एक नया खिलाड़ी, 🚀
🚀 उद्यमी की पहचान, है ये उसकी गाड़ी। 🚀

अर्थ: इस चरण में व्यवसाय की शुरुआत और उसके उत्पाद के बाज़ार में आने का वर्णन है।

छठा चरण:
📈 चुनौतियाँ आएंगी, बाधाएँ हैं अनेक, 📈
📈 पर तुम ना हारो, बनो तुम एक नेक। 📈
📈 अपनी सोच से तुम, दुनिया को बदलो, 📈
📈 खुद ही तुम अपने, भविष्य को गढ़ो। 📈

अर्थ: यह बताता है कि उद्यमिता के रास्ते में चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए।

सातवां चरण:
💖 सिर्फ पैसा नहीं, सामाजिक है बदलाव, 💖
💖 लोगों के जीवन में, लाता है ये ठहराव। 💖
💖 यही है उद्यमिता, सबसे बड़ा वरदान, 💖
💖 नया भारत, नया कल, नया हिंदुस्तान। 💖

अर्थ: यह अंतिम चरण उद्यमिता के सामाजिक महत्व को बताता है, जिसमें सिर्फ आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी शामिल है।

--अतुल परब
--दिनांक-29.09.2025-सोमवार. 
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