श्री जानुदेवी यात्रा -जानुदेवी की महिमा- 📝🚩💖⛰️⛰️🏡🙏🚶‍♀️☀️💖✨👑🌟🤝🍽️💧

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 11:15:10 AM

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Atul Kaviraje

श्री जानुदेवी यात्रा - विराली (तालुका-माण) की भक्तिमय यात्रा-

हिंदी कविता: जानुदेवी की महिमा-

📝🚩💖⛰️

चरण 1: (विराली का वास)
माण तालुका की पावन धरती, विराली गाँव तेरा है धाम।
जहाँ जानुदेवी करतीं निवास, वहीं गुंजे तेरा नाम।
शांत पहाड़ी के आँचल में, शक्ति का तेरा वास है माँ,
हर दुखियारे की सुनती पुकार, तू ही जीवन की आस है माँ।

अर्थ: माण तालुका की पवित्र धरती पर, विराली गाँव तुम्हारा निवास स्थान है। जहाँ जानुदेवी निवास करती हैं, वहीं तुम्हारा नाम गूंजता है। शांत पहाड़ी की गोद में तुम्हारी शक्ति का वास है, माँ। तुम हर दुखी व्यक्ति की पुकार सुनती हो, तुम ही जीवन की आशा हो।

सिंबल: ⛰️🏡🙏

चरण 2: (यात्रा का संकल्प)
पैदल चलकर आते भक्त, मन में लिए अटूट विश्वास।
धूप-छाँव और पथरीली राह, मिटाती हर मन का त्रास।
तेरा दर्शन ही है लक्ष्य, कष्ट नहीं है यह कोई,
भक्ति की धारा बहती है मन में, तू ही माँ मेरी हुई।

अर्थ: भक्त अपने मन में अटूट विश्वास लेकर पैदल चलकर आते हैं। धूप-छाँव और पत्थरों वाली यह राह, मन के हर दुख को मिटाती है। तुम्हारा दर्शन ही हमारा लक्ष्य है, यह कोई कष्ट नहीं है। मन में भक्ति की धारा बहती है, और माँ, तुम ही मेरी हो गई।

सिंबल: 🚶�♀️☀️💖

चरण 3: (आशीर्वाद की शक्ति)
संतान सुख और रोग मुक्ति, माँ तू ही देती वरदान।
आंचल में तेरे कृपा बरसती, करती सबका ही कल्याण।
जिसने माँगी मन्नत सच्चे मन से, खाली न लौटे उसका द्वार,
तेरी महिमा अपरम्पार है मैया, तेरी जय हो, जय जयकार।

अर्थ: संतान का सुख और रोगों से मुक्ति, माँ तुम ही यह वरदान देती हो। तुम्हारी गोद में कृपा बरसती है, और तुम सबका कल्याण करती हो। जिसने सच्चे मन से मन्नत माँगी, उसका द्वार कभी खाली नहीं लौटा। हे माँ, तुम्हारी महिमा अपरम्पार है, तुम्हारी जय हो!

सिंबल: ✨👑🌟

चरण 4: (सेवा का भाव)
सेवा-भाव है इस यात्रा का, हर यात्री है देव समान।
अन्नदान और जल वितरण, यही धर्म है सबसे महान।
भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, देते हैं सब मिल-जुलकर,
यही तुम्हारी सीख है मैया, जीना सबके लिए मुस्कुराकर।

अर्थ: इस यात्रा में सेवा का भाव मुख्य है, हर यात्री भगवान के समान है। अन्न और जल का दान करना, यही सबसे बड़ा धर्म है। भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, सब मिलकर देते हैं। हे माँ, तुम्हारी यही सीख है कि सबके लिए मुस्कुराकर जीना चाहिए।

सिंबल: 🤝🍽�💧

चरण 5: (कलश और कलावा)
कलश विराजे मंदिर भीतर, ज्योति जलती है रात-दिन।
कलावा बांधे रक्षा धागा, होवे ना कोई माँ विपत्ति।
तेरा आशीष लिए हम चलते, जीवन होवे सफल-सुखद,
तेरे नाम की माला जपते, हर पल हो आनंद से भरा।

अर्थ: मंदिर के अंदर कलश स्थापित है, और दीपक दिन-रात जलता है। रक्षा का धागा (कलावा) बाँधते हैं, ताकि माँ कोई विपत्ति न आए। तुम्हारा आशीर्वाद लेकर हम चलते हैं, हमारा जीवन सफल और सुखद हो। तुम्हारे नाम की माला जपते हैं, ताकि हर पल आनंद से भरा रहे।

सिंबल: 🏮🧵😊

चरण 6: (प्रकृति से जुड़ाव)
पत्थर, मिट्टी, वायु और जल, हर कण में है तेरा वास।
प्रकृति ही तेरा रूप है मैया, तू ही जीवन की है श्वास।
सूखे को हरियाली देना, वर्षा का करना अब दान,
विराली को खुशहाल बनाओ, यही हमारा है अरमान।

अर्थ: पत्थर, मिट्टी, हवा और पानी, हर कण में तुम्हारा वास है। हे माँ, प्रकृति ही तुम्हारा रूप है, तुम ही जीवन की साँस हो। सूखे को हरियाली दो, अब वर्षा का दान करो। विराली को खुशहाल बनाओ, यही हमारी इच्छा है।

सिंबल: 🌳🌧�🌱

चरण 7: (पूर्णता और विनती)
हे जानुदेवी, हे माँ शक्ति, तेरी यात्रा हुई सफल।
ज्ञान, बल और भक्ति का, मिला हमें अब निर्मल फल।
कृपा दृष्टि रखना हम पर माँ, दूर करना हर एक क्लेश,
विराली धाम में सुख-शांति हो, यही है अंतिम संदेश।

अर्थ: हे जानुदेवी, हे माँ शक्ति, तुम्हारी यात्रा सफल हुई। हमें ज्ञान, बल और भक्ति का पवित्र फल मिला है। हे माँ, हम पर कृपा दृष्टि रखना, हर एक दुख को दूर करना। विराली धाम में सुख और शांति बनी रहे, यही हमारा अंतिम संदेश है।

सिंबल: 👑🌟💖

--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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