मजरूह सुल्तानपुरी पर कविता ✍️-✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 10:54:05 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

मजरूह सुल्तानपुरी पर कविता ✍️-

चरण 1: सुल्तानपुर की गूंज
सुल्तानपुर की माटी में, गूंजी थी एक गजल,
अल्फाजों में जिसके, था हर दर्द, हर हलचल।
मुशायरों से निकला, वो एक फकीर,
गीतों से जिसने, लिखी थी तकदीर।
अर्थ: यह चरण बताता है कि मजरूह सुल्तानपुरी का जन्म सुल्तानपुर में हुआ था और उन्होंने अपनी यात्रा एक कवि के रूप में शुरू की।

चरण 2: फैज का आशीर्वाद
फैज ने कहा, "जाओ मुंबई की ओर,"
कला का मंदिर, वहीं है तेरा नूर।
संघर्षों से भरा था, वो रास्ता,
पर दिल में था, बस एक ही वास्ता।
अर्थ: यह बताता है कि महान शायर फैज अहमद फैज ने उन्हें मुंबई जाने की सलाह दी, जहाँ उन्होंने अपनी कला को पहचाना।

चरण 3: शाहजहां का सफर
'शाहजहां' से मिली, पहली पहचान,
जब दिल ही टूट गया, बने दिल की जान।
सहगल की आवाज में, गूंजा उनका नाम,
गीतकार बनकर, किया बड़ा काम।
अर्थ: यह चरण उनकी पहली फिल्म और पहले गीत का वर्णन करता है, जिसने उन्हें हिंदी सिनेमा में स्थापित किया।

चरण 4: सुरों का सम्राट
कभी प्यार की धुन, कभी दर्द की बात,
सामाजिक गीतों में, छिपी थी आवाज।
मजदूरों की पीड़ा, किसानों की आह,
हर गीत में थी, एक सच्ची राह।
अर्थ: यह उनके लेखन की विविधता को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने प्यार, दर्द और सामाजिक मुद्दों को समान रूप से व्यक्त किया।

चरण 5: दादा साहेब का मान
दादा साहेब का मान, मिला था उसे,
पहला गीतकार, ये गौरव था उसे।
फिल्मफेयर का खिताब, पाया उसने,
हर कलाकार का, दिल जीत लिया उसने।
अर्थ: यह चरण बताता है कि वे दादासाहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाले पहले गीतकार थे, जो उनके योगदान का सबसे बड़ा प्रमाण है।

चरण 6: सादगी का सिपाही
पर्दे पर गीत, और दिल में थी सादगी,
ईमानदारी थी उसकी, हर अदा में थी।
कभी न झुका वो, न कभी हारा,
अपनी कला का, था वो एक किनारा।
अर्थ: यह उनके सादगीपूर्ण जीवन और उनके सिद्धांतों के प्रति उनकी निष्ठा को बताता है।

चरण 7: अमर कहानी
मजरूह सुल्तानपुरी, नाम नहीं, कहानी है,
हर गीत में बसी, उसकी निशानी है।
आज भी गाते हैं, बच्चे और जवान,
भारतीय संगीत का, वो है गौरव और शान।
अर्थ: अंतिम चरण यह बताता है कि मजरूह सुल्तानपुरी का योगदान अमर है और उनके गीत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।

कविता सारांश (Emoji): ✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
===========================================