गजाNAन दिगंबर मIडगुळकर (मराठी कवी, लेखक)१ ऑक्टोबर १९१९ -1-✍️➡️📖➡️🎤➡️🏆➡️❤️

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 03:14:31 PM

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Atul Kaviraje

गजाNAन दिगंबर मIडगुळकर (मराठी कवी, लेखक)   १ ऑक्टोबर १९१९

ग. दि. माडगुळकर: महाराष्ट्राचा वाल्मिकी-

1 अक्टूबर 1919 को महाराष्ट्र के सांगली जिले में जन्मे गजानन दिगंबर माडगुळकर, जिन्हें प्यार से ग. दि. माडगुळकर या 'गदिमा' कहा जाता है, एक महान मराठी कवि, गीतकार और लेखक थे। उनका योगदान न केवल मराठी साहित्य में अतुलनीय है, बल्कि उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को भी एक नई दिशा दी। उन्हें अक्सर 'आधुनिक महाराष्ट्राचे वाल्मीकि' (आधुनिक महाराष्ट्र के वाल्मीकि) के रूप में जाना जाता है।

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा 🏫
गदिमा का जीवन बचपन से ही साहित्यिक और कलात्मक रुझानों से भरा था, जिसने उनके भविष्य की नींव रखी।

जन्म: 1 अक्टूबर 1919, माडगुळे गांव, सांगली, महाराष्ट्र।

बचपन: उनका बचपन ग्रामीण परिवेश में बीता, जहाँ उन्होंने लोककला और लोकगीतों को करीब से देखा, जिसका प्रभाव उनके लेखन में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

औपचारिक शिक्षा: उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सांगली और कोल्हापुर में पूरी की। हालांकि, आर्थिक कठिनाइयों के कारण वे उच्च शिक्षा जारी नहीं रख पाए।

साहित्यिक प्रेरणा: कम उम्र से ही, वे कविता और लेखन में रुचि रखते थे। वे लोक कथाओं और पौराणिक कहानियों से बहुत प्रभावित थे।

2. साहित्यिक यात्रा का आरंभ ✍️
गदिमा ने अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत कविता और कहानी लेखन से की।

कविता संग्रह: उनका पहला कविता संग्रह 'शिळा' (पत्थर) 1941 में प्रकाशित हुआ, जिसने साहित्यिक हलकों में हलचल मचा दी।

कथा और उपन्यास: उन्होंने कई लघु कथाएँ और उपन्यास लिखे, जिनमें 'जोगिया' और 'कृष्णाची करामत' प्रमुख हैं।

'गीतरामायण' का लेखन: उनके जीवन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य 'गीतरामायण' था, जिसे उन्होंने 1955-58 के दौरान लिखा। यह कृति आज भी मराठी साहित्य का गौरव मानी जाती है।

3. 'गीतरामायण' - एक अमर कृति 🙏
'गीतरामायण' ने गदिमा को अमर कर दिया। यह 56 गीतों का एक संग्रह है जो रामायण की पूरी कहानी को सरल और काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत करता है।

अद्वितीयता: 'गीतरामायण' को एक ही लेखक द्वारा रचित सबसे लंबी कविता श्रृंखला होने का अनूठा सम्मान प्राप्त है।

गायन और प्रसारण: यह पहली बार पुणे स्टेशन के आकाशवाणी पर प्रसारित हुआ और इसे सुधीर फडके ने गाया।

जनप्रियता: 'गीतरामायण' ने भारत भर में लाखों लोगों के दिलों को छुआ और आज भी बहुत लोकप्रिय है।

4. मराठी फिल्म उद्योग में योगदान 🎬
गदिमा ने मराठी सिनेमा को कई अमर गीतों का उपहार दिया।

गीतकार: उन्होंने 150 से अधिक फिल्मों के लिए गीत लिखे। उनके गीत हमेशा अपनी सादगी, गहरा अर्थ और मधुरता के लिए जाने जाते थे।

प्रसिद्ध फिल्में: उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में 'लाखाची गोष्ट', 'जगाच्या पाठीवर' और 'एक धागा सुखाचा' शामिल हैं।

पुरस्कार: उन्हें उनके फिल्म गीतों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

5. हिंदी फिल्म उद्योग में भी पहचान 🎥
मराठी के अलावा, गदिमा ने हिंदी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

योगदान: उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों के लिए गीत और पटकथा लिखी।

प्रसिद्ध गीत: उनका एक प्रसिद्ध हिंदी गीत 'ज्योत से ज्योत जलाते चलो' आज भी गाया जाता है।

फिल्म: उन्होंने 'वसंतसेना' और 'तूफान और दीया' जैसी हिंदी फिल्मों के लिए काम किया।

सारांश (Emoji): ✍️➡️📖➡️🎤➡️🏆➡️❤️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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