मीरण महाराज पुण्यतिथि (देवळी, वर्धा): संत परंपरा का दीप-'मीरण बाबा की महिमा'-🙏

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2025, 10:51:15 AM

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Atul Kaviraje

मीरण महाराज पुण्यतिथी-देवळी, वर्धा-

मीरण महाराज पुण्यतिथि (देवळी, वर्धा): संत परंपरा का दीप-

हिंदी कविता - 'मीरण बाबा की महिमा'-

यह कविता एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधीसादी सरल तुकबंदी के साथ, सात चरणों और प्रत्येक चरण में चार पंक्तियों के साथ प्रस्तुत है।

१. प्रथम चरण
वर्धा की माटी में संत, एक अद्भुत हुए महान।
मीरण बाबा नाम तुम्हारा, अध्यात्म की पहचान।
देवळी तेरा धाम पावन, भक्ति का है विधान।
पुण्यतिथि पर शीश झुकाएँ, करें गुरु का गुणगान।

अर्थ: वर्धा की धरती पर एक अद्भुत और महान संत हुए। मीरण बाबा, आपका नाम आध्यात्म की पहचान है। देवळी आपका पवित्र स्थान है, जहाँ भक्ति का नियम चलता है। पुण्यतिथि पर हम सिर झुकाते हैं और गुरु की महिमा का गुणगान करते हैं।
इमोजी: 🗺�😇🙏

२. द्वितीय चरण
त्याग और सेवा का पथ, जग को तुमने दिखलाया।
नाम स्मरण की शक्ति से, हर संकट सुलझाया।
जाति-धर्म का भेद नहीं, सबको गले लगाया।
सरल हृदय से जो भी आया, कृपा का फल पाया।

अर्थ: आपने संसार को त्याग और सेवा का रास्ता दिखाया। ईश्वर के नाम के जाप की शक्ति से हर समस्या का समाधान किया। आपने जाति और धर्म का भेद न करते हुए सबको अपनाया। जो भी सरल हृदय से आया, उसे आपकी कृपा का फल मिला।
इमोजी: ✨🤝❤️

३. तृतीय चरण
समाधि स्थल पर ज्योति है, जो कभी न बुझती है।
हज़ारों भक्तों की पीड़ा, वहाँ आके धुलती है।
गुरु की पादुका छूकर, हर साँस संभलती है।
मीरण बाबा की कृपा, जीवन में मिलती है।

अर्थ: आपके समाधि स्थल पर एक ऐसी ज्योति है जो कभी नहीं बुझती। वहाँ आकर हज़ारों भक्तों का दुख दूर होता है। गुरु की खड़ाऊँ को छूकर हर साँस स्थिर हो जाती है। मीरण बाबा की कृपा हमारे जीवन में हमेशा बनी रहती है।
इमोजी: 🕯�🌸😌

४. चतुर्थ चरण
पुण्यतिथि का महापर्व, सब मिलकीर मनाते हैं।
भजन-कीर्तन नाम-जप से, मन को शुद्ध बनाते हैं।
महाप्रसाद की पंगत में, सब एक साथ खाते हैं।
ऊँच-नीच का भेद भूलकर, समरसता पाते हैं।

अर्थ: पुण्यतिथि का यह महान पर्व सब मिलकर मनाते हैं। भजन-कीर्तन और नाम-जाप से मन को शुद्ध करते हैं। महाप्रसाद की पंक्ति में सब एक साथ भोजन करते हैं। ऊँच-नीच का भेद भूलकर हम सब समानता का भाव प्राप्त करते हैं।
इमोजी: 🎶🍲🤝

५. पंचम चरण
सद्गुरु तेरी वाणी में, एक अनूठी शांति थी।
हर जीव को तुमने दिया, भक्ति की ही क्रांति थी।
तेरा संदेश अमर है, यह जग की भ्रांति थी।
तेरे ही आश्रय में कटती, हमारी जीवन याँती थी।

अर्थ: हे सद्गुरु, आपकी वाणी में एक अद्भुत शांति थी। आपने हर प्राणी को भक्ति की क्रांति दी। आपका संदेश अमर है, यह संसार की भ्रांति (भूल) थी। आपके ही सहारे हमारा जीवन व्यतीत हो रहा था।
इमोजी: 🗣�🕊�💡

६. षष्ठम चरण
देवळी के कण-कण में, तेरा ही निवास है।
हर श्रद्धालु के दिल में, तेरा ही विश्वास है।
जीवन की हर राह पर, तेरा ही प्रकाश है।
गुरु चरणों की धूल ही, मुक्ति का आवास है।

अर्थ: देवळी के हर छोटे से भाग में आपका ही निवास है। हर भक्त के दिल में आपका ही विश्वास है। जीवन के हर रास्ते पर आपका ही प्रकाश है। गुरु के चरणों की धूल ही मोक्ष का स्थान है।
इमोजी: 👣✨💖

७. सप्तम चरण
पुण्यतिथि पर आशीष दो, हम नेक राह पर चलें।
गुरु की सेवा में नित्य, हमारे मन को बल मिलें।
पाप-ताप सब कट जाएँ, फूल जीवन में खिलें।
मीरण बाबा की जय हो, हम गुरु चरणों में मिलें।

अर्थ: पुण्यतिथि पर हमें आशीर्वाद दें कि हम अच्छी राह पर चलें। गुरु की सेवा में हमारे मन को हमेशा शक्ति मिले। हमारे सारे पाप और कष्ट दूर हो जाएँ और जीवन में खुशियाँ आएँ। मीरण बाबा की जय हो, हम हमेशा गुरु के चरणों में लीन रहें।
इमोजी: 🌟💪🎉

दीर्घ हिंदी कविता- सारansh (Summary):
कविता का संक्षिप्त अर्थ: यह कविता संत मीरण महाराज (देवळी, वर्धा) की पुण्यतिथि को समर्पित है। यह उनके सादगीपूर्ण जीवन, सेवा धर्म और नामस्मरण की शिक्षाओं पर प्रकाश डालती है। कविता में समाधि स्थल की पवित्रता, कन्या पूजन, महाप्रसाद और समरसता (समानता) के भाव को दर्शाया गया है। भक्त गुरु के चरणों में सद्बुद्धि और आशीर्वाद की कामना करते हैं।

इमोजी सारansh (Emoji Summary):
🙏😇🤝🍲🎶🌟 - मीरण बाबा की भक्ति और समरसता का संदेश।

--अतुल परब
--दिनांक-30.09.2025-मंगळवार. 
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