विजयादशमी/दशहरा- शीर्षक: विजय का गान-✍️🌳🌟🇮🇳🙏🪷🏹

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:40:19 AM

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Atul Kaviraje

🙏🪷🏹 असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व 🪷🏹🙏

हिंदी कविता - विजयादशमी/दशहरा-

शीर्षक: विजय का गान (A Song of Victory)-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   नव दिन की तपस्या पूर्ण हुई, माँ शक्ति का जयकारा है।   नवरात्रि की साधना पूरी हुई है, और माँ शक्ति (दुर्गा) की जय-जयकार हो रही है।
अधर्म अंधेरे में डूबा, सत्य का मिला उजियारा है।   बुराई का अँधेरा खत्म हो गया है, और सत्य का प्रकाश फैल गया है।
दशमी की पावन तिथि आई, हर मन में हर्ष अपारा है।   यह पवित्र दशमी तिथि आई है, जिससे हर मन में बहुत अधिक खुशी है।
आज राम ने रावण मारा, विजय का मिला सहारा है।   आज भगवान राम ने रावण का वध किया है, और सत्य को विजय का समर्थन मिला है।

02.   लंका का वो अहंकारी, दस शीशों का था स्वामी।   लंका का वह घमंडी राजा, जो दस सिरों का मालिक था।
सीता हरण का पाप किया, बन बैठा जग का नामी।   उसने माता सीता का हरण करने का पाप किया, जिससे वह संसार में कुख्यात हो गया।
क्रोध, मोह और मद का प्रतीक, उसकी बुद्धि थी घामी।   वह क्रोध, मोह और अहंकार का प्रतीक था, और उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी।
राम चले धर्म की राह पर, वो भक्त थे अंतर्यामी।   राम धर्म के रास्ते पर चले, क्योंकि वे सबके मन की बात जानने वाले सच्चे भक्त थे।

03.   शक्ति पूजा का ये दिन है, महिषासुर भी आज मरा।   यह शक्ति की देवी की पूजा का दिन है, आज ही के दिन महिषासुर नामक राक्षस भी मारा गया।
सिंहवाहिनी माँ दुर्गा ने, दुष्टों का संताप हरा।   शेर पर सवार माँ दुर्गा ने सभी दुष्टों के दुख और कष्टों को दूर किया।
असुरों के बल को कुचला, धरा को फिर से किया खरा।   उन्होंने राक्षसों की शक्ति को नष्ट किया और धरती को फिर से शुद्ध और पवित्र किया।
जगजननी के चरणों में, भक्ति का नीर है भरा।   हम सबने जगत की माता (माँ दुर्गा) के चरणों में अपनी भक्ति का जल (प्रेम) अर्पित किया है।

04.   रावण के पुतले जलते हैं, जलते हैं सारे दुर्गुण।   जब रावण के पुतले जलाए जाते हैं, तो हमारे अंदर के सारे बुरे गुण भी जलकर समाप्त हो जाते हैं।
अस्त्र-शस्त्रों की पूजा हो, कर्म का होता है अर्पण।   आज के दिन हथियारों और उपकरणों की पूजा होती है, और हम अपने काम (कर्म) को समर्पित करते हैं।
नया काम शुरू हो आज से, शुभ है हर एक ही क्षण।   आज से ही हर नया काम शुरू होना चाहिए, क्योंकि आज का हर पल शुभ और मंगलमय है।
सत्य की विजय का पर्व ये, मन में हो प्रेम समर्पण।   यह सत्य की जीत का त्योहार है, इसलिए हमारे मन में प्रेम और समर्पण की भावना होनी चाहिए।

05.   कुल्लू की घाटी में देखो, या मैसूर का वो ठाठ।   चाहे हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी का दृश्य हो, या कर्नाटक के मैसूर का राजसी वैभव।
रंग-बिरंगी शोभायात्राएँ, हर ओर विजय की बाट।   हर जगह रंगीन जुलूस (शोभायात्राएँ) निकलती हैं, और हर तरफ विजय की खुशी फैली हुई है।
घर-घर में खुशियाँ छाई हैं, हो रही मंगल की चाट।   हर घर में खुशियाँ हैं, और हर तरफ शुभ और मंगल गीतों का शोर है।
बुराई से लड़ने का प्रण लें, थाम लें सच्चाई का हाथ।   हमें बुराई से लड़ने का संकल्प लेना चाहिए, और हमेशा सच्चाई का साथ पकड़ना चाहिए।

06.   शमी वृक्ष की करते पूजा, पांडव कथाएँ याद करें।   हम शमी के पेड़ की पूजा करते हैं, और पांडवों की कहानियों को याद करते हैं।
अपराजिता के फूल चढ़ाएँ, विजय का आशीर्वाद लें।   हम अपराजिता (नीले) फूल चढ़ाते हैं, और हमेशा जीतने का आशीर्वाद मांगते हैं।
राम नाम की महिमा गाएँ, दुष्कर्मों से हमें बचाएँ।   हम भगवान राम के नाम की महिमा गाते हैं, ताकि वह हमें बुरे कामों से बचाएँ।
हर वर्ष आए ये पावन पर्व, जीवन में धर्म बढ़ाएँ।   यह पवित्र त्योहार हर साल आए, और हमारे जीवन में धर्म और नैतिकता को बढ़ाए।

07.   राम और शक्ति का संगम, ये पर्व है महान।   यह त्योहार भगवान राम और माँ शक्ति (दुर्गा) के मिलन का प्रतीक है, यह एक महान पर्व है।
मनुष्यता का करे उद्धार, देता है ये ज्ञान।   यह मनुष्य जाति का कल्याण करता है और हमें सच्चा ज्ञान देता है।
सदाचार का बीज बोएँ, मन में हो मधुर मुस्कान।   हमें अपने अंदर अच्छे आचरण (सदाचार) के बीज बोने चाहिए, और चेहरे पर मीठी मुस्कान होनी चाहिए।
विजयादशमी की जय हो, भारत का ये अभिमान।   विजयादशमी की जय हो, यह हमारे भारत देश का गर्व है।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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