MAJARUH सुलतानपुरी (उर्दू कवि, गीतकार)१ ऑक्टोबर १९१९-2- ✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 03:16:21 PM

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Atul Kaviraje

MAJARUH सुलतानपुरी (उर्दू कवि, गीतकार)   १ ऑक्टोबर १९१९

मजरूह सुल्तानपुरी: गीतों का शहंशाह-

6. पुरस्कार और सम्मान 🏆
मजरूह सुल्तानपुरी को उनके असाधारण योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार: उन्हें 1993 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे इस पुरस्कार को पाने वाले पहले गीतकार थे।

फिल्मफेयर पुरस्कार: उन्हें फिल्म 'दोस्ती' (1964) के लिए 'चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे' गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

अन्य सम्मान: उन्हें कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुए।

7. वैचारिक दृढ़ता और विचारधारा ☭
मजरूह अपनी वैचारिक दृढ़ता और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे।

राजनीतिक विचारधारा: वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) के सदस्य थे और अपनी विचारधारा के प्रति हमेशा ईमानदार रहे।

सामाजिक न्याय: उन्होंने अपने गीतों और कविताओं के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता के लिए आवाज उठाई।

विद्रोह की भावना: उनके कुछ गीतों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह और अन्याय के प्रति गुस्सा स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

8. व्यक्तिगत जीवन और मूल्य 👨�👩�👧�👦
अपने सार्वजनिक जीवन के अलावा, मजरूह एक साधारण और विनम्र व्यक्ति थे।

सादगी: वे अपनी सादगी और विनम्रता के लिए जाने जाते थे।

ईमानदारी: उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, भले ही उन्हें इसके लिए आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा हो।

पारिवारिक जीवन: वे एक समर्पित पति और पिता थे।

9. लेखन की शैली और भाषा 📚
मजरूह की लेखन शैली उनकी अपनी थी, जिसमें उर्दू की गहराई और हिंदी की सरलता का अद्भुत मेल था।

सरल उर्दू: उन्होंने उर्दू भाषा के कठिन शब्दों को सरल बनाया ताकि आम जनता उन्हें समझ सके।

शायरी का प्रभाव: उनके गीतों में उर्दू शायरी की गहराई और भावुकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

लोकप्रिय अपील: उनके गीतों में एक लोकप्रिय अपील थी, जो उन्हें पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों से जोड़ती रही।

10. सारांश और निष्कर्ष ✅
मजरूह सुल्तानपुरी का जीवन एक सच्चे कलाकार और लोक सेवक का उदाहरण है। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से लाखों लोगों के दिलों को छुआ और भारतीय सिनेमा को एक अमूल्य विरासत दी। वे हमेशा एक कवि, एक गीतकार और एक सच्चे इंसान के रूप में याद किए जाएंगे।

संक्षिप्त सार: एक मुशायरा कवि से एक महान गीतकार तक का सफर।

प्रेरणा का स्रोत: लाखों गीतकारों और कवियों के लिए प्रेरणा।

राष्ट्र के लिए योगदान: भारतीय संगीत और संस्कृति को समृद्ध किया।

सारांश (Emoji): ✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
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