योम किप्पुर- शीर्षक: प्रायश्चित्त की पुकार-✡️🙏⏳💧📜🤔🎺😇❤️

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:45:27 AM

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Atul Kaviraje

योम किप्पुर (Yom Kippur) - प्रायश्चित्त और आत्म-शुद्धि का महापर्व-

✡️🙏🕯� ईश्वर से क्षमा और आत्मा की पूर्ण शुद्धि 🕯�🙏✡️-

हिंदी कविता - योम किप्पुर-

शीर्षक: प्रायश्चित्त की पुकार (The Call of Atonement)-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   तिश्री माह की दसवी तिथि, योम किप्पुर आज है।   तिश्री महीने की दसवीं तारीख है, आज योम किप्पुर है।
पवित्र दिनों का दिन ये, आत्मा की पुकार है।   यह पवित्र दिनों का सबसे पवित्र दिन है, यह आत्मा का आह्वान है।
उपवास और प्रार्थना से, ईश्वर का ही प्यार है।   उपवास और प्रार्थना के माध्यम से, ईश्वर का ही प्रेम प्राप्त होता है।
पिछले साल के पापों को, धोने का ये द्वार है।   यह पिछले साल के पापों को धोने का प्रवेश द्वार है।

02.   पच्चीस घंटे का ये तप, अन्न-जल का त्याग है।   यह 25 घंटे की तपस्या है, जिसमें भोजन और पानी का त्याग किया जाता है।
सफेद वस्त्र पहनकर जन, शुद्धता का राग है।   लोग सफेद कपड़े पहनते हैं, जो पवित्रता का गीत है।
दुनिया के सुख को त्यागकर, ईश्वर से अनुराग है।   दुनिया के सुखों को छोड़कर, ईश्वर के प्रति गहरा प्रेम है।
तौबा (तेशूवा) ही सच्चा पश्चाताप, हृदय में वैराग है।   पश्चाताप (तेशूवा) ही सच्चा प्रायश्चित्त है, हृदय में त्याग की भावना है।

03.   कोल् निद्रे की वाणी में, प्रतिज्ञाएँ सब टूटीं।   कोल् निद्रे की प्रार्थना में, (अनजाने में की गई) सभी प्रतिज्ञाएँ टूट गईं।
मानव से भी क्षमा मांगी, जो भूल कभी छूटी।   हमने उन मनुष्यों से भी क्षमा मांगी, जिनसे अनजाने में कोई गलती हुई।
दसों दिन की गहन तपस्या, आज हुई है पूरी।   भय के दसों दिन की गहन तपस्या, आज पूरी हो गई है।
लेखनी ईश्वर की चल रही, भाग्य की गांठे छूटी।   ईश्वर की कलम चल रही है, (और आशा है कि) भाग्य की गाँठें खुल गईं।

04.   सिनेगॉग में भीड़ लगी, भक्ति की एक धार है।   यहूदी मंदिर में भीड़ लगी है, भक्ति की एक लहर बह रही है।
योनाह की पुस्तक पढ़ रहे, ईश्वर का विस्तार है।   योनाह की किताब पढ़ी जा रही है, (जो बताती है कि) ईश्वर सर्वव्यापी हैं।
पापों की स्वीकारोक्ति में, हृदय का उद्धार है।   पापों को स्वीकार करने में ही, हृदय का मोक्ष है।
ईमानदारी की राह पर, चलने का अब सार है।   अब ईमानदारी के रास्ते पर चलना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य है।

05.   दिन भर चली है नी'लाह, दया का द्वार बंद हो।   दिन भर नी'लाह (अंतिम प्रार्थना) चली, (क्योंकि माना जाता है कि) दया का द्वार बंद होने वाला है।
अंतिम क्षण की प्रार्थना, प्रभु! अब ना कोई मन्द हो।   अंतिम क्षण की प्रार्थना है, हे प्रभु! अब कोई कमी न रह जाए।
शोफ़र की ध्वनि गूँज उठी, आत्मा का आनंद हो।   भेड़ के सींग (शोफ़र) की आवाज़ गूंज उठी है, आत्मा को अब आनंद हो।
ईश्वर ने क्षमा किया सबको, जीवन अब स्वच्छंद हो।   ईश्वर ने सबको माफ कर दिया है, अब जीवन स्वतंत्र हो जाए।

06.   अदालत स्वर्ग की बैठी है, पुस्तक में नाम लिखता।   स्वर्ग की अदालत बैठी है, (ईश्वर) जीवन की पुस्तक में नाम लिख रहे हैं।
क्षमाशील हो जाओ तुम भी, ये संदेश हमें दिखता।   (जैसे ईश्वर क्षमा करते हैं), वैसे ही तुम भी क्षमाशील हो जाओ, यह संदेश हमें मिलता है।
मानव-मानव में मेल रहे, ये ही सच्चा तप बिकता।   मनुष्यों के बीच मेल-मिलाप रहे, यही सच्ची तपस्या का फल है।
सत्य और न्याय की डगर पर, अब हर कदम ठीकता।   सत्य और न्याय के रास्ते पर, अब हर कदम सही पड़ता है।

07.   आओ हम भी क्षमा माँगे, जो हमने दुख दिया किसी को।   आओ हम भी उन लोगों से क्षमा माँगे, जिन्हें हमने दुख पहुँचाया है।
ईमानदारी से जीवन जीकर, खुशी बाँटेंगे सभी को।   ईमानदारी से जीवन जीकर, हम सभी में खुशियाँ बाटेंगे।
पवित्रता के इस पर्व को, याद रखेंगे हम युगों को।   पवित्रता के इस त्योहार को, हम युगों तक याद रखेंगे।
योम किप्पुर अमर रहे, प्रेम दें हम सभी को।   योम किप्पुर अमर रहे, हम सभी को प्रेम दें।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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