महानवमी/महानवमी उपवास-'नवमी की पुकार'-नमन 🙏 शक्ति 💪 को, कन्या 👧 पूज

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 11:08:30 AM

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Atul Kaviraje

महानवमी/महानवमी उपवास-

महानवमी पर हिंदी कविता (दीर्घ हिंदी कविता)-

कविता का शीर्षक: 'नवमी की पुकार'-

चरण   कविता   हिंदी अर्थ (Meaning)

1.   नमी नमन 🙏 माँ, तेरी शक्ति को, नौ दिन की तपस्या, तेरी भक्ति को। अंतिम चरण ये, पूर्णता का द्वार है, सिद्धियों की दात्री, तेरा ही आभार है।   हे माँ, तेरी शक्ति को मेरा नमन है। नौ दिन की तपस्या और भक्ति आज पूरी हुई है। यह अंतिम चरण पूर्णता (संपूर्णता) का द्वार है। हे सिद्धियाँ देने वाली माँ, हम तेरे आभारी हैं।

2.   कमल पे विराजी, रूप तेरा महान, ज्ञान और शक्ति का तू ही है विधान। गदा, चक्र, शंख, तेरे हाथों में सजे, भक्तों के मन में बस आनंद ही बजे।   हे माँ, तू कमल पर विराजमान है और तेरा रूप बहुत महान है। तू ही ज्ञान और शक्ति का नियम (स्रोत) है। तेरे हाथों में गदा, चक्र और शंख सुशोभित हैं। भक्तों के हृदय में केवल खुशी ही है।

3.   छोटी सी कन्या, तू ही रूप तेरा, चरण पखारें, ये सौभाग्य मेरा। हलवा-चना पूड़ी, प्रेम से खिलाएँ, देवी के दर्शन, जीवन सफल पाएँ।   छोटी-सी कन्या में भी तेरा ही रूप है। उनके चरण धोना मेरा सौभाग्य है। प्रेम से उन्हें हलवा, चना और पूड़ी खिलाते हैं। देवी के दर्शन पाकर हमारा जीवन सफल हो जाता है।

4.   अग्नि कुंड में आज, आहूतियाँ डालो, मन के मैल को, सब राख कर डालो। मंत्रों की ध्वनि से, गूँजे ये संसार, हवन की सुगंधी, शुद्ध करे हर बार।   आज हवन कुंड में आहुतियाँ अर्पित करो। अपने मन की सारी बुराइयों को जलाकर राख कर दो। मंत्रों की ध्वनि से यह पूरा संसार गूँज रहा है। हवन की खुशबू हर बार वातावरण को शुद्ध करती है।

5.   आयुध पूजा का, आज ही है विधान, कर्म की शक्ति को, देता ये सम्मान। पुस्तक, कलम हो, या वाहन-औजार, हर एक यंत्र में, माँ तेरा ही प्यार।   आज ही के दिन आयुध पूजा का नियम है। यह पूजा हमारे कर्म करने की शक्ति को सम्मान देती है। चाहे वह पुस्तक हो, कलम हो, या कोई वाहन/औजार हो, हर उपकरण में माँ तेरा ही प्रेम और शक्ति है।

6.   व्रत का ये बंधन, आज खुल जाएगा, आशीष तेरा माँ, जीवन भर पाएगा। नवरात्रि की यात्रा, यहाँ हुई समाप्त, शक्ति का भंडार, अब हो गया प्राप्त।   उपवास का यह बंधन आज टूट जाएगा। हे माँ, तेरा आशीर्वाद हमें जीवन भर मिलता रहेगा। नवरात्रि की यह आध्यात्मिक यात्रा अब यहाँ पूरी हो गई है। हमें शक्ति का भंडार प्राप्त हो गया है।

7.   अंधेरा हटेगा, आएगी प्रकाश की किरण, दुष्टों का संहार, तेरा ही ये अर्पण। जय जय सिद्धिदात्री, जय हो भवानी, अमृत की धारा, तेरी ये कल्याणी।   अब अंधकार दूर होगा और प्रकाश की किरण आएगी। दुष्टों का नाश (संहार) करना, यह तेरा ही कार्य है। हे सिद्धिदात्री माँ, तेरी जय हो। हे भवानी, तेरी जय हो। तेरी कृपा अमृत के समान कल्याणकारी है।

🌸 कविता का सारंश (Emoji सारंश) 🌸
नमन 🙏 शक्ति 💪 को, कन्या 👧 पूजन 🍽�, हवन 🔥 से शुद्धि ✨, कर्म 🛠� की पूजा 📚, व्रत 🚫 की समाप्ति 🥳, जय माँ सिद्धिदात्री 🔱!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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