पाशांकुशा एकादशी -1-📅 🙏 ✨ 💧 🕉️ 🧘 🎁 🌸 🐚 😇

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2025, 10:29:23 AM

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Atul Kaviraje

पाशांकुशा एकादशी -

पाशांकुशा एकादशी (03 अक्टूबर, 2025 - शुक्रवार) : भक्ति भाव पूर्ण विस्तृत लेख-

यह शुभ तिथि, पाशांकुशा एकादशी, जिसे कभी-कभी पापांकुशा एकादशी भी कहा जाता है, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु की आराधना और पापों से मुक्ति पाने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह लेख भक्ति भाव से परिपूर्ण होकर इस पावन व्रत के महत्व, विधि और फल पर प्रकाश डालता है।

1. एकादशी का परिचय और तिथि 📅
मूल नाम: पाशांकुशा एकादशी या पापांकुशा एकादशी।

समय: आश्विन मास (सितंबर/अक्टूबर) के शुक्ल पक्ष की एकादशी।

अर्थ: 'पाश' का अर्थ है बंधन (मोह-माया के बंधन) और 'अंकुश' का अर्थ है नियंत्रण। यह एकादशी इन बंधनों को नियंत्रित करने का अवसर देती है।

2025 में तिथि: 03 अक्टूबर, शुक्रवार।

2. पौराणिक महत्व एवं कथा 📖
कथा का सार: इस व्रत की कथा में युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच का संवाद है।

मुख्य फल: यह एकादशी जीवन के पापों के बंधन से मुक्ति दिलाती है और वैकुंठ धाम की ओर अग्रसर करती है।

उदाहरण: प्राचीन काल में विंध्यपर्वत पर क्रूर कर्मों वाला केतुमान नामक शिकारी रहता था। अंतिम समय में यमदूतों से भयभीत होकर जब उसने महर्षि अंगिरा से पाशांकुशा एकादशी का महत्व सुना और इसका पालन किया, तो उसे मोक्ष प्राप्त हुआ।

सिद्धांत: सच्चे मन से किया गया प्रायश्चित और यह व्रत सबसे बड़े पापों का भी नाश कर देता है।

3. व्रत की विधि और नियम 🙏
संकल्प: दशमी के दिन एक समय भोजन करें और एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर व्रत का संकल्प लें।

पूजा: भगवान पद्मनाभ (भगवान विष्णु का रूप) की पूजा करें। उन्हें कमल के फूल, तुलसी, नैवेद्य और दीपक अर्पित करें।

जागरण: रात में भगवान विष्णु के भजन, कीर्तन और मंत्रोच्चार के साथ जागरण (रात भर जागना) करें।

परम पावन वस्तु: इस दिन तुलसी दल से भगवान की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। 🌿

4. फल और महिमा ✨
पाप-नाशक: यह एकादशी पापों के बंधन को उसी प्रकार काट देती है जैसे अंकुश हाथी को नियंत्रित करता है।

धन्य-धान्य की प्राप्ति: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक सुख-संपत्ति और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।

तीर्थ यात्रा का पुण्य: इस व्रत को करने से गंगा, गया, काशी आदि तीर्थों में स्नान करने के समान पुण्य मिलता है।

सिंबल: कमल का फूल (शुद्धता) और शंख (विजय और शुभता)। 🌸🐚

5. दान का महत्व 🎁
दान की वस्तुएं: इस दिन अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, जूते, छाता, या जल का दान करना बहुत शुभ होता है।

पात्र: दान हमेशा योग्य और जरूरतमंद व्यक्ति को ही देना चाहिए।

भाव: दान हमेशा निस्वार्थ भाव से किया जाना चाहिए, तभी उसका पूरा फल मिलता है।

महान उपकार: 'भूखे को अन्न और प्यासे को जल' का दान सबसे बड़ा धर्म है।

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📅 🙏 ✨ 💧 🕉� 🧘 🎁 🌸 🐚 😇

(Calendar: Date) (Prayer: Vrat) (Star: Glory) (Water drop: Purity/Tirtha) (Om: Mantra) (Meditating person: Dhyan/Self-Control) (Gift: Daan) (Flower: Puja) (Shell: Shubh/Moksha) (Angel: Divine Blessings)

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.10.2025-शुक्रवार.
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