धम्मचक्र प्रवर्तन दिन: मानवता, समानता और ज्ञान का मार्ग-1-☸️ 🐘 🤝

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 09:37:22 PM

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Atul Kaviraje

धम्मचक्र प्रवर्तन दिन-

2 अक्टूबर 2025 को धम्मचक्र प्रवर्तन दिन का 69वाँ वर्ष मनाया जा रहा है। यह दिन भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि में लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण करने की ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है।

धम्मचक्र प्रवर्तन दिन: मानवता, समानता और ज्ञान का मार्ग-

तिथि: 02 अक्टूबर, 2025 (गुरुवार) - 69वाँ धम्मचक्र प्रवर्तन दिन

☸️ 🐘 🤝 ज्ञान का चक्र, समता का प्रतीक 📖🙏

धम्मचक्र प्रवर्तन दिन एक ऐतिहासिक और सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। यह दिन 14 अक्टूबर, 1956 को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा नागपुर की दीक्षाभूमि पर अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व भारतीय समाज में समानता, न्याय, करुणा और मानवीय गरिमा की स्थापना के लिए किए गए सबसे बड़े आंदोलनों में से एक है। यह केवल एक धार्मिक परिवर्तन नहीं, बल्कि सामाजिक मुक्ति और आत्म-सम्मान की पुनर्स्थापना का महापर्व है।

लेख के 10 प्रमुख बिंदु (उदाहरण, प्रतीक और इमोजी सहित)

1. धम्मचक्र प्रवर्तन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Historical Background) 📅
तारीख और स्थान: 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि पर डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया। यह घटना पारंपरिक विजयदशमी के दिन हुई थी, जिसे अशोक विजयादशमी भी कहा जाता है।

अर्थ: धम्मचक्र प्रवर्तन का अर्थ है 'धर्म के चक्र को गतिमान करना'।

प्रतीक: कैलेंडर 📅 और नागपुर दीक्षाभूमि का स्तूप 🏯 (धम्म स्तूप)।

2. डॉ. अंबेडकर का संकल्प (Dr. Ambedkar's Resolve) 🦁
प्रतिज्ञा: 1935 में येओला, नासिक में डॉ. अंबेडकर ने घोषणा की थी कि वह हिंदू धर्म में पैदा हुए हैं, लेकिन हिंदू धर्म में मरेंगे नहीं।

उद्देश्य: उनका उद्देश्य एक ऐसा धर्म अपनाना था जो मानवीय मूल्यों, समानता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हो। बौद्ध धर्म ने उन्हें यह आधार प्रदान किया।

इमोजी: सिंह 🦁 (अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक)।

3. बौद्ध धर्म चुनने का कारण (Reason for Choosing Buddhism) 🧘
मूल सिद्धांत: बौद्ध धर्म प्रज्ञा (ज्ञान), शील (सदाचार), और करुणा (दया) के तीन मूल सिद्धांतों पर आधारित है, जो रूढ़िवादिता और अंधविश्वासों से मुक्त हैं।

अंबेडकर के विचार: उन्होंने कहा था कि बौद्ध धर्म एकमात्र धर्म है, जो बुद्धि और तर्क पर खरा उतरता है, और यह स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व (Fraternity) सिखाता है।

इमोजी: ध्यान मुद्रा 🧘, शांति और प्रज्ञा का प्रतीक।

4. लाखों अनुयायियों का धर्मांतरण (Mass Conversion) 🫂
सामाजिक क्रांति: 1956 में डॉ. अंबेडकर के साथ 5 लाख से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली, जो इतिहास की सबसे बड़ी धार्मिक क्रांति में से एक थी।

प्रभाव: इस घटना ने दलित समुदाय को आत्म-सम्मान और पहचान दिलाई, जिससे सामाजिक परिवर्तन की एक नई लहर शुरू हुई।

इमोजी: हाथ मिलाना 🤝 और भीड़ 👥, एकता और क्रांति का प्रतीक।

5. धम्मचक्र प्रवर्तन दिन का महत्व (Significance of the Day) 🇮🇳
राष्ट्रीय पर्व: यह केवल बौद्धों का ही नहीं, बल्कि भारतीय संविधान और समानता के मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर नागरिक का पर्व है।

अशोक विजयादशमी: डॉ. अंबेडकर ने यह दिन इसलिए चुना क्योंकि इसी दिन सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म स्वीकार कर धम्म विजय का मार्ग अपनाया था।

इमोजी: अशोक चक्र ☸️ (राष्ट्रीय प्रतीक)।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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