श्री घोडेश्वर (म्हसोबा) यात्रा, कुरुकली-: पराक्रम, संरक्षण और लोक-देवता की भक्ति

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2025, 11:00:11 AM

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Atul Kaviraje

श्री घोडेश्वर यात्रा-कुरुकली, तालुका-कागल-

श्री घोडेश्वर (म्हसोबा) यात्रा, कुरुकली (कागल): पराक्रम, संरक्षण और लोक-देवता की भक्ति-

हिंदी कविता - 'घोडेश्वर की धाक'-

१. प्रथम चरण
कुरुकली का गाँव है, घोडेश्वर का धाम है।
कागल तालुका में तेरा, पावन नाम है।
म्हसोबा का तू स्वरूप, शक्ति का पैगाम है।
तेरी यात्रा के दिन, सबका यह काम है।

अर्थ: यह कुरुकली गाँव है, जहाँ घोडेश्वर का निवास है। कागल तालुका में आपका पवित्र नाम है। आप म्हसोबा का स्वरूप हैं, जो शक्ति का संदेश है। आपकी यात्रा के दिन, सबका यही कार्य होता है।
इमोजी: 🏡🐎🚩

२. द्वितीय चरण
घोड़े की मूरत सजे, तेरा वाहन है वीर।
तेज़ गति से आता, हरता सब पीर।
संबळ की धुन उठे, भक्ती की बनती है भीर।
तेरा पग जहाँ पड़े, वहाँ रहे सदा खैर।

अर्थ: घोड़े की मूर्ति सजती है, आपका वाहन शूरवीर है। आप तीव्र गति से आते हैं और सभी दर्द (पीर) हर लेते हैं। संबळ की धुन उठती है, और भक्तों की भीड़ लग जाती है। जहाँ आपका पैर पड़े, वहाँ हमेशा शांति और कल्याण रहे।
इमोजी: 🥁🐴✨

३. तृतीय चरण
लकड़ी के घोड़े चढ़े, भक्त मन्नतें देते।
क्षेत्रपाल तू गाँव का, सबको सहारा देते।
तेरी कृपा की छाया, फसल को सुरक्षित रखती।
अन्न और जल की कमी, यहाँ कभी न होती।

अर्थ: भक्त लकड़ी के घोड़े चढ़ाते हैं और मन्नतें देते हैं। आप गाँव के क्षेत्रपाल हैं, आप सबको सहारा देते हैं। आपकी कृपा की छाया फसल को सुरक्षित रखती है। अन्न और जल की कमी यहाँ कभी नहीं होती।
इमोजी: 🌾🛡�💧

४. चतुर्थ चरण
भंडारा और अंगारा, पवित्र तेरा ज्ञान है।
सामुदायिक भोजन में, प्रेम की पहचान है।
ऊँच-नीच का भेद नहीं, सच्चा ये विधान है।
तेरी चौखट पर आकर, सफल हर इंसान है।

अर्थ: भंडारा (पाउडर) और अंगारा (राख) आपका पवित्र ज्ञान है। सामुदायिक भोजन में प्रेम की पहचान है। ऊँच-नीच का कोई भेद नहीं, यह सच्चा नियम है। आपकी चौखट पर आकर हर इंसान सफल होता है।
इमोजी: 🍲🤝🔥

५. पंचम चरण
कोल्हापुर की ये धरती, तेरा गुड़गान करे।
कागल की सरहदों पर, तू नित्य कल्याण करे।
तेरी महिमा के किस्से, हर बच्चा जवान करे।
गाँव की हर मुसीबत का, तू तुरंत समाधान करे।

अर्थ: कोल्हापुर की यह धरती आपका गुणगान करती है। आप कागल की सीमाओं पर नित्य कल्याण करते हैं। आपकी महिमा के किस्से हर बच्चा और जवान दोहराता है। आप गाँव की हर मुसीबत का तुरंत समाधान करते हैं।
इमोजी: 🏞�💖🎉

६. षष्ठम चरण
घोड़े पे सवार तू, तलवार हाथ में लेकर।
बुरी शक्तियों को भगाए, सबको बचाए देकर।
जीवन की रक्षा करता, हर पल साथ में रहकर।
हम भक्त तुम्हारे माँगे, आशीष ये भरकर।

अर्थ: आप घोड़े पर सवार होकर, हाथ में तलवार लेकर चलते हैं। आप बुरी शक्तियों को भगाते हैं और सबको बचाते हैं। आप हर पल साथ रहकर जीवन की रक्षा करते हैं। हम भक्त आपसे यह आशीर्वाद भरकर मांगते हैं।
इमोजी: ⚔️🛡�🙌

७. सप्तम चरण
घोडेश्वर की जय हो, शौर्य का प्रकाश हो।
कुरुकली की यात्रा, सुख का आवास हो।
सबके मन में शांति हो, जीवन का उल्लास हो।
तेरी कृपा की छाया में, सफल हर प्रयास हो।

अर्थ: घोडेश्वर की जय हो, शौर्य का प्रकाश हो। कुरुकली की यात्रा सुख का घर हो। सबके मन में शांति हो, जीवन में उत्साह हो। आपकी कृपा की छाया में हर प्रयास सफल हो।
इमोजी: 🎉💖🏡

दीर्घ हिंदी कविता- सारansh (Summary):
कविता का संक्षिप्त अर्थ: यह कविता कोल्हापुर के कुरुकली गाँव में स्थित श्री घोडेश्वर (म्हसोबा) मंदिर को समर्पित है। घोडेश्वर को घोड़े पर सवार वीर और क्षेत्रपाल (संरक्षक) के रूप में दर्शाया गया है। इसमें लकड़ी के घोड़े चढ़ाने, संबळ वाद्य और 'भंडारा' जैसी यात्रा की परंपराओं का वर्णन है। भक्त माँगत हैं कि देवता फसलों और पशुओं की रक्षा करें और सभी संकटों का त्वरित समाधान करें। यह कविता देवता के शौर्य, प्रेम और सामूहिक एकता को उजागर करती है।

इमोजी सारansh (Emoji Summary):
🐎🚩🛡�💖🥁 - घोड़े वाले ईश्वर की यात्रा, पराक्रम, लोक-भक्ति और समुदाय का कल्याण।

--अतुल परब
--दिनांक-30.09.2025-मंगळवार. 
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