🙏🐎⚔️ शौर्य और कर्म की शक्ति को नमन ⚔️🐎🙏- अश्व पूजन-🐎⚔️🚩🐴📿🌿🎉🧠🧘🙏

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:41:39 AM

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Atul Kaviraje

अश्व पूजन (घोड़े की पूजा) - शौर्य, गति और विजय का प्रतीक-

🙏🐎⚔️ शौर्य और कर्म की शक्ति को नमन ⚔️🐎🙏

हिंदी कविता - अश्व पूजन-

शीर्षक: विजय अश्व का वंदन-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   दशहरे की पावन वेला, अश्व पूजन का आया दिन।   दशहरे के इस पवित्र समय पर, घोड़े की पूजा का दिन आया है।
विजय का प्रतीक है घोड़ा, जिसके बिना कोई पथ न कठिन।   घोड़ा विजय का प्रतीक है, जिसके बिना कोई रास्ता कठिन नहीं होता (वह कठिन राह भी आसान कर देता है)।
शौर्य, गति और शक्ति का, वंदन करे हर एक जन।   हम शौर्य, गति और शक्ति के इस प्रतीक को नमन करते हैं।
आज पूजें उन साधनों को, जिससे जीत लिया रण।   आज हम उन साधनों की पूजा करते हैं, जिनसे हमने युद्ध जीता।

02.   चेतक की वह निष्ठा देखो, या राम के रथ के सारथी।   महाराणा प्रताप के घोड़े 'चेतक' की स्वामी भक्ति देखो, या भगवान राम के रथ के घोड़ों की।
सदियों से साथी है इनका, धर्म की रक्षा करती छाती।   ये घोड़े सदियों से मनुष्य के साथी रहे हैं, और धर्म की रक्षा में अपनी जान की परवाह नहीं करते।
राजसी ठाट और शान में, इसकी शोभा हरदम पाती।   शाही वैभव और गौरव में, घोड़े की सुंदरता हमेशा दिखाई देती है।
कर्मयोग का पाठ पढ़ाए, सत्य पथ की ये बाती।   यह पूजा हमें कर्म के महत्व का पाठ पढ़ाती है, और सत्य के मार्ग पर चलने की रोशनी दिखाती है।

03.   हल्दी, कुमकुम से टीका हो, बाँधें मोती की मालाएँ।   घोड़ों को हल्दी और कुमकुम का तिलक लगाया जाता है, और मोतियों की मालाएँ पहनाई जाती हैं।
शमी के पत्ते भेंट करें, मंगल गीत सभी गाएँ।   हम उन्हें शमी के पत्ते चढ़ाते हैं, और सभी शुभ (मंगल) गीत गाते हैं।
स्वाद भरा चारा खिलाएँ, आरती से दुख दूर भगाएँ।   उन्हें स्वादिष्ट भोजन (चारा) खिलाते हैं, और आरती करके उनके सारे कष्ट दूर करते हैं।
घोड़े का सम्मान करें, अपने कर्मों को सफल बनाएँ।   हम घोड़े का सम्मान करते हैं, और अपने सभी कार्यों को सफल बनाने की प्रार्थना करते हैं।

04.   रथ का चक्र चले जब आगे, धूल उड़े हर मैदान की।   जब रथ का पहिया आगे बढ़ता है, तो मैदान में धूल उड़ जाती है।
अश्व शक्ति का साथ मिले तो, चिंता कैसी तूफान की।   अगर हमें घोड़े जैसी शक्ति का साथ मिल जाए, तो किसी भी बड़े संकट (तूफान) की चिंता नहीं होती।
विजय मुहूर्त में हो पूजा, रक्षा हो हर एक प्राण की।   शुभ 'विजय मुहूर्त' में पूजा हो, और हर जीवन की रक्षा हो।
घोड़ा नहीं ये देव रूप है, भक्ति है ये महान।   घोड़ा केवल पशु नहीं, बल्कि देवता का रूप है, और यह हमारी महान भक्ति है।

05.   इंद्रियों पर लगाम कसे, मन को अपने काबू में ले।   जिस तरह घोड़े को लगाम से नियंत्रित करते हैं, वैसे ही अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करें और मन को वश में रखें।
जैसे सारथी रथ को मोड़े, जीवन का रथ सही चले।   जिस तरह सारथी रथ को सही दिशा में मोड़ता है, वैसे ही हमारा जीवन सही दिशा में चले।
यही सिखाए अश्व पूजन, लक्ष्य को हरदम आगे करे।   अश्व पूजन हमें यही सिखाता है कि हमेशा अपने लक्ष्य को आगे रखें।
सफलता का पथ है यही, जो निज बल से आगे बढ़े।   सफलता का रास्ता यही है, जो अपने बल और निष्ठा से आगे बढ़ता है।

06.   राजघराने और सेना का, ये गौरवपूर्ण विधान है।   यह राजघरानों और सेना की एक गौरवशाली परंपरा है।
पीढ़ी दर पीढ़ी ये चलता, वीरता का ये गान है।   यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है, यह वीरता का गीत है।
धर्म की रक्षा की खातिर, इनका अतुल्य बलिदान है।   धर्म की रक्षा के लिए घोड़ों का अतुलनीय योगदान और बलिदान रहा है।
भारत की ये संस्कृति है, जिसका हर पल गुणगान है।   यह भारत की संस्कृति है, जिसका हम हर पल बखान करते हैं।

07.   अश्व पूजन का ये पर्व, मन में भरता शुभ भाव।   अश्व पूजन का यह त्योहार मन में अच्छे विचार भरता है।
दूर करे हर बाधा को, आए ना कोई भी घाव।   यह हर बाधा को दूर करे, और जीवन में कोई चोट न आए।
निष्ठा और परिश्रम से, भर दें जीवन में नाव।   हम निष्ठा और कड़ी मेहनत से जीवन रूपी नाव को भर दें (सफलता प्राप्त करें)।
विजयादशमी की जय हो, अश्व शक्ति को नमन।   विजयादशमी की जय हो, घोड़े की शक्ति को मेरा नमन है।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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