बिलाशी की कुसाई- शीर्षक: सतपुड़ा की शक्ति-बिलाशी की कुसाई- शीर्षक: सतपुड़ा की शक

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 02:24:01 PM

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Atul Kaviraje

श्री कुसाई देवी यात्रा-बिलाशी: सतपुड़ा की शक्ति और गाँव का विश्वास-

🔱 🏹 ⛰️ 'कुसाई मातेचा उदो उदो!' 🚩 ✨

हिंदी कविता - बिलाशी की कुसाई-

शीर्षक: सतपुड़ा की शक्ति-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   कुसाई माता बिलाशी में, तेरा ऊँचा धाम।   माँ कुसाई, बिलाशी में तुम्हारा मंदिर ऊँचा है।
दशहरे का पर्व है आज, जपे तेरा नाम।   आज दशहरे का त्योहार है, तुम्हारा नाम जपें।
शिराळा की तू ग्रामदेवता, सफल हो हर काम।   तुम शिराळा की ग्रामदेवता हो, हर काम सफल हो।
भक्ति भाव से भर जाए, मेरा हर सुबह-शाम।   मेरा हर सुबह-शाम भक्ति भाव से भर जाए।

02.   पर्वत की तलहटी में, शांति का है वास।   पर्वत की तलहटी में, शांति का निवास है।
घने जंगलों में बैठी, मिटाती हर प्यास।   घने जंगलों में बैठी हो, हर इच्छा पूरी करती हो।
तेरी पालखी जब निकले, पूरी हो हर आस।   जब तुम्हारी पालखी निकले, हर उम्मीद पूरी हो।
तू ही शक्ति, तू ही भक्ति, तू ही है विश्वास।   तुम ही शक्ति हो, तुम ही भक्ति हो, तुम ही विश्वास हो।

03.   गोंधळ गूंजे रात भर, तेरी कथाएं गाएँ।   गोंधळ (स्तुति गीत) रात भर गूंजे, तुम्हारी कथाएं गाएँ।
ढोल-ताशा की ताल पर, भक्त झूमते जाएँ।   ढोल-ताशा की ताल पर, भक्त झूमते जाते हैं।
शस्त्र पूजा हो रही, शौर्य का मान बढ़ाएँ।   शस्त्र पूजा हो रही है, शौर्य का सम्मान बढ़ाएँ।
तेरी महिमा सुनकर, जीवन को महकाएँ।   तुम्हारी महिमा सुनकर, जीवन को महकाएँ।

04.   नागपंचमी की डोर भी, तुझसे जुड़ी हुई है।   नागपंचमी की डोर भी, तुमसे जुड़ी हुई है।
साँपों की रक्षक माता, तू ही दयालु हुई है।   साँपों की रक्षक माता, तुम ही दयालु हुई हो।
सामुदायिक भोज में, एकता की जय हुई है।   सामुदायिक भोजन में, एकता की जय हुई है।
तेरी कृपा की छाया, जीवन को नई जुई है।   तुम्हारी कृपा की छाया, जीवन को नई दिशा दी है।

05.   साड़ियों और आभूषणों से, तेरी मूर्ती सजी है।   साड़ियों और आभूषणों से, तुम्हारी मूर्ति सजी है।
सच्चे मन से मांगे नवस, तेरी कृपा से भजी है।   सच्चे मन से मांगी गई मन्नत, तुम्हारी कृपा से पूरी हुई है।
सुबह का गोंधळ माँ, दिव्य रोशनी छजी है।   सुबह का गोंधळ माँ, दिव्य रोशनी फैली है।
तेरा दर्शन पाकर माँ, मेरी आत्मा तजी है।   तुम्हारा दर्शन पाकर माँ, मेरी आत्मा शुद्ध हुई है।

06.   ग्रामीण संस्कृति तेरी, आज भी है महान।   तुम्हारी ग्रामीण संस्कृति, आज भी महान है।
लोक परंपरा जीवित रहे, यह तेरी पहचान।   लोक परंपरा जीवित रहे, यही तुम्हारी पहचान है।
हर एक भक्त के मन में, हो तेरा ही ध्यान।   हर एक भक्त के मन में, तुम्हारा ही ध्यान हो।
दुःख-कष्ट हो दूर सारे, पाँव में हो कल्याण।   सारे दुःख-कष्ट दूर हों, हर कदम पर कल्याण हो।

07.   माँ कुसाई का आशीर्वाद, मिले हम सबको।   माँ कुसाई का आशीर्वाद, हम सबको मिले।
तेरी शक्ति, तेरी भक्ति, तू ही माँ सब हो।   तुम्हारी शक्ति, तुम्हारी भक्ति, तुम ही माँ सब कुछ हो।
बिलाशी की देवी माँ, वंदन स्वीकारो अब तो।   बिलाशी की देवी माँ, मेरा वंदन स्वीकार करो अब।
जय जय कुसाई माँ, उदो उदो तेरा।   जय जय कुसाई माँ, तुम्हारा जयजयकार हो।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
👸 🔱 🚩 🏞� 🎶 🐍 🧡 🙏 🏆

--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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