रामनाथ कोविंद (राजकारणी, भारताचे राष्ट्रपती)-१ ऑक्टोबर १९४५ -1-

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 03:09:41 PM

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Atul Kaviraje

रामनाथ कोविंद (राजकारणी, भारताचे राष्ट्रपती)   १ ऑक्टोबर १९४५

रामनाथ कोविंद: एक जीवन परिचय-

1 अक्टूबर 1945 को कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश में जन्मे रामनाथ कोविंद, भारत के 14वें राष्ट्रपति थे। उनका जीवन, एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुँचने की एक प्रेरक कहानी है। यह लेख उनके जीवन, करियर और योगदानों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा रामनाथ कोविंद का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। उनका बचपन आर्थिक संघर्षों में बीता, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा को कभी बाधित नहीं होने दिया।
जन्म: 1 अक्टूबर 1945, परौंख गांव, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश।

शैक्षणिक योग्यता: उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य (Commerce) और विधि (Law) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

शुरुआती संघर्ष: गाँव में कच्चे मकान में रहना और सीमित संसाधनों में जीवन यापन करना।

लक्ष्य की ओर बढ़ना: उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए कड़ी मेहनत की और अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान खींचा।

2. कानूनी और प्रशासनिक करियर 🏛�
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद, कोविंद ने दिल्ली में वकालत शुरू की। उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने उन्हें जल्द ही पहचान दिलाई।

वकील के रूप में: दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक वकालत की।

सरकारी वकील: 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील के रूप में काम किया।

न्यायपालिका में योगदान: गरीब और वंचितों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अनुभव का उपयोग: उनके कानूनी अनुभव ने उन्हें राजनीति में एक मजबूत आधार प्रदान किया।

3. राजनीतिक यात्रा का आरंभ 🇮🇳
कोविंद का राजनीतिक करियर 1990 के दशक में शुरू हुआ। वे भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) से जुड़े और जल्द ही पार्टी में एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए।

राज्यसभा सदस्य: 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए और 12 साल तक इस पद पर रहे।

सांसद के रूप में भूमिका: उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर काम किया।

भाजपा के दलित मोर्चे के अध्यक्ष: उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह काम किया।

4. बिहार के राज्यपाल के रूप में 👑
अगस्त 2015 में, उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

शैक्षणिक सुधार: उन्होंने बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए।

राजभवन की भूमिका: उन्होंने राज्यपाल के पद को केवल एक औपचारिक पद के बजाय सक्रिय रूप से जनहित में इस्तेमाल किया।

सकारात्मक प्रभाव: उनके कार्यकाल को बिहार में पारदर्शिता और सुशासन लाने के लिए याद किया जाता है।

5. राष्ट्रपति पद की ओर 🗳�
2017 में, भाजपा ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। उनका चयन उनकी साफ-सुथरी छवि और लंबे राजनीतिक अनुभव के कारण हुआ।

उम्मीदवारी: विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ा।

जीत: उन्होंने भारी मतों से राष्ट्रपति चुनाव जीता और भारत के 14वें राष्ट्रपति बने।

ऐतिहासिक क्षण: 25 जुलाई 2017 को उन्होंने शपथ ली, जो भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण था।

6. राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल 🤝
राष्ट्रपति के रूप में, कोविंद ने संविधान के संरक्षक की भूमिका निभाई और देश के सर्वोच्च पद की गरिमा को बनाए रखा।

संवैधानिक दायित्व: उन्होंने बिना किसी पक्षपात के संवैधानिक नियमों का पालन किया।

विदेश नीति में योगदान: उन्होंने कई देशों का दौरा किया और भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया।

सामाजिक समरसता: उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के लिए काम किया।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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