श्री अंबाबाई यात्रा, देशिंग (सांगली): शक्ति, भक्ति और मातृ-करुणा का उत्सव-1-🔱🚩

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2025, 12:31:45 PM

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Atul Kaviraje

श्री अंबाबाई यात्रा-देशिंग, जिल्हा-सांगली-

यह एक बहुत ही विशेष स्थानीय धार्मिक स्थल का विषय है। श्री अंबाबाई (जिन्हें महालक्ष्मी का ही एक रूप माना जाता है) का देशिंग, ज़िला-सांगली स्थित मंदिर भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र है। चूंकि 'देशिंग' के बारे में विशिष्ट जानकारी कम उपलब्ध है, इसलिए मैं सांगली जिले में अंबाबाई के प्रति सामान्य श्रद्धा, स्थानीय यात्राओं के स्वरूप और देवी के महत्व को समाहित करते हुए एक भक्तिपूर्ण लेख तैयार कर रहा हूँ,

श्री अंबाबाई यात्रा, देशिंग (सांगली): शक्ति, भक्ति और मातृ-करुणा का उत्सव-

तिथि: ३० सितंबर, मंगलवार

स्थान: श्री अंबाबाई मंदिर, देशिंग, ज़िला-सांगली, महाराष्ट्र।

थीम: भक्ति भाव पूर्ण, उदाहरणों सहित, चित्रात्मक वर्णन, प्रतीकों और इमोजी के साथ, संपूर्ण एवं विवेचनपरक विस्तृत लेख।

देशिंग (ज़िला सांगली) स्थित श्री अंबाबाई का मंदिर, इस क्षेत्र के भक्तों के लिए साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक, कोल्हापुर की महालक्ष्मी के समान ही पूजनीय है। अंबाबाई को महालक्ष्मी का रूप माना जाता है, जो अपने भक्तों पर करुणा और समृद्धि की वर्षा करती हैं। यहाँ की वार्षिक यात्रा (उत्सव) पूरे गाँव और आस-पास के क्षेत्रों की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होती है, जहाँ भक्ति, श्रद्धा और उत्साह का संगम देखने को मिलता है।

१. देवी का परिचय: अंबाबाई-महालक्ष्मी स्वरूप 🔱
१.१. शक्ति और समृद्धि की देवी: अंबाबाई नाम का अर्थ है 'माँ' (अंबा)। इन्हें महालक्ष्मी (धन और समृद्धि की देवी) का रूप माना जाता है, जो शक्ति और ऐश्वर्य दोनों प्रदान करती हैं।

१.२. कोल्हापुर से संबंध: सांगली ज़िले के कई मंदिर, विशेषकर अंबाबाई/महालक्ष्मी के मंदिर, कोल्हापुर स्थित मुख्य शक्तिपीठ की अखंड परंपरा से जुड़े हुए हैं।

१.३. कुलदेवी की आस्था: देशिंग और आस-पास के कई परिवारों के लिए अंबाबाई कुलदेवी हैं, जिनकी पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य आरंभ नहीं होता।

२. देशिंग यात्रा का समय और स्वरूप 🔔
२.१. नवरात्रि उत्सव: अंबाबाई की सबसे बड़ी और प्रमुख यात्रा (उत्सव) प्रायः शारदीय नवरात्रि (घटस्थापना से विजयदशमी) के दौरान मनाई जाती है। 🌙

२.२. विशेष दिन: मंगलवार और शुक्रवार को देवी की विशेष पूजा और आरती का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

२.३. पालकी और शोभायात्रा: यात्रा के मुख्य दिन, देवी की पालकी को पूरे गाँव में घुमाया जाता है। भक्तगण ढोल-ताशों के साथ 'अंबाबाईचा उदो उदो' के जयकारे लगाते हुए चलते हैं। 🥁

३. मंदिर की संरचना और दिव्यता 🏛�
३.१. वास्तुकला: स्थानीय अंबाबाई मंदिरों की वास्तुकला में अक्सर हेमाडपंथी या मराठा शैली का प्रभाव देखने को मिलता है, जो इसकी ऐतिहासिकता को दर्शाता है।

३.२. मूर्ति का तेज: मंदिर के गर्भगृह में अंबाबाई की तेजोमय और सुसज्जित मूर्ति होती है, जिसे देखकर भक्तगण असीम शांति का अनुभव करते हैं।

३.३. पवित्रता: मंदिर परिसर की पवित्रता और शांत वातावरण भक्तों को ध्यान और प्रार्थना के लिए आदर्श स्थान प्रदान करता है।

४. भक्तों की मन्नत और आस्था (नवस) 🙏
४.१. नवस (मन्नत): अंबाबाई को 'नवसाला पावणारी देवी' (मन्नतें पूरी करने वाली देवी) के रूप में पूजा जाता है। भक्त नौकरी, विवाह, संतान या रोगमुक्ति के लिए मन्नतें माँगते हैं।

४.२. मन्नत पूरी होना: मन्नत पूरी होने पर, भक्त देवी को सोने या चाँदी के आभूषण, साड़ियाँ चढ़ाते हैं या मंदिर में भंडारा (महाप्रसाद) आयोजित करते हैं।

४.३. उदाहरण: एक भक्त द्वारा अपनी बेटी के विवाह के लिए माँगी गई मन्नत पूरी होने पर, उसने पूरी यात्रा के दौरान पैदल चलकर देवी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। 🚶�♂️

५. धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम 🎶
५.१. जागरण और गोंधळ: यात्रा के दौरान रात में जागरण और गोंधळ (देवी के गीत और स्तुति का पारंपरिक लोक नृत्य/नाटक) का आयोजन किया जाता है, जो महाराष्ट्र की विशिष्ट भक्ति परंपरा है।

५.२. भजन-कीर्तन: गाँव और आस-पास के भजन मंडलियाँ भजन-कीर्तन प्रस्तुत करती हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

५.३. कन्या पूजन: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है, जिसमें छोटी बालिकाओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। 👧

इमोजी सारansh (Emoji Summary):
🔱🚩🦁💖💰 - अंबाबाई (महालक्ष्मी) शक्तिपीठ, जयकारे, करुणा और समृद्धि का प्रतीक।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-30.09.2025-मंगळवार. 
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