तुळजाभवानी की विजय- शीर्षक: शक्ति का आशीष-👸 🗡️ 🚩 🥁 💛 ✨ 👑 🙏 🧡

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 02:26:09 PM

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Atul Kaviraje

श्री तुळजाभवानी यात्रा-काटीमोड: शक्तिपीठ की आस्था और विजयादशमी का शौर्य-

भवानी 🗡� 🐅 🚩 'तुळजाभवानी मातेचा उदो उदो!' 🙏 ✨

हिंदी कविता - तुळजाभवानी की विजय-

शीर्षक: शक्ति का आशीष-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   काटीमोड की भूमि पर, तेरा धाम सजा है।   काटीमोड की धरती पर, तुम्हारा मंदिर सजा है।
तुळजाभवानी माता, भक्तों में राज़ा है।   तुळजाभवानी माता, भक्तों के दिलों पर राज करती हो।
दशहरे की यात्रा में, हर कंठ गजा है।   दशहरे की यात्रा में, हर गला तुम्हारा गुणगान करता है।
शक्ति-भक्ति के सागर में, जीवन ताज़ा है।   शक्ति और भक्ति के सागर में, जीवन नया और पवित्र है।

02.   नवरातों की पूर्णता, आज विजय का पर्व।   नवरात्रों की पूर्णता, आज विजय का त्योहार है।
सिमोल्लंघन की लीला, त्यागें मन का दर्व।   सीमा लांघने की लीला, मन के अहंकार को त्यागते हैं।
पालखी में बैठी माता, देती सबको गर्व।   पालखी में बैठी माता, सबको गर्व प्रदान करती है।
शिवाजी की प्रेरणा, तू ही है गौरव।   शिवाजी की प्रेरणा, तुम ही हमारा गौरव हो।

03.   ढोल-ताशा की गूंज पर, भंडार उड़ता जाए।   ढोल-ताशा की गूंज पर, पीला भंडार (हल्दी) उड़ता जाता है।
हल्दी-कुमकुम से माता, तेरी राह सजाए।   हल्दी-कुमकुम से भक्त, तुम्हारी राह सजाते हैं।
सच्चे मन से जो पुकारे, तू दौड़ी चली आए।   सच्चे मन से जो तुम्हें पुकारता है, तुम दौड़कर चली आती हो।
तेरी कृपा की छाया में, भक्त सुख पाए।   तुम्हारी कृपा की छाया में, भक्त सुख पाते हैं।

04.   मंदिर की वास्तुकला, प्राचीन इतिहास।   मंदिर की वास्तुकला, पुराना इतिहास बताती है।
सिंहासन पर बैठी माँ, देती विजय-आस।   सिंहासन पर बैठी माँ, जीत की उम्मीद देती है।
नारियल, खारीक से, ओटी का हो वास।   नारियल और खारीक से, ओटी (आँचल) भरी जाती है।
नवस पूरा हो सबका, तू ही मेरा विश्वास।   सबकी मन्नत पूरी हो, तुम ही मेरा विश्वास हो।

05.   गोंधळ गूँजे रात भर, माँ की शौर्य गाथा।   गोंधळ रात भर गूँजता है, माँ की वीरता की कहानी।
शस्त्र पूजा की रीत है, झुके हर एक माथा।   शस्त्र पूजा की रीत है, हर एक सिर तुम्हारे सामने झुकता है।
ग्रामीण एकता का दृश्य, तू ही भाग्य विधाता।   ग्रामीण एकता का दृश्य है, तुम ही भाग्य लिखने वाली हो।
दुःख-कष्ट से मुक्ति दे, तू ही है जग की माता।   दुःख-तकलीफ से मुक्ति दो, तुम ही संसार की माता हो।

06.   जत्रा लगी है जोर से, सब जगह उल्लास।   मेला जोर से लगा है, सब जगह खुशी है।
बच्चों का है खेल यहाँ, बड़ों का उपवास।   बच्चों का खेल है यहाँ, बड़ों का व्रत है।
तेरी भक्ति में खोकर, मिट जाए हर त्रास।   तुम्हारी भक्ति में खोकर, हर कष्ट मिट जाए।
अहमदनगर की भूमि, माँ तेरा ही वास।   अहमदनगर की भूमि पर, माँ तुम्हारा ही निवास है।

07.   भवानी माता की जय, जय जय माँ तुळजा।   भवानी माता की जय, जय जय माँ तुळजा।
तेरी कृपा से होवे, हर संकट का खात्मा।   तुम्हारी कृपा से हो, हर संकट का अंत।
स्वीकार करो वंदन, हे आदिशक्ति आत्मा।   मेरा प्रणाम स्वीकार करो, हे आदिशक्ति।
तुळजाभवानी माता की, जय-जयकार हो सदा।   तुळजाभवानी माता की, हमेशा जय-जयकार हो।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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