पाशांकुशा एकादशी -2-📅 🙏 ✨ 💧 🕉️ 🧘 🎁 🌸 🐚 😇

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2025, 10:29:52 AM

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Atul Kaviraje

पाशांकुशा एकादशी -

पाशांकुशा एकादशी (03 अक्टूबर, 2025 - शुक्रवार) : भक्ति भाव पूर्ण विस्तृत लेख-

6. भक्ति भाव की प्रधानता ❤️
शुद्ध मन: एकादशी का व्रत केवल उपवास नहीं है, यह मन को शुद्ध करने का आध्यात्मिक अभ्यास है।

स्मरण: पूरे दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

प्रेम: भगवान के प्रति अखंड प्रेम और विश्वास ही इस व्रत का मूल सार है।

उद्धरण: "भक्ति से ही मुक्ति है।"

7. एकादशी का वैज्ञानिक और स्वास्थ्य पक्ष ⚕️
शारीरिक शुद्धि: उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर की शुद्धि होती है।

मानसिक शांति: व्रत मन को नियंत्रित करने, संयम सिखाने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है।

ध्यान: यह दिन ध्यान और आत्म-चिंतन के लिए एक उत्कृष्ट समय है।

8. उदाहरण (वर्तमान संदर्भ) 💡
आज के दौर में, 'पाश' हमारे अत्यधिक लोभ, क्रोध और व्यर्थ की चिंताएं हैं।

'अंकुश' का अर्थ है, इन विकारों पर संयम और नैतिक बल का प्रयोग करना।

आचरण: दूसरों की निंदा न करना, सत्य बोलना और जरूरतमंद की मदद करना ही वास्तविक एकादशी व्रत है।

9. पारण (व्रत खोलना) 🥣
नियम: द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत खोलना चाहिए।

पारण विधि: स्नान के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाकर, ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराने के बाद ही व्रत खोलें।

10. उपसंहार 🌟
पाशांकुशा एकादशी हमें संदेश देती है कि जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं के बंधन से ऊपर उठकर, भगवान की भक्ति और सदाचार के मार्ग पर चलना ही परम लक्ष्य है। यह दिन न केवल हमारे पापों का नाश करता है, बल्कि हमें पुण्य, मोक्ष और शांति प्रदान करता है।

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(Calendar: Date) (Prayer: Vrat) (Star: Glory) (Water drop: Purity/Tirtha) (Om: Mantra) (Meditating person: Dhyan/Self-Control) (Gift: Daan) (Flower: Puja) (Shell: Shubh/Moksha) (Angel: Divine Blessings)

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.10.2025-शुक्रवार.
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