एकविरा महानवमी पूजा-'एकविरा आई की पुकार'-आई एकविरा 🏔️ को नमन 🙏, पांडव ⚔️

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 11:09:42 AM

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Atul Kaviraje

एकविरा महानवमी पूजा-

एकविरा महानवमी पर हिंदी कविता-

कविता का शीर्षक: 'एकविरा आई की पुकार'-

चरण   कविता   हिंदी अर्थ (Meaning)

1.   कार्ला की गुफाओं में, तेरा वास है माँ, एकविरा आई, शक्ति का प्रकाश है माँ। नवमी का दिन, भक्ति का आधार है, रेणुका स्वरूप, तेरा ही जयकार है।   हे माँ, तुम्हारा निवास कार्ला की गुफाओं में है। हे एकविरा आई, तुम शक्ति का प्रकाश हो। नवमी का दिन भक्ति का आधार है। हे रेणुका स्वरूप, तुम्हारी ही जय-जयकार हो रही है।

2.   कोली-आगरी की तू, कुलदेवी महान, तू ही वंश रक्षक, तू ही है सम्मान। 500 सीढ़ी चढ़, भक्त दर्शन को आएँ, मन्नत का धागा, तेरी चौखट बाँध जाएँ।   तुम कोली और आगरी समुदाय की महान कुलदेवी हो। तुम ही वंश की रक्षक हो और तुम ही सम्मान हो। भक्त 500 सीढ़ियाँ चढ़कर तुम्हारे दर्शन के लिए आते हैं। वे अपनी मन्नत का धागा तुम्हारी चौखट पर बाँधते हैं।

3.   पांडवों की तपस्या, तूने ही स्वीकारी, अज्ञातवास की राह, सहज कर डाली। रातोंरात मंदिर, बना दिया वीर ने, रक्षा का कवच, दिया हर फकीर ने।   पांडवों की तपस्या तुमने ही स्वीकार की थी। तुमने उनके अज्ञातवास का मार्ग सरल बना दिया। वीरों (पांडवों) ने रातोंरात मंदिर बना दिया, और तुमने उन्हें रक्षा का कवच प्रदान किया।

4.   अग्नि कुंड प्रज्वलित, पूर्णाहुति आज, हवन की सुगंधी से, मिटे पाप का काज। शक्तिदात्री रूप में, तू सिद्धि बरसाए, साधक का जीवन, आज सफल हो जाए।   आज हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित है और पूर्णाहुति डाली जा रही है। हवन की सुगंध से सभी पाप नष्ट हो जाएँ। हे शक्तिदात्री रूप, तुम आज सिद्धियों की वर्षा करो, ताकि साधक का जीवन सफल हो जाए।

5.   छोटी कन्याओं में, तेरा वास माने, उनके चरण छूकर, सौभाग्य हम जाने। पूड़ी-हलवा-चना, प्रेम से परोसें, नारी शक्ति को, हम नित्य शिरोसेँ।   हम छोटी कन्याओं में तुम्हारा निवास मानते हैं। उनके चरण छूकर हम अपना सौभाग्य समझते हैं। हम उन्हें पूड़ी, हलवा और चना प्रेम से परोसते हैं। हम नारी शक्ति का हमेशा सम्मान करते हैं।

6.   धर्म और सहिष्णुता, तेरा ही संदेश, बौद्ध गुफा के संग, मिटे मन का क्लेश। सबकी मुरादें यहाँ, पूरी होती आई, जय हो एकविरा, जय रेणुका आई।   धर्म और सहिष्णुता (tolerance) तुम्हारा ही संदेश है। बौद्ध गुफा के साथ होने से मन का हर दुख (क्लेश) मिट जाता है। यहाँ सबकी इच्छाएँ पूरी होती आई हैं। हे एकविरा, तुम्हारी जय हो, हे रेणुका आई, तुम्हारी जय हो।

7.   नवमी का व्रत आज, हो रहा है पूर्ण, जीवन का हर कोना, हो जाए संपूर्ण। दशहरा कल है, विजय का ऐलान, तेरी कृपा से माँ, होता हर कल्याण।   नवमी का उपवास आज पूरा हो रहा है। जीवन का हर क्षेत्र आज संपूर्ण हो जाए। कल दशहरा है, जो विजय की घोषणा है। हे माँ, तुम्हारी कृपा से हर काम में कल्याण होता है।

🌸 कविता का सारंश (Emoji सारंश) 🌸
आई एकविरा 🏔� को नमन 🙏, पांडव ⚔️ कथा, हवन 🔥, कन्या पूजन 👧, कोली 🎣 की आस्था ❤️, विजय 🚩 का आह्वान!

--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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