एकरIत्रौत्सवIरंभ: शक्ति और भक्ति का एक रात का महा-अनुष्ठान-'एक रात का अनुष्ठान'-

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2025, 10:53:26 AM

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Atul Kaviraje

एकरIत्रौत्सवIरंभ-

एकरIत्रौत्सवIरंभ: शक्ति और भक्ति का एक रात का महा-अनुष्ठान-

हिंदी कविता - 'एक रात का अनुष्ठान'-

१. प्रथम चरण
आई रात एकरIत्रौत्सव की, मन में भरा उत्साह है।
एक ही रात में माँगे वरदान, यह भक्ति की एक राह है।
अखंड ज्योत हमने जलाई, गुरु का भी निर्वाह है।
तेरी कृपा से हो शुभारंभ, जीवन का यह चाव है।

अर्थ: एक रात के उत्सव की रात आई है, और मन उत्साह से भरा है। एक ही रात में वरदान माँगना, यह भक्ति का एक तरीका है। हमने अखंड ज्योति जलाई है और गुरु की आज्ञा का पालन किया है। तेरी कृपा से यह शुभ आरंभ हो, जीवन में यही इच्छा है।
इमोजी: 🌙🙏✨

२. द्वितीय चरण
आँखों में नींद नहीं है, होठों पर तेरा जाप है।
माला फिरती जाती है, मिटते मन के पाप हैं।
पूरे जग से कट कर बैठे, सारा मिटा संताप है।
तेरी एकाग्रता का फल, दूर हुआ हर ताप है।

अर्थ: आँखों में नींद नहीं है, होठों पर सिर्फ आपका नाम का जाप है। माला चलती जा रही है, और मन के सारे पाप मिट रहे हैं। पूरी दुनिया से अलग होकर बैठे हैं, सारा कष्ट दूर हो गया है। आपकी एकाग्रता का यह फल है, हर दुख दूर हो गया है।
इमोजी: 📿🧘�♀️😌

३. तृतीय चरण
शुद्ध आसन पर बैठे हैं, मन में शक्ति समाई है।
भजन-कीर्तन की धुन में, आत्मा ने मुक्ति पाई है।
तेरी आहूति देने को, आज अग्नि भी आई है।
एक रात की भक्ति ने, बड़ी सिद्धि दिलाई है।

अर्थ: हम शुद्ध आसन पर बैठे हैं, और मन में शक्ति भर गई है। भजन-कीर्तन की धुन में आत्मा ने मुक्ति पाई है। आपको आहुति देने के लिए आज अग्नि भी आई है। एक रात की इस भक्ति ने बड़ी सिद्धि प्रदान की है।
इमोजी: 🔥🎶🌟

४. चतुर्थ चरण
निशिचर काल यह उत्तम है, जब शक्ति प्रबल होती है।
बाहरी दुनिया सोती है, भीतर की आँख खुलती है।
मोह-माया की डोर सारी, धीरे-धीरे ढीली होती है।
तेरी चेतना का अनुभव, दिव्य ज्योति मिलती है।

अर्थ: यह रात का समय सबसे अच्छा है, जब शक्ति अपने चरम पर होती है। बाहरी दुनिया सो रही है, लेकिन भीतर की आँखें खुलती हैं। मोह-माया की सारी डोर धीरे-धीरे कमजोर होती है। आपकी चेतना का अनुभव होने से दिव्य ज्योति प्राप्त होती है।
इमोजी: 🌃💡👁�

५. पंचम चरण
संकट सारे टालती माँ, तू ही भाग्य बनाती है।
कठिन राह पर चलने को, तू शक्ति दिलाती है।
जागर की इस रात को, तू वरदान लुटाती है।
जो भी श्रद्धा से माँगता, उसकी झोली भर जाती है।

अर्थ: आप सारे संकट दूर करती हैं, माँ, आप ही भाग्य बनाती हैं। कठिन रास्ते पर चलने के लिए आप ही शक्ति देती हैं। जागरण की इस रात को आप वरदान लुटाती हैं। जो भी श्रद्धा से माँगता है, उसकी झोली भर जाती है।
इमोजी: 💪🎁💖

६. षष्ठम चरण
जागर करके शुद्ध हुए हम, मन को शांत बनाया।
आरती करके भक्ति का, दीप फिर से जलाया।
बाँटा हमने प्रसाद को, सबका पेट भराया।
एक रात का अनुभव यह, जीवन भर काम आया।

अर्थ: जागरण करके हम शुद्ध हुए, और मन को शांत किया। आरती करके हमने भक्ति का दीपक फिर से जलाया। हमने प्रसाद बाँटा और सबका पेट भराया। एक रात का यह अनुभव हमारे जीवन भर काम आया।
इमोजी: 🍲😌🎁

७. सप्तम चरण
एकरIत्रौत्सवIरंभ की, महिमा गाते जाएँगे।
गुरु के दिखलाए पथ पर, हम नित्य चलते जाएँगे।
अपनी आत्मा को हर क्षण, हम जागृत बनाएँगे।
माँ की कृपा से सुख-शांति, हम जीवन में पाएँगे।

अर्थ: एकरात्र उत्सव के आरंभ की महिमा हम गाते रहेंगे। गुरु के दिखाए रास्ते पर हम हमेशा चलते रहेंगे। अपनी आत्मा को हम हर पल जागृत रखेंगे। माँ की कृपा से सुख और शांति हम जीवन में प्राप्त करेंगे।
इमोजी: 🎉🚶�♂️🕊�

दीर्घ हिंदी कविता- सारansh (Summary):
कविता का संक्षिप्त अर्थ: यह कविता एकरIत्रौत्सवIरंभ (एक रात के गहन अनुष्ठान) के महत्व को बताती है। यह बताती है कि कैसे भक्त पूरी रात एकाग्रता से मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करते हैं। रात को शक्ति के जागृत होने का समय बताया गया है, जो मोह-माया को काटने और सिद्धि पाने में सहायक है। अनुष्ठान का समापन हवन, आरती और प्रसाद वितरण से होता है, जिससे आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

इमोजी सारansh (Emoji Summary):
🌙🔥📿🌟🤝 - गहन समर्पण से सिद्धि और आत्मिक शांति का जागरण।

--अतुल परब
--दिनांक-30.09.2025-मंगळवार. 
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