साईंबाबा पुण्यतिथी उत्सव - श्रद्धा और सबूरी का महापर्व-1-🙏 🕌📅🕰️

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 09:34:15 PM

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Atul Kaviraje

साईबाबा पुण्यतिथी उत्सव-शिर्डी-

2 अक्टूबर 2025 को साईंबाबा पुण्यतिथी उत्सव का मुख्य दिन है, जिसे शिर्डी में अत्यंत भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसी दिन दशहरा (विजयादशमी) का पर्व भी है, जिस दिन साईं बाबा ने महासमाधि ली थी।

साईंबाबा पुण्यतिथी उत्सव - श्रद्धा और सबूरी का महापर्व (02 अक्टूबर, 2025)-

तिथि: 02 अक्टूबर, 2025 (गुरुवार)मुख्य पर्व: शिर्डी, महाराष्ट्र

साईं बाबा का पुण्यतिथी उत्सव हर साल विजयादशमी (दशहरा) के दिन शिर्डी में तीन दिवसीय समारोह के रूप में मनाया जाता है। 2 अक्टूबर 2025 को उत्सव का मुख्य दिन होगा। यह दिन केवल बाबा के महाप्रयाण (महासमाधि) की याद दिलाता है, बल्कि उनके अमर संदेश "सबका मालिक एक" और "श्रद्धा और सबूरी" (विश्वास और धैर्य) को जीवन में उतारने का संकल्प लेने का भी पर्व है। इस दिन देश-विदेश से लाखों भक्त शिर्डी में एकत्रित होते हैं, और पूरा वातावरण भक्ति, प्रेम और दैवीय ऊर्जा से भर जाता है।

🙏 ॐ साईं राम 🙏 🕌 अल्लाह मालिक 🕋

लेख के 10 प्रमुख बिंदु (उदाहरण, प्रतीक और इमोजी सहित)

1. उत्सव का ऐतिहासिक महत्व (Historical Significance) 📅🕰�
महासमाधि दिवस: साईं बाबा ने 15 अक्टूबर 1918 को विजयादशमी (दशहरा) के दिन शिर्डी में महासमाधि ली थी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार तिथि कभी-कभी बदल जाती है, लेकिन उत्सव हमेशा इस तिथि के आसपास तीन दिनों तक चलता है।

शताब्दी: 2025 में यह बाबा का 107वाँ (107th) पुण्यतिथी उत्सव होगा।

प्रतीक: कैलेंडर 📅 और घड़ी 🕰�, जो समय की अटल सत्यता और बाबा के अमरत्व को दर्शाते हैं।

2. तीन दिवसीय समारोह का स्वरूप (The Three-Day Festival Format) 🎪🎶
आयोजन: श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिर्डी द्वारा तीन दिवसीय विशाल उत्सव का आयोजन किया जाता है।

मुख्य गतिविधियाँ: अखंड पारायण (सतत पाठ), काकड़ आरती, मंगल स्नान, पाद्य पूजा, भिक्षा झोली, कीर्तन, शोभायात्रा (रथ और पालखी), सीमोल्लंघन और भजन संध्या जैसे कार्यक्रम शामिल होते हैं।

इमोजी: ढोल 🥁 और दीया 🕯�, उत्सव की जीवंतता को दर्शाते हैं।

3. पुण्यतिथी का मुख्य दिन - 02 अक्टूबर (The Main Day) ⭐🕉�
कार्यक्रम: 02 अक्टूबर को अखंड पारायण (गुरुवार सुबह 5:45 बजे) का समापन होता है। बाबा की मूर्ति का मंगल स्नान, उसके बाद पाद्य पूजा होती है।

भिक्षा झोली: सुबह 9 बजे, बाबा के भिक्षा मांगने की परंपरा को याद करते हुए, भिक्षा झोली कार्यक्रम आयोजित होता है, जिसमें संस्था के मुख्य पदाधिकारी बाबा के वस्त्र पहनकर भिक्षा मांगते हैं।

इमोजी: समाधि मंदिर 🕌 और फूल 🌸, समर्पण का प्रतीक।

4. 'श्रद्धा' और 'सबूरी' का संदेश (The Message of Faith and Patience) 🙏🕊�
मूल मंत्र: साईं बाबा के दो सबसे महत्वपूर्ण उपदेश 'श्रद्धा' (विश्वास/Faith) और 'सबूरी' (धैर्य/Patience) हैं।

उदाहरण: बाबा ने भक्तों को सिखाया कि जीवन की हर परिस्थिति में ईश्वर पर दृढ़ विश्वास बनाए रखें और अपने कर्मों के फल के लिए धैर्य रखें।

प्रतीक: ताला और चाबी 🔑, यह दर्शाता है कि इन दो गुणों से जीवन की समस्याओं के द्वार खुलते हैं।

5. 'सबका मालिक एक' की भावना (Unity of God) 🤝🌍
धर्मनिरपेक्षता: साईं बाबा ने जीवन भर हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया। वे मस्जिद में रहते थे, जिसे 'द्वारकामाई' कहा जाता था, और 'अल्लाह मालिक' के साथ 'साईं राम' का भी उद्घोष करते थे।

विश्व बंधुत्व: उनका उपदेश आज भी जाति, पंथ और धर्म के भेदभाव को मिटाने की प्रेरणा देता है।

इमोजी: हाथ मिलाना 🤝 और विश्व 🌍, विश्वबंधुत्व का प्रतीक।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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