उभयचर: जल और थल दोनों में रहने वाले जीव-1-मेंढक 🐸, सैलामैंडर 🦎, टोड 🐸,

Started by Atul Kaviraje, September 30, 2025, 10:55:30 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

विश्वकोश
उभयचर (जल और थल दोनों में रहने वाले जीव)

उभयचर: जल और थल दोनों में रहने वाले जीव-

उभयचर ऐसे जीव होते हैं जो अपने जीवन का कुछ हिस्सा पानी में और बाकी हिस्सा ज़मीन पर बिताते हैं। 'उभयचर' शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है: 'उभय' जिसका अर्थ है 'दोनों' और 'चर' जिसका अर्थ है 'विचरण करने वाला'। ये जीव सरीसृपों (reptiles) और मछलियों के बीच एक विकासवादी कड़ी (evolutionary link) माने जाते हैं। इनके पास नम त्वचा (moist skin) होती है और ये अंडे पानी में देते हैं।

1. उभयचर क्या हैं? (What are Amphibians?)
परिभाषा: उभयचर शीतरक्त (cold-blooded) कशेरुकी (vertebrates) जीव होते हैं जो अपने जीवन चक्र के दौरान पानी और भूमि दोनों पर रह सकते हैं।

उदाहरण: मेंढक 🐸, सैलामैंडर 🦎, टोड 🐸, और न्यूट 🦎।

प्रतीक: 💧🌳

इमोजी सारांश: 🐸🦎💧🌳

2. उभयचर की मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics of Amphibians)
उभयचरों में कुछ अनूठी विशेषताएँ होती हैं जो उन्हें अन्य जीवों से अलग करती हैं:

दोहरी जीवनशैली (Dual Lifestyle): ये पानी में जन्म लेते हैं और जीवन का शुरुआती हिस्सा (जैसे टैडपोल) पानी में बिताते हैं, जबकि वयस्क होने के बाद ये ज़मीन पर भी रहते हैं।

नम त्वचा (Moist Skin): इनकी त्वचा बिना शल्क (scales) के नम और चिकनी होती है, जिसके माध्यम से ये सांस भी ले सकते हैं। 🌬�

अंडे देना (Egg Laying): ये पानी में जेली जैसे आवरण में अंडे देते हैं। 🥚💧

श्वसन (Respiration): लार्वा (larva) अवस्था में ये गलफड़ों (gills) से सांस लेते हैं, जबकि वयस्क होने पर फेफड़ों (lungs) और त्वचा से। 🫁

शीतरक्त (Cold-blooded): इनके शरीर का तापमान बाहरी वातावरण के अनुसार बदलता है। ❄️🔥

3. उभयचर का जीवन चक्र (Life Cycle of an Amphibian)
उभयचरों का जीवन चक्र कायांतरण (metamorphosis) कहलाता है, जिसमें वे कई चरणों से गुजरते हैं।

अंडा (Egg): मादा उभयचर पानी में जेली जैसे पदार्थ में अंडे देती है।

लार्वा/टैडपोल (Larva/Tadpole): अंडों से छोटे टैडपोल निकलते हैं जो मछली की तरह होते हैं, जिनके पास पूंछ और गलफड़े होते हैं।

परिवर्तन (Metamorphosis): टैडपोल धीरे-धीरे पैरों और फेफड़ों का विकास करते हैं, जबकि पूंछ सिकुड़ जाती है।

वयस्क (Adult): पूर्ण विकसित उभयचर ज़मीन पर रहने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन प्रजनन (reproduction) के लिए पानी में वापस जाता है।

4. उभयचरों के प्रकार (Types of Amphibians)
उभयचरों को तीन मुख्य समूहों में बांटा गया है:

एनुरन्स (Anurans): ये ऐसे उभयचर हैं जिनके पास पूंछ नहीं होती।

उदाहरण: मेंढक 🐸 और टोड 🐸।

काउडाटा (Caudata): ये ऐसे उभयचर हैं जिनके पास पूंछ होती है।

उदाहरण: सैलामैंडर 🦎 और न्यूट 🦎।

जिम्नोफियोना (Gymnophiona): ये पैर रहित, कृमि (worm) जैसे दिखने वाले उभयचर होते हैं।

उदाहरण: सिसिलियन (Caecilians) 🐛।

5. उभयचरों का आवास (Habitat of Amphibians)
ये दुनिया भर में विभिन्न आवासों में पाए जाते हैं, लेकिन इन्हें नमी वाले क्षेत्रों की आवश्यकता होती है।

नम क्षेत्र: तालाब, झील, नदियाँ, और दलदली भूमि। 💧

वर्षावन: उष्णकटिबंधीय वर्षावनों (tropical rainforests) में इनकी सबसे अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 🌴

भूमिगत: कुछ प्रजातियाँ अपनी नम त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए बिलों में रहती हैं। 🕳�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.09.2025-सोमवार. 
===========================================