शक्ति का आह्वान- शीर्षक: दुर्गा का बल-🐅 🔱 💪 🛡️ 👩‍🏭 🧘 🙏 ✨ 💖

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:24:15 AM

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Atul Kaviraje

'शक्तिस्वरूपा' देवी दुर्गा की पूजा एवं उसके प्रभाव: आंतरिक बल और निर्भीकता की प्राप्ति-

हिंदी कविता - शक्ति का आह्वान-

शीर्षक: दुर्गा का बल-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   दुर्गा माँ भवानी, शक्ति की तू खान।   हे माँ दुर्गा भवानी, तू शक्ति का भंडार है।
महिषासुर मर्दिनी, तू ही जगत महान।   महिषासुर को मारने वाली, तू ही जगत में महान है।
तेरी पूजा से मिलता, आत्म बल का दान।   तेरी पूजा से, आत्मिक शक्ति का वरदान मिलता है।
डर को दूर भगाकर, बढ़ता है सम्मान।   डर को दूर भगाकर, हमारा सम्मान बढ़ता है।

02.   शेर पर हो सवार तू, निर्भयता का रूप।   तू शेर पर सवार है, निर्भीकता का स्वरूप है।
अस्त्र-शस्त्र हैं हाथों में, ज्ञान का है कूप।   हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं, तू ज्ञान का स्रोत है।
अहंकार की छाया से, होवे दूर धूप।   अहंकार की छाया से, प्रकाश दूर हो जाए।
संकल्प की शक्ति से, मिट जाए हर कूप।   संकल्प की शक्ति से, हर कठिनाई मिट जाए।

03.   स्त्री शक्ति का तू ही, सबसे बड़ा आधार।   तू ही स्त्री शक्ति का, सबसे बड़ा आधार है।
महिलाओं में भरती, तू आत्मविश्वास अपार।   तू महिलाओं में अपार आत्मविश्वास भरती है।
अन्याय के विरुद्ध हो, तेरा ही जयकार।   अन्याय के खिलाफ, तेरी ही जीत हो।
समाज में फैले माँ, तेरा ही आभार।   माँ, समाज में तेरा ही धन्यवाद फैले।

04.   नव रूपों में पूजें, नौ दिन हर बार।   हम हर बार नौ दिनों तक, तेरे नौ रूपों की पूजा करते हैं।
शैलपुत्री से सिद्धिदात्री, तेरी लीला पार।   शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक, तेरी महिमा अपरंपार है।
स्वास्थ्य, धैर्य, विजय का, देती तू उपहार।   तू स्वास्थ्य, धैर्य और विजय का उपहार देती है।
जीवन के हर पथ पर, मिलती तेरी धार।   जीवन के हर रास्ते पर, तेरा सहारा मिलता है।

05.   ध्यान और एकाग्रता, तेरी पूजा का सार।   ध्यान और एकाग्रता, तेरी पूजा का सार है।
मन को करती शांत माँ, मिटे सब विकार।   माँ, मन को शांत करती है, सारे विकार मिट जाते हैं।
लक्ष्य की हो प्राप्ति, न कोई इंकार।   लक्ष्य की प्राप्ति हो, कोई इंकार न हो।
भक्ति में तेरी लीन हो, जीवन का हर भार।   तेरी भक्ति में लीन हो, जीवन का हर बोझ।

06.   धर्म और सत्य का, तू ही है रक्षण।   तू ही धर्म और सत्य की रक्षक है।
अनैतिकता के आगे, तेरा होवे भक्षण।   अनैतिकता के सामने, तेरा विनाश हो।
सामाजिक एकता का, होवे अब मंचन।   सामाजिक एकता का, अब प्रदर्शन हो।
तेरी शक्ति से होवे, हर बुराई का खंडन।   तेरी शक्ति से हो, हर बुराई का खंडन।

07.   जय हो माँ दुर्गा की, शक्तिस्वरूपा देवी।   माँ दुर्गा की जय हो, शक्तिस्वरूपा देवी।
आशीर्वाद से तेरे, जीवन में सुख लेवी।   तेरे आशीर्वाद से, जीवन में सुख प्राप्त हो।
तू ही मेरी रक्षक माँ, तू ही मेरी देवी।   तू ही मेरी रक्षक माँ, तू ही मेरी देवी।
अंतर्मन में शक्ति दे, जो कभी न जावी।   मेरे अंतर्मन में ऐसी शक्ति दे, जो कभी खत्म न हो।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-03.10.2025-शुक्रवार.
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