श्री श्री लाहिड़ी महाशय जयंती: क्रियायोग के पुनरुद्धारक का आविर्भाव-2-🙏🧘‍♂️⛰️

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2025, 12:28:54 PM

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Atul Kaviraje

श्री लाहिरी महाशय जयंती-

श्री श्री लाहिड़ी महाशय जयंती: क्रियायोग के पुनरुद्धारक का आविर्भाव-

६. साहित्यिक और आध्यात्मिक व्याख्याएँ 📚
६.१. गीता की व्याख्या: उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की आध्यात्मिक व्याख्या की, जो आज भी शीर्ष स्थान पर है।

६.२. अन्य ग्रंथों पर टीका: उन्होंने वेदांत, सांख्य, वैशेषिक, योग दर्शन और अनेक संहिताओं की व्याख्याएँ भी प्रकाशित कीं।

६.३. ज्ञान की शक्ति: उनकी व्याख्याएँ यह सिद्ध करती थीं कि क्रियायोग ही उन प्राचीन ग्रंथों में वर्णित मुक्ति का गुप्त मार्ग है।

७. गुरु-शिष्य परंपरा का विस्तार 💡
७.१. स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि: उनके प्रमुख शिष्यों में स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि (परमहंस योगानंद के गुरु) प्रमुख थे, जिन्होंने क्रियायोग के वैज्ञानिक आधार को और मजबूत किया।

७.२. परमहंस योगानंद: लाहिड़ी महाशय की परंपरा को उनके प्रशिष्य परमहंस योगानंदजी ने अपनी पुस्तक 'योगी कथामृत' (Autobiography of a Yogi) के माध्यम से पूरे पश्चिम में फैलाया। 🌍

७.३. क्रियायोग का वैश्विक प्रसार: यह पुस्तक विश्व में क्रियायोग के प्रसार का एक निर्णायक मोड़ साबित हुई।

८. जयंती उत्सव और अनुष्ठान 🔔
८.१. विशेष ध्यान: जयंती के दिन, दुनिया भर में लाहिड़ी महाशय के अनुयायी विशेष ऑनलाइन ध्यान और गुरु पूजा का आयोजन करते हैं।

८.२. भजन और कीर्तन: आश्रमों और केंद्रों में भजन, कीर्तन और उनके जीवन पर प्रवचन दिए जाते हैं।

८.३. प्रसाद वितरण: साधकों को प्रसाद वितरित किया जाता है, जो गुरु के आशीर्वाद को ग्रहण करने का प्रतीक है।

९. लाहिड़ी महाशय के कालातीत संदेश 🕊�
९.१. ईश्वर-साक्षात्कार: उनका संदेश था कि ईश्वर-साक्षात्कार किसी संत या गुरु का एकाधिकार नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है।

९.२. देह-कारागार से मुक्ति: उन्होंने कहा था, "क्रियायोग की गुप्त कुंजी के उपयोग के द्वारा देह-कारागार से मुक्त होकर परमतत्व में भाग निकलना सीखो।"

९.३. गुरु की निकटता: उन्होंने अपने शिष्यों को आश्वस्त किया था कि "जो लोग क्रिया की प्रैक्टिस करते हैं, मैं उनके साथ हमेशा हूँ।"

१०. निष्कर्ष: हिमालय से घर-घर तक क्रियायोग
श्री श्री लाहिड़ी महाशय जयंती हमें यह सिखाती है कि आध्यात्मिक जीवन और सांसारिक कर्तव्य परस्पर विरोधी नहीं हैं। उन्होंने क्रियायोग को हिमालय की गुफाओं से निकालकर हर गृहस्थ के घर तक पहुँचाया। वे ज्ञान, प्रेम और विनम्रता का वह संगम थे, जिन्होंने योग की प्राचीन जटिलताओं को व्यावहारिक, आध्यात्मिक वास्तविकता में बदल दिया।

इमोजी सारansh (Emoji Summary):
🙏🧘�♂️⛰️🏡✨📖 - क्रियायोग के पुनरुद्धारक, विनम्र गृहस्थ योगी, लाहिड़ी महाशय को वंदन।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-30.09.2025-मंगळवार. 
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