अंबाबाई की शांति- शीर्षक: कोल्हापुर का आध्यात्मिक धाम-🙏 💖 🕉️ 🧘 🌟 🛡️ ❤️ 💡

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:25:51 AM

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Atul Kaviraje

अंबाबाई की 'आध्यात्मिक शांति' का महत्व: कोल्हापुर की महालक्ष्मी और आंतरिक स्थिरता-

हिंदी कविता - अंबाबाई की शांति-

शीर्षक: कोल्हापुर का आध्यात्मिक धाम-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   कोल्हापुर की माता, अंबाबाई नाम।   कोल्हापुर की माता का नाम अंबाबाई है।
महालक्ष्मी का रूप तू, आध्यात्मिक धाम।   तू महालक्ष्मी का रूप, आध्यात्मिक तीर्थस्थल है।
चरणों में तेरे मिलता, मन को विश्राम।   तेरे चरणों में मन को शांति मिलती है।
शांति का तू सागर, पूर्ण हो हर काम।   तू शांति का सागर है, हर काम सफल हो।

02.   आंतरिक अशांति को, पल भर में हरती।   तू आंतरिक अशांति को एक पल में दूर करती है।
इच्छाओं की ज्वाला, तू ही तो बुझाती।   इच्छाओं की आग को तू ही तो शांत करती है।
धन और वैभव से, मन को भरती।   धन और समृद्धि से मन को भरती है।
सच्ची शांति का मार्ग, तू ही तो दिखाती।   तू ही तो सच्ची शांति का मार्ग दिखाती है।

03.   हर भक्त के मन में, कृतज्ञता हो वास।   हर भक्त के मन में, धन्यवाद का भाव हो।
संतोष का अमृत माँ, रहे हरदम पास।   संतोष का अमृत माँ, हमेशा पास रहे।
भय और चिंता से माँ, मिट जाए हर आस।   माँ, भय और चिंता से हर उम्मीद टूट जाए (नकारात्मक)।
अभय दान देकर, तू करती प्रकाश।   निर्भीकता का वरदान देकर, तू प्रकाश करती है।

04.   प्रेम और करुणा का, तू ही है आधार।   तू ही प्रेम और करुणा का आधार है।
जन सेवा में लीन हों, होवे बेड़ा पार।   लोग जन सेवा में लगें, उनकी नैया पार हो।
आत्म-ज्ञान की ज्योति, करती स्वीकार।   तू आत्म-ज्ञान की ज्योति को स्वीकार करती है।
सच्ची शांति से माँ, जीवन हो उदार।   सच्ची शांति से माँ, जीवन उदार बने।

05.   सुख-दुख और हानि में, मन होवे समान।   सुख-दुख और हानि में, मन एक जैसा रहे।
जीवन के द्वंद्व से माँ, रहे तू महान।   माँ, जीवन के संघर्षों से तू महान रहे।
शक्ति और सौम्यता का, तू ही है स्थान।   तू ही शक्ति और कोमलता का स्थान है।
शांत रहे हर आत्मा, यही तेरा गान।   हर आत्मा शांत रहे, यही तेरा गीत है।

06.   शरण में जो तेरी आए, सब कुछ है छोड़ा।   जो तेरी शरण में आए, उसने सब कुछ छोड़ दिया है।
संसार के चक्र से, नाता है तोड़ा।   उसने संसार के चक्र से नाता तोड़ दिया है।
भक्ति और विश्वास का, बंधन है जोड़ा।   उसने भक्ति और विश्वास का बंधन जोड़ा है।
परम शांति की ओर, जीवन को मोड़ा।   उसने परम शांति की ओर, जीवन को मोड़ दिया है।

07.   जय हो माँ अंबाबाई, जय महालक्ष्मी।   माँ अंबाबाई की जय हो, जय महालक्ष्मी।
आध्यात्मिक शांति दे, तू ही है लक्ष्यी।   आध्यात्मिक शांति दे, तू ही हमारा लक्ष्य है।
मन को पवित्र कर माँ, तू ही साक्षी।   मन को पवित्र कर माँ, तू ही साक्षी है।
मोक्ष की राह दिखा, तू ही परदाक्षी।   मोक्ष की राह दिखा, तू ही सब कुछ जानने वाली है।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-03.10.2025-शुक्रवार.
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