लक्ष्मी का लोक कल्याण- शीर्षक: समृद्धि का प्रकाश-💰 💖 🤝 📚 💪 🍎 🏭 🌟 🙏

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:22:37 AM

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Atul Kaviraje

सामाजिक विकास में देवी लक्ष्मी का योगदान: धन, समृद्धि और लोक कल्याण-

हिंदी कविता - लक्ष्मी का लोक कल्याण-

शीर्षक: समृद्धि का प्रकाश-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   देवी लक्ष्मी माता, तेरी महिमा न्यारी।   हे देवी लक्ष्मी माता, तेरी महिमा अनोखी है।
धन-धान्य की दात्री, है तू जग प्यारी।   तू धन और अनाज देने वाली, संसार की प्रिय है।
समृद्धि का अर्थ तूने, जग को है बताया।   तूने संसार को समृद्धि का सच्चा अर्थ बताया है।
केवल निजी सुख नहीं, है लोक हित कारी।   यह केवल व्यक्तिगत सुख नहीं, बल्कि लोक कल्याणकारी है।

02.   विद्या लक्ष्मी तू ही, ज्ञान का कर दान।   विद्या लक्ष्मी तू ही है, ज्ञान का दान कर।
अंधेरा मिटे अज्ञान का, बढ़े राष्ट्र का मान।   अज्ञानता का अंधेरा मिटे, राष्ट्र का सम्मान बढ़े।
साहस और शक्ति दे, मिटे हर अपमान।   साहस और शक्ति दे, हर अपमान मिटे।
वीर लक्ष्मी से होवे, जीवन में उत्थान।   वीर लक्ष्मी से ही जीवन में प्रगति हो।

03.   धान्य भरे भंडार, न हो कोई भूखा।   भंडार अनाज से भरे, कोई भूखा न रहे।
स्वास्थ्य और पोषण से, जीवन हो सुखा।   स्वास्थ्य और पोषण से, जीवन सुखी हो।
असमानता का विष, यह समाज से चूका।   असमानता का जहर, इस समाज से खत्म हो जाए।
परोपकार की वर्षा, न रहे कोई रूखा।   दान की वर्षा हो, कोई अभाव में न रहे।

04.   उद्यम से ही माता, देती है वरदान।   उद्यम (मेहनत) से ही माता, आशीर्वाद देती है।
कर्म में होवे निष्ठा, तभी बढ़ता मान।   कर्म में निष्ठा हो, तभी सम्मान बढ़ता है।
ईमानदारी हो पूंजी, न हो कोई अभिमान।   ईमानदारी पूंजी हो, कोई घमंड न हो।
नैतिकता के पथ पर, चले हर इंसान।   नैतिकता के रास्ते पर, हर इंसान चले।

05.   कुटीर उद्योग पनपे, फैले आत्म-विश्वास।   छोटे उद्योग पनपे, आत्मविश्वास फैले।
नारी शक्ति आगे बढ़े, होवे तेरा वास।   नारी शक्ति आगे बढ़े, तेरा निवास हो।
पीढ़ी बने जिम्मेदार, पूरी हो हर आस।   पीढ़ी जिम्मेदार बने, हर आशा पूरी हो।
सुदृढ़ बने परिवार, हरदम होवे रास।   परिवार मजबूत बने, हमेशा खुशी हो।

06.   कला और संस्कृति का, होवे अब विस्तार।   कला और संस्कृति का, अब विस्तार हो।
धैर्य और स्थिरता से, जीवन का हो सार।   धैर्य और स्थिरता से, जीवन का सार हो।
संस्कारों से सींचकर, हो समाज तैयार।   संस्कारों से सींचकर, समाज तैयार हो।
सुंदर हो यह धरा, प्रेम का हो आधार।   यह धरती सुंदर हो, प्रेम आधार हो।

07.   जय लक्ष्मी माता, सबका कल्याण करो।   जय लक्ष्मी माता, सबका कल्याण करो।
सुख-शांति से जग को, तुम संपन्न करो।   सुख-शांति से संसार को, तुम समृद्ध करो।
जीवन के पथ पर, नया संकल्प धरो।   जीवन के मार्ग पर, नया संकल्प धारण करो।
जन सेवा के हेतु, मन को समर्पित करो।   जन सेवा के लिए, मन को समर्पित करो।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-03.10.2025-शुक्रवार.
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