आयुध नवमी / शस्त्र पूजा -आयुध वंदना- 📝⚔️🔱📚👑🔱🚩🗡️🛡️🔴📚💡🦢🔧⚙️🌾

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 11:12:59 AM

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Atul Kaviraje

आयुध नवमी / शस्त्र पूजा - शक्ति का सम्मान और कर्तव्य का बोध-

हिंदी कविता: आयुध वंदना-

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चरण 1: (नवमी का आह्वान)
नवमी तिथि है आज सुहानी, शक्ति पर्व का शुभ आगमन।
आयुध पूजन की वेला है, जाग्रत हो हर एक जन का मन।
माँ दुर्गे ने ली थी शक्ति, किया था असुरों का संहार,
शस्त्रों में अब बस जाए माँ, तेरा ही तेजस्वी आकार।

अर्थ: आज शुभ नवमी तिथि है, यह शक्ति के पर्व का शुभ आगमन है। यह आयुध पूजा का समय है, हर व्यक्ति का मन जागृत हो। माँ दुर्गा ने इसी दिन शक्ति धारण की और असुरों का नाश किया। हे माँ, अब हमारे शस्त्रों में भी तेरा ही तेजस्वी रूप बस जाए।

सिंबल: 👑🔱🚩

चरण 2: (शारीरिक शस्त्रों का सम्मान)
लोहा पीतल या हो शस्त्र, जो रक्षक बन शीश उठाता।
न्याय-धर्म की करता रक्षा, निर्बलों का दुख मिटाता।
चंदन, रोली, फूल चढ़ाकर, करते हैं हम आज वंदना,
तेरा मान रहे हमेशा कायम, यही हमारी है कामना।

अर्थ: चाहे लोहा हो या पीतल का शस्त्र, जो रक्षक बनकर खड़ा होता है। जो न्याय और धर्म की रक्षा करता है और कमजोरों का दुख मिटाता है। हम उस पर चंदन, रोली और फूल चढ़ाकर आज वंदना करते हैं। हमारी कामना है कि तुम्हारा सम्मान हमेशा कायम रहे।

सिंबल: 🗡�🛡�🔴

चरण 3: (ज्ञान रूपी शस्त्र)
कलम, किताब और विद्या ज्ञान, यही हमारा सच्चा आयुध।
विवेक की धार रहे तीखी, जो मिटाए हर भ्रम का युद्ध।
माँ शारदे का वास हो इनमें, अंधकार को दूर भगाएँ,
ज्ञान की शक्ति से ही मैया, हम जग में गौरव पाएँ।

अर्थ: कलम, किताब और ज्ञान ही हमारा सच्चा शस्त्र है। विवेक की धार हमेशा तीखी रहे, जो हर भ्रम के युद्ध को खत्म करे। इनमें माँ सरस्वती का वास हो, ताकि वे अंधकार को दूर भगाएँ। हे माँ, ज्ञान की शक्ति से ही हम संसार में सम्मान प्राप्त कर सकें।

सिंबल: 📚💡🦢

चरण 4: (कर्म के उपकरणों की पूजा)
औजारों की होती पूजा, जिससे चलता जग का काम।
किसान का हल, कारीगर की छेनी, लेते सबका आज नाम।
इनके बल पर ही जीवन है, मिलता इनसे ही अन्न-धन,
इनको पूजें, इनको ध्याएँ, होवे सब पापों का शमन।

अर्थ: उन औजारों की पूजा होती है, जिनसे संसार का कार्य चलता है। किसान का हल और कारीगर की छेनी – आज हम सबका नाम लेते हैं। इनके बल पर ही जीवन है और इनसे ही अन्न और धन मिलता है। इनकी पूजा करें, इनका ध्यान करें, जिससे हमारे सभी पाप शांत हों।

सिंबल: 🔧⚙️🌾

चरण 5: (संयम और सदुपयोग)
शक्ति मिली तो संयम रखना, अहंकार से दूर ही रहना।
अन्याय के विरुद्ध हो उपयोग, सत्य की ही राह पर चलना।
शस्त्र बने न कभी विनाशक, जीवनदाता ही होवे वह,
यही प्रार्थना, यही है संकल्प, दूर हो जाए सब अनैच्छिक भय।

अर्थ: अगर शक्ति मिले तो संयम रखना, और अहंकार से दूर रहना। उसका उपयोग केवल अन्याय के विरुद्ध और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए हो। शस्त्र कभी विनाशक न बने, वह हमेशा जीवन देने वाला हो। यही हमारी प्रार्थना और संकल्प है कि सभी अनचाहे डर दूर हो जाएँ।

सिंबल: 🧘❌💣

चरण 6: (कृतज्ञता का भाव)
इन साधनों के हम आभारी, जिनसे कर्म हमारा सधा।
हर सफलता में इनका साथ, यह बात है मन ने कही।
पूजन करके करते सम्मान, माँ, तू ही इनमें शक्ति भर,
कठिन राह पर भी ये चलें, भर दें जीवन में सुखद लहर।

अर्थ: हम इन साधनों के आभारी हैं, जिनसे हमारा काम सफल होता है। हर सफलता में इनका साथ है, यह बात हमारे मन ने स्वीकार की है। पूजा करके हम इनका सम्मान करते हैं। हे माँ, तू ही इनमें शक्ति भर दे, ताकि ये कठिन रास्ते पर भी चल सकें और जीवन में सुखद लहर भर दें।

सिंबल: 🙏💖✨

चरण 7: (आशीर्वाद और पूर्णता)
हे माँ दुर्गे, हे माँ शक्ति, आशीष दो, वरदान दो।
ज्ञान, बल और विवेक का, निज भक्तों को दान दो।
आयुध वंदना हुई संपूर्ण, स्वीकारो तुम यह भेंट हमारी,
कल्याण करो, आशीष दो माँ, यही है विनती हमारी।

अर्थ: हे माँ दुर्गा, हे माँ शक्ति, हमें आशीर्वाद और वरदान दो। अपने भक्तों को ज्ञान, बल और विवेक का दान दो। आयुध पूजा की वंदना पूरी हुई, हमारी यह भेंट स्वीकार करो। हमारा कल्याण करो, हमें आशीर्वाद दो, यही हमारी प्रार्थना है।

सिंबल: 👑🌟⚔️

--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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